जयपुर.तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती 2006 में सामान्य पुरुषों के 686 पदों पर सामान्य वर्ग की महिलाओं को नियुक्ति मामले में हाईकोर्ट ने आरपीएससी को निर्देश दिया कि यदि प्रार्थी 686 पदों की वरीयता सूची में आएं तो उनकी नियुक्ति पर विचार
करे।अदालत ने प्रार्थियों को निर्देश दिया कि वे आरपीएससी को प्रतिवेदन दें और आरपीएससी एक महीने में उसका निपटारा करे।
न्यायाधीश एम.एन. भंडारी ने यह आदेश श्याम सुंदर व अन्य की याचिका को निस्तारित करते हुए दिया।
अधिवक्ता आरपी सैनी ने बताया कि आरपीएससी ने 2006 में करीब 28 हजार तृतीय श्रेणी शिक्षकों के पदों पर भर्ती निकाली थी। इसमें सामान्य वर्ग की महिलाओं के लिए 2421 पद आरक्षित थे, लेकिन आरपीएससी ने इन पदों के अलावा सामान्य वर्ग के पुरुषों के 686 पदों पर भी सामान्य वर्ग की महिलाओं को नियुक्ति दे दी।
इसे चुनौती देते हुए कहा कि यदि सामान्य वर्ग के पुरुषों के पदों पर महिलाओं को नियुक्ति नहीं दी जाती तो वे वरीयता सूची में आते और उनकी नियुक्ति होती। अदालत ने नरेश कुमार शर्मा के मामले में दिए निर्णय का अनुसरण करते हुए आरपीएससी को प्रार्थियों के वरीयता सूची में आने पर उनकी नियुक्ति पर विचार करने का निर्देश दिया।
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प्रतियोगी परीक्षाओं में अब अंतिम स्टेज पर ही लिए जाएंगे प्रमाण पत्र
जयपुर.राज्य सरकार के विभागों और अन्य स्वायत्त संस्थाओं की प्रतियोगी परीक्षाओं के दौरान अब चयन की अंतिम स्टेज पर ही जाति प्रमाण पत्र, मूल निवास प्रमाण पत्र लगाने होंगे। नौकरी या प्रतियोगी परीक्षा के आवेदन पत्र के साथ अब खुद का अटेस्टेड या राजपत्रित अफसर से प्रमाणित शपथ पत्र ही काफी होगा। राज्य सरकार ने प्रमाण पत्रों के सरलीकरण को लेकर राजस्व बोर्ड अध्यक्ष की अध्यक्षता में गठित कमेटी की सिफारिशों का मान लिया है।
अब सभी तरह के प्रमाण पत्र जारी करने के लिए प्रदेश भर में एक ही फॉर्मेट तय किया गया है। समिति की सिफारिशों को मानने के बाद सरकार ने नए प्रावधान तत्काल लागू कर दिए हैं। राजस्व विभाग ने इसके आदेश जारी कर दिए हैं।
प्रमाण पत्रों का होगा एक समान फॉर्मेट
स्कूल, कॉलेज, विश्वविद्यालय में प्रवेश, विभिन्न कोर्सेज की परीक्षाओं और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए अब जाति प्रमाण पत्र और मूल निवास प्रमाण पत्र का एक समान फॉर्मेट ही मान्य होगा। कोई भी संस्थान या विभाग परीक्षा के दौरान आवेदन के साथ जाति प्रमाण पत्र के लिए अलग से फार्म लगाकर उसमें प्रमाण पत्र नहीं मांग सकेगा। कई प्रतियोगी परीक्षाओं में विभाग आवेदन पत्र के साथ जाति प्रमाण पत्र का फार्मेट दे थे और उस मूल प्रमाण पत्र को लगाना होता था, अब यह व्यवस्था तत्काल बंद कर दी गई है।
