अनुबंध के नाम पर शोषण आखिर कब तक

सरकार हर वर्ष सैंकड़ों कर्मचारी अनुबंध के आधार पर नियुक्त करती है। बहुत सारे कर्मचारी वर्षों से नियुक्त हैं पर उन्हें वेतन के नाम पर सहानुभूति ही मिलती है। एक अनुबंधित कर्मचारी भी इंसान होता है। उसकी भी अपनी पारिवारिक व सामाजिक आवश्यकताएं होती हैं। वह भी उतना ही काम करता है जितना एक रेगुलर कर्मचारी। काम में उसकी भी उतनी ही जवाबदेही तय है जितनी रेगुलर की। एक रेगुलर कर्मचारी उसे कच्चा कह प्रताडि़त करता है , वहीं वह कर्मचारी उसके सामने कुंठित महसूस करता है। क्या यह भेदभाव और वेतन विसंगति उचित है। एक इंसान होने के नाते वेतन में फर्क नहीं होना चाहिए या फिर सरकार को रेगुलर कर्मचारी ही भर्ती करने चाहिए। हरियाणा में ऐसे बहुत सारे महकमे हंै जहाँ एक अनुबंधित कर्मचारी को डीसी रेट जो कि किसी अनुबंधित कर्मचारी की न्यूनतम वेतन दर होती है से भी कम वेतन मिलता है। सरकार को एक नीति बनानी चाहिए जिसके तहत अनुबंधित कर्मचारियों को बेहतर सेवाओं के बाद वेतन बढौतरी के साथ नियमित कर दिया जाऐ।

पाठक संवाद 
http://epaper.bhaskar.com/panipat/60/17072012/cph/1/

No comments:

Post a Comment

thanks for your valuable comment

See Also

Education News Haryana topic wise detail.