अमान्य बोर्ड, यूनिवर्सिटी की सूची जारी +++इतनी हाईटेक तकनीक से कर रहा था नकल, शिक्षकों के भी उड़े होश ++भावी शिक्षक ट्रेनिंग को हो रहे हैं परेशान++बदलेगी तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती की मेरिट लिस्ट +++फर्जी तरीके से नियुक्ति पाने वालों पर होगी कार्रवाई +

हिमाचल प्रदेश स्कूल स्कूल शिक्षा बोर्ड ने उन बोर्डो, विश्वविद्यालयों और संस्थानों की सूची तैयार की है, जिनके द्वारा संचालित परीक्षाओं को हिमाचल शिक्षा बोर्ड द्वारा आगामी कक्षा में प्रवेश के लिए मान्य नहीं होगा। बोर्ड सचिव अश्वनी चौधरी ने बताया कि बहुत से परीक्षार्थी अन्य बोर्डो/विश्वविद्यालयों अथवा संस्थानों में दाखिला ले लेते हैं जो एचपीबीईएस से मान्यता प्राप्त नहीं होता है। इन संस्थानों से परीक्षाएं पास करने वालों को अगली कक्षा में हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड दाखिला नहीं देगा।

गैर मान्यता वाले संस्थानों की लिस्ट

1. बोर्ड ऑफ हॉयर सेकेंडरी एजुकेशन दिल्ली।
2. इंडियन काउंसिल ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन इंडिया फतेहुलागंज मुरादाबाद और इंडियन काउंसिल ऑफ सकेंडरी एजुकेशन इंडिया विलेज हलदुआ साहू उत्तराखंड।
3 ऑल इंडिया बोर्ड ऑफ एजुकेशन ट्रेनिंग दिल्ली
4 ऑल इंडिया बोर्ड ऑफ सकेंडरी एजुकेशन दिल्ली।
5 बोर्ड ऑफ एडल्ट एजुकेशन एंड ट्रेनिंग दिल्ली।
6 सेंट्रल बोर्ड ऑफ हॉयर एजुकेशन ईस्ट पटेल नगर नई दिल्ली।
7 सेंट्रल बोर्ड ऑफ हॉयर एजुकेशन उत्तम नगर नई दिल्ली
8 जामिया उर्दू अलीगढ़ मेडिकल रोड।
9 गुरुकुल विश्वविद्यालय वृंदावन।
10 काउंसिल ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन मोहाली।
11 संपूर्णानंद संस्कृति विश्वविद्यालय वाराणसी।
12 महाशक्ति संस्कृत विद्यापीठ दिल्ली।
13 काउंसिल ऑफ द इंडियन सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन न्यू दिल्ली।
14 भारतीय शिक्षा परिषद लखनऊ।
15 बोर्ड ऑफ सेकेंडरी संस्कृत एजूकेशन यूपी लखनऊ।
16 हिंदी साहित्य सम्मेलन इलाहाबाद।
17 मुंबई हिंदी विद्यापीठ।
18 द सेंट्रल बोर्ड ऑफ हॉयर एजुकेशन नई दिल्ली।
19 डा. राम गोपालाचार्य संस्कृत महाविद्यालय एटा उत्तर प्रदेश।


20 बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन मध्य भारत ग्वालियर मध्य प्रदेश।
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इतनी हाईटेक तकनीक से कर रहा था नकल, शिक्षकों के भी उड़े होश