आय प्रमाण पत्र को खुद ही कर सकेंगे प्रमाणित
आय प्रमाण पत्र के लिए अब किसी व्यक्तिका खुद का सत्यापित घोषणा पत्र ही काफी होगा। तहसीलदार और अन्य राजस्व अधिकारी आय प्रमाण पत्र जारी नहीं करेंगे।
नई व्यवस्था के तहत खुद की आय के बारे में दो जिम्मेदार व्यक्तियों से सत्यापित शपथ पत्र को ही आय प्रमाण पत्र मान लिया जाएगा। यह शपथ पत्र नोटेरी या कार्यपालक मजिस्ट्रेट से प्रमाणित करवाना होगा। इसके अलावा बीपीएल कार्ड धारकों के लिए बीपीएल कार्ड को ही आय प्रमाण पत्र के लिए मान्य समझा जाएगा।
राजपत्रित अफसर की जगह दो जिम्मेदार व्यक्तियों की तस्दीक होगी मान्य
अब आवेदन के साथ दो राजपत्रित अधिकारियों की तस्दीक का प्रमाण पत्र भी नहीं मांगा जाएगा। राजपत्रित अधिकारियों से तस्दीक या प्रमाण पत्र की जगह दो जिम्मेदार व्यक्तियों की तस्दीक मान्य होगी। जिम्मेदार व्यक्तियों में जिला प्रमुख, प्रधान, जिला परिषद सदस्य, सरपंच, वार्ड पंच, महापौर, पार्षद, नगरपालिका अध्यक्ष, नगरपालिका सदस्य, सरकारी अधिकारी या कर्मचारी के हस्ताक्षर मान्य होंगे।
ओबीसी का नॉन क्रिमीलेयर सर्टिफिकेट अब एक साल तक मान्य
ओबीसी का नॉन क्रिमीलेयर सर्टिफिकेट अब एक साल तक के लिए मान्य होगा। अब यह 6 माह के लिए ही मान्य होता था। एक बार ओबीसी का नॉन क्रिमीलेयर का सर्टिफिकेट जारी हो जाने के बाद अगर संबंधित व्यक्तिएक साल बाद भी क्रिमीलेयर में नहीं है तो ऐसी स्थिति में उससे सत्यापित शपथ पत्र लेकर पहले जारी प्रमाण पत्र को ही मान लिया जाएगा। ऐसा तीन साल तक किया जाएगा।
एक ही आवेदन पर जारी हो जाएंगे प्रमाण पत्र
एक व्यक्तिके सभी पुत्र पुत्रियों के जाति प्रमाण पत्र एक ही आवेदन पर जारी हो सकेंगे। एक आवेदन में अलग-अलग जाति प्रमाण पत्र जारी कर दिए जाएंगे। यही व्यवस्था मूल निवास प्रमाण पत्र में भी लागू होगी।
कृषि कनेक्शन और कुआं सूखने पर राजस्व विभाग के बजाय ऊर्जा विभाग देगा प्रमाण पत्र
कुएं के सूखने और पानी खारा होने पर पटवारी, गिरदावर व तहसीलदार से प्रमाण पत्र जारी करने की व्यवस्था बंद होगी। इसके लिए अब बिजली कंपनियों या ऊर्जा विभाग के कर्मचारी ही सत्यापन करेंगे। कृषि कनेक्शन या कनेक्शन शिफ्ट करने के लिए जमाबंदी और नक्शा जैसे राजस्व रिकॉर्ड को ही ऊर्जा विभाग मान्य करेगा।
अब सभी तरह के प्रमाण पत्र जारी करने के लिए प्रदेश भर में एक ही फॉर्मेट तय किया गया है। समिति की सिफारिशों को मानने के बाद सरकार ने नए प्रावधान तत्काल लागू कर दिए हैं। राजस्व विभाग ने इसके आदेश जारी कर दिए हैं।
प्रमाण पत्रों का होगा एक समान फॉर्मेट
