शिक्षा विभाग पर भारी पड़ रहा शिक्षा बोर्ड

 शिक्षा विभाग पर हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड भारी पड़ता हुआ नजर आ रहा है। सोमवार 16 जुलाई भले ही सरकारी स्कूलों में बिना लेट फीस दाखिले का अंतिम दिन रहा, लेकिन बोर्ड ने फार्म भरने की एवज में लेट फीस वसूलनी शुरू कर दी है। इससे अभिभावकों की जेब पर भारी-भरकम बोझ पड़ना लाजिमी है। लेट फीस प्राइवेट व सरकारी दोनों स्कूलों के छात्रों से वसूली जा रही है। प्रदेश में कोई भी बच्चा स्कूलों में दाखिला लेने से वंचित न रह जाए, इस लिए विभाग ने दाखिले की अंतिम तारीख बढ़ाकर 16 जुलाई कर दी थी। ऐसे में दसवीं व 12वीं की कक्षाएं बोर्ड की होने की वजह से सोमवार को जो भी स्कूल जिलों में स्थित हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड के सेंटरों में फार्म जमा करवाने के लिए पहुंचे, तो उनके प्रति फार्म एक हजार रुपये लेट फीस की डिमांड कर दी गई। देखा जाए तो सरकारी स्कूलों में दसवीं कक्षा की मासिक फीस 25 रुपये तथा 12 कक्षा की आ‌र्ट्स की 50 रुपये व साइंस व कामर्स की 75 रुपये है। ऐसे में छात्रों से लेट फीस की एवज में एक हजार रुपये की वसूली का बोर्ड का फरमान
अभिभावकों की जेब खाली करने वाला प्रतीत हो रहा है। इस बारे में पूछने पर बोर्ड के सेंटरों के सुपरिंटेंडेंट ने बताया कि बोर्ड की ओर से लेट फीस वसूलने के सख्त आदेश हैं, इसलिए वे बिना लेट फीस के फार्म नहीं ले सकते। उन्होंने बताया कि दाखिले की अंतिम तिथि भले ही शिक्षा विभाग ने बढ़ाई हो, लेकिन बोर्ड ने फार्म जमा करवाने की तारीख को नहीं बढ़ाया। उधर, स्कूल मुखिया कहते हैं कि जब दाखिले की अंतिम तिथि ही 16 जुलाई है, तो स्कूलों को फार्म भरने की औपचारिकताएं पूरी करने में कम से कम एक सप्ताह का समय लगेगा। ऐसे में अभिभावकों को न चाहते हुए भी बोर्ड को लेट फीस के तौर पर एक हजार रुपये देने पड़ेंगे, जो कि तर्क संगत नहीं है। वहीं, शिक्षा बोर्ड के सचिव डीके बेहरा कहते हैं कि वे अभी बाहर हैं, इस बारे में कोई भी बात मंगलवार को कार्यालय पहुंच कर ही कर सकते हैं

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