हरियाणा के रोहतक में महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय में सोमवार को हाईटेक तकनीक से नकल करते बीटस भिवानी के बीटेक के छात्र को को यूआईईटी फैकल्टी ने पकड़ लिया। वह शर्ट के कॉलर में करीब 15 हजार कीमत वाला ट्रांस-रिसीवर और कान में 5000 का माइक स्पाइस लगाकर बाहर गाड़ी में बैठे दोस्तों की मदद से प्रश्न पत्र हल कर रहा था। छात्र का केस बना बरामद शर्ट को सील कर कंडक्ट ब्रांच में भेज दिया गया है।
यूआईईटी की मैकेनिकल ब्रांच में सोमवार को बीटेक पांचवें सेमेस्टर की विशेष परीक्षा में एनालॉग इलैक्ट्रानिक सर्किट की परीक्षा दे रहे छात्र रोल नंबर (1130133947) ने पेपर शुरू होने के करीब 40 मिनट बाद ड्यूटी पर तैनात शिक्षिका डॉ. सोनिया को पंखा बंद करने को कहा।
इस पर शिक्षिका को उसकी हरकतों पर शक हुआ तो दूसरे फैकल्टी सदस्यों को बुलाकर तलाशी ली गई। परीक्षा सुपरिटेंडेंट डॉ. युद्धवीर सिंह ने बताया कि तलाशी के दौरान उन्हें छात्र के पास कुछ नहीं मिला, लेकिन जब उनका हाथ कॉलर पर गया, तो उसमें कुछ डिवाइस लगी महसूस हुई। कॉलर को फाड़ने पर मामला उजागर हुआ।
कोई भी खा जाए धोखा
शर्ट की कॉलर में लगा ट्रांस-रिसीवर और कान में लगे छोटे से माइक स्पाइस की कीमत 20 हजार आंकी गई। यह ऐसी डिवाइस है जो किसी भी नजर को धोखा दे दे। डिवाइस को चार्ज करने, स्विच ऑन और ऑफ करने की पूरी तकनीक कॉलर में ही बंद है। परीक्षा में इस तरह की हाईटेक तकनीक का इस्तेमाल सबको सकते में डालने वाला रहा। यूआईईटी के टीपीओ अरुण हुड्डा ने बताया कि छात्र बाहर बैठे अपने दोस्तों से लगातार संपर्क में था पर उसे पंखा चलने के कारण असुविधा हो रही थी।
और सख्ती के निर्देश
यूआईईटी निदेशक प्रो. एस.पी.खटकड़ के मुताबिक उन सबके लिए यह बिल्कुल नया मामला रहा। इससे पहले मोबाइल और दूसरी तरह की आम तकनीक से तो नकल के मामले कई बार सामने आए, पर इस तरह की हाईटेक तकनीक का प्रयोग हैरान करने वाला है। उन्होंने कहा कि भविष्य में और अधिक सख्ती की जरूरत है, ताकि इस तरह की तकनीक को भी पकड़ा जा सके।
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भावी शिक्षक ट्रेनिंग को हो रहे हैं परेशान

डीएड कर शिक्षक बनने की तैयारी में लगे भावी शिक्षकों को शिक्षा विभाग ने तगड़ा झटका दिया है। तीन सेमेस्टर के बाद पहली बार इंटरशिप की जिम्मेवारी पर लगे भावी शिक्षकों को स्टेशन अलाट करने के मामले में लापरवाही बरती जा रही है।
मेरिट में आने के बावजूद जहां उनका नंबर नहीं पड़ रहा है तो वहीं ट्रेनिंग के लिए उन्हें जिले से दूर भेजा जा रहा है। जबकि पूर्व में यह घोषणा की गई थी कि वे अपने गृह जिले में ही ट्रेंनिग के बाद इंटरशिप कर सकते हैं। अब विभाग द्वारा अधिकांश सीटें लड़कियों से भर ली गई है, जबकि मेरिट प्राप्त कर चुके लड़कों को ट्रेनिंग के लिए जो विकल्प दिए हैं, वही उनके लिए परेशानी का कारण बन रहे हैं।
20 दिन तक ट्रेनिंग लेंगे भावी शिक्षक
20 दिन तक ट्रेनिंग लेंगे उन्हें मेवात, अंबाला, पंचकूला, कैथल, करनाल व पलवल के ग्रामीण क्षेत्रों के लिए विकल्प दिए गए हैं। बोर्ड की ओर से 12 जुलाई-को ही अलाटमेंट की घोषणा की जानी थी, लेकिन इस स्थिति में वहां भी कुछ स्पष्ट दिशा निर्देश नहीं है, जबकि प्रतिभागियों को 16 जुलाई से विभिन्न स्कूलों में जाकर अध्यापन कार्य शुरू करना था। प्रतिभागी 20 दिन तक इन स्कूलों में ट्रेनिंग लेंगे। उसके बाद 180 दिनों के लिए उन्हें इंटर शिप के लिए भेजा जाएगा। स्कूल मुखिया, खंड मौलिक शिक्षा अधिकारी और जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी उनके कार्य का मूल्यांकन करेंगे। डाइट की ओर से उनकी अंतिम रिपोर्ट तैयार होगी।
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बदलेगी तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती की मेरिट लिस्ट