स्कूल, कॉलेज, विश्वविद्यालय में प्रवेश, विभिन्न कोर्सेज की परीक्षाओं और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए अब जाति प्रमाण पत्र और मूल निवास प्रमाण पत्र का एक समान फॉर्मेट ही मान्य होगा। कोई भी संस्थान या विभाग परीक्षा के दौरान आवेदन के साथ जाति प्रमाण पत्र के लिए अलग से फार्म लगाकर उसमें प्रमाण पत्र नहीं मांग सकेगा। कई प्रतियोगी परीक्षाओं में विभाग आवेदन पत्र के साथ जाति प्रमाण पत्र का फार्मेट दे थे और उस मूल प्रमाण पत्र को लगाना होता था, अब यह व्यवस्था तत्काल बंद कर दी गई है।
आय प्रमाण पत्र को खुद ही कर सकेंगे प्रमाणित
आय प्रमाण पत्र के लिए अब किसी व्यक्तिका खुद का सत्यापित घोषणा पत्र ही काफी होगा। तहसीलदार और अन्य राजस्व अधिकारी आय प्रमाण पत्र जारी नहीं करेंगे।
नई व्यवस्था के तहत खुद की आय के बारे में दो जिम्मेदार व्यक्तियों से सत्यापित शपथ पत्र को ही आय प्रमाण पत्र मान लिया जाएगा। यह शपथ पत्र नोटेरी या कार्यपालक मजिस्ट्रेट से प्रमाणित करवाना होगा। इसके अलावा बीपीएल कार्ड धारकों के लिए बीपीएल कार्ड को ही आय प्रमाण पत्र के लिए मान्य समझा जाएगा।
राजपत्रित अफसर की जगह दो जिम्मेदार व्यक्तियों की तस्दीक होगी मान्य
अब आवेदन के साथ दो राजपत्रित अधिकारियों की तस्दीक का प्रमाण पत्र भी नहीं मांगा जाएगा। राजपत्रित अधिकारियों से तस्दीक या प्रमाण पत्र की जगह दो जिम्मेदार व्यक्तियों की तस्दीक मान्य होगी। जिम्मेदार व्यक्तियों में जिला प्रमुख, प्रधान, जिला परिषद सदस्य, सरपंच, वार्ड पंच, महापौर, पार्षद, नगरपालिका अध्यक्ष, नगरपालिका सदस्य, सरकारी अधिकारी या कर्मचारी के हस्ताक्षर मान्य होंगे।
ओबीसी का नॉन क्रिमीलेयर सर्टिफिकेट अब एक साल तक मान्य
ओबीसी का नॉन क्रिमीलेयर सर्टिफिकेट अब एक साल तक के लिए मान्य होगा। अब यह 6 माह के लिए ही मान्य होता था। एक बार ओबीसी का नॉन क्रिमीलेयर का सर्टिफिकेट जारी हो जाने के बाद अगर संबंधित व्यक्तिएक साल बाद भी क्रिमीलेयर में नहीं है तो ऐसी स्थिति में उससे सत्यापित शपथ पत्र लेकर पहले जारी प्रमाण पत्र को ही मान लिया जाएगा। ऐसा तीन साल तक किया जाएगा।
एक ही आवेदन पर जारी हो जाएंगे प्रमाण पत्र
एक व्यक्तिके सभी पुत्र पुत्रियों के जाति प्रमाण पत्र एक ही आवेदन पर जारी हो सकेंगे। एक आवेदन में अलग-अलग जाति प्रमाण पत्र जारी कर दिए जाएंगे। यही व्यवस्था मूल निवास प्रमाण पत्र में भी लागू होगी।
कृषि कनेक्शन और कुआं सूखने पर राजस्व विभाग के बजाय ऊर्जा विभाग देगा प्रमाण पत्र
कुएं के सूखने और पानी खारा होने पर पटवारी, गिरदावर व तहसीलदार से प्रमाण पत्र जारी करने की व्यवस्था बंद होगी। इसके लिए अब बिजली कंपनियों या ऊर्जा विभाग के कर्मचारी ही सत्यापन करेंगे। कृषि कनेक्शन या कनेक्शन शिफ्ट करने के लिए जमाबंदी और नक्शा जैसे राजस्व रिकॉर्ड को ही ऊर्जा विभाग मान्य करेगा।
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