कोटड़ा गांव में अध्यापकों के तबादले से क्षुब्ध ग्रामीणों ने स्कूल को ताला जड़ दिया और जमकर रोष जताया। स्कूल को ताला जडऩे वाले ग्रामीणों में ज्यादातर महिलाएं थी। ग्रामीणों ने शिक्षा विभाग के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और स्कूल से अध्यापकों के तबादले पर गहरा रोष जताया। प्रदर्शन करने वालों में सतपाल, सुभाष, बलवान, युवा समिति प्रधान सुरेन्द्र, रामफल ठेकेदार, भीरा, राजबीर पंच, राजेश पंच, जगता राम, शकुंतला देवी, सुनीता, अनुकंपा, प्रकाशो, मुन्नी का कहना था कि उनके गांव में राजकीय प्राथमिक पाठशाला एवं राजकीय उच्च विद्यालय में एक तो पहले से ही अध्यापकों का टोटा है ऊपर से शिक्षा विभाग ने तीन अन्य अध्यापकों का तबादला कर दिया है। उन्होंने कहा कि इन अध्यापकों के तबादले से गांव के स्कूलों में पढ़ाई ठप हो रह गई है। उनका आरोप था कि शिक्षा विभाग शिक्षा की ओर ध्यान न देकर अध्यापकों के तबादले कर रहा है और आए दिन तुगलकी फरमान जारी कर रहा है।
तीन पद खाली चार का तबादला
गांव में पहले से ही मुख्य अध्यापक, विज्ञान व ड्राइंग विषय के अध्यापकों के पद खाली है। ऊपर से राजकीय उच्च विद्यालय के हिन्दी अध्यापक श्रीचन्द, राजकीय प्राथमिक पाठशाला के कर्मवीर व ऋषिपाल का तबादला कर दिया। इससे स्कूल में पढऩे वाले करीब 800 छात्रों का क्या होगा जो पढऩे के लिए स्कूल आते हैं। ग्रामीणों द्वारा स्कूल को ताला लगाने की सूचना खंड शिक्षा अधिकारी दलीप सिंह को दी गई। ताले लगने की सूचना पाकर खंड शिक्षा अधिकारी मौके पर पहुंचे और उन्होंने ग्रामीणों का समझा बुझाकर स्कूल से ताला खुलवाया। उन्होंने समझाते हुए कहा कि वे स्कूल को ताला लगाकर बच्चों की पढ़ाई खराब न करें।
इसके बाद राजकीय उच्च विद्यालय कोटड़ा एवं राजकीय प्राथमिक पाठशाला की स्कूल प्रबंधक समिति की बैठक बुलाई। बैठक स्कूल प्रबंधक समिति के प्रधान सुभाष व चेयरमैन सतपाल की अध्यक्षता में हुई। बैठक में अध्यापकों के तबादलों का विरोध किया गया और शिक्षा विभाग से उपरोक्त अध्यापकों के तबादलों को रद्द करने की मांग की गई।
|
No comments:
Post a Comment
thanks for your valuable comment