जोधपुर.तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती प्रक्रिया को लेकर हाईकोर्ट के ताजा आदेश से अब पूरे प्रदेश में मेरिट बदल जाएगी। इसका लाभ सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों को मिलेगा। इससे पहले आरक्षण की गलत व्याख्या के कारण सामान्य वर्ग को सरकारी नौकरी में नुकसान हो रहा था।

पंचायत राज विभाग की ओर से जिला स्तर पर आयोजित की गई तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती परीक्षा के संबंध में राजस्थान हाईकोर्ट ने 5 जुलाई को दिए आदेश में कहा कि आरटेट में 60 प्रतिशत से कम अंक लाने वाले एसी,एसटी और ओबीसी सहित चारों वर्ग के अभ्यर्थियों को सामान्य वर्ग की मेरिट लिस्ट में शामिल नहीं किया जाए।

इस आदेश के बाद प्रदेश की सभी जिला परिषदों की ओर से बनाई गई मेरिट लिस्ट प्रभावित होंगी। जिला परिषदों को अब हाईकोर्ट के आदेश की पालना में मेरिट लिस्ट नए सिरे से बनानी पड़ेंगी। नई बनने वाली मेरिट लिस्ट में आरक्षित वर्ग के 60 प्रतिशत से कम अंक लाने वाले अभ्यर्थियों को सामान्य श्रेणी से हटा कर उनके वर्ग की सूची में शामिल किया जाएगा। इससे सामान्य श्रेणी के लोगों को मेरिट में अधिक स्थान मिल सकेंगे।

सरकार के आदेश की पालना होगी

इस संबंध में जिला परिषद के सीईओ परमेश्वरन बी ने बताया कि हाईकोर्ट के आदेश के अनुसार तो मेरिट बदलेगी। इस संबंध में राज्य सरकार जैसा आदेश देगी, उसी के अनुरूप भर्ती प्रक्रिया पूरी की जाएगी ।
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फर्जी तरीके से नियुक्ति पाने वालों पर होगी कार्रवाई



जयपुर.दौसा जिले में 1995 में हुई तृतीय श्रेणी पीटीआई भर्ती में गलत तरीके से नियुक्ति पाने वाले वालों पर अब हाईकोर्ट के निर्देश से कार्रवाई होगी। हाईकोर्ट ने जिला एसपी को निर्देश दिया कि वे अलग से मामला दर्ज कर पता लगाएं कि फर्जी दस्तावेज से किन लोगों ने नियुक्ति पाई थी, जिससे उन लोगों व चयन समिति के सदस्यों पर कार्रवाई की जा सके। अदालत ने एसपी को दो माह में रिपोर्ट पेश करने को कहा है। न्यायाधीश एम.एन.भंडारी ने यह अंतरिम आदेश दिलीप कुमार शर्मा व अन्य की याचिकाओं पर दिया।

आदेश के बाद भी कार्रवाई नहीं :

अदालत ने कहा-यह दुर्भाग्य की बात है कि प्रमुख शिक्षा सचिव व आयुक्त को कार्रवाई के निर्देश दिए थे, लेकिन कार्रवाई नहीं की। ऐसे में अदालत दोषी अफसरों के खिलाफ भी कार्रवाई पर विचार कर सकती है। अदालत ने सरकार पर टिप्पणी करते हुए कहा कि यह विचित्र केस है, जिसमें फर्जी दस्तावेज से नियुक्ति ले ली, लेकिन गड़बड़ी सामने आने पर भी सरकार ने कार्रवाई नहीं की।

सरकारी अफसरों ने ही गड़बड़ी को बढ़ावा दिया और प्रशासन की लापरवाही रही। इससे कम मेरिट वालों ने नियुक्ति ले ली, लेकिन अदालत आंख मूंदकर नहीं बैठ सकती। जबकि सरकार ने कार्रवाई नहीं की।

यह है मामला :

याचिका में कहा कि 1995 की भर्ती में 83 में से 40 अभ्यर्थियों ने फर्जी प्रमाण पत्रों से नियुक्ति ली थी। प्रार्थी ने आरटीआई के आधार पर 21 लोगों के दस्तावेज पेश कर कहा कि उन्होंने फर्जी दस्तावेज दिए, इसलिए उन्हें हटाया जाए।

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