रिज्यूम रखें तैयार, आने वाली है नौकरियों की बहार +++हरियाणा में सीडीएलयू भर्ती मामला लोकायुक्त दरबार में

फरीदाबाद. जल्द ही शहर से बेरोजगारी के बादल छंटने लगेंगे। बल्लभगढ़ के पास 1784 एकड़ में बनने वाली इंडस्ट्रीयल मॉडल टॉउनशिप (आईएमटी) में नौकरियों की बरसात होने वाली है। यहां 33 बड़ी परियोजनाएं
लगाई जाएंगी।



इससे 50 हजार लोगों को प्रत्यक्ष और 1 लाख लोगों को अप्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा। हरियाणा राज्य औद्योगिक व ढांचागत विकास निगम (एचएसआईआईडीसी) ने यहां के लिए 15 कंपनियों के प्रोजेक्टों को हरी झंडी दे दी है। इनसे 8 से 10 हजार लोगों को नौकरी मिलने की उम्मीद है और दोगुना लोगों को अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा। ये कंपनियां अगस्त माह से नौकरियों की प्रक्रिया शुरू कर देंगी।


आईएमटी एक नजर में


आईएमटी एक नजर में

1784 एकड़ में तैयार होना है औद्योगिक मॉडल टाउनशिप

काटे जाएंगे 950 प्लॉट,

500 वर्ग गज का है सबसे छोटा प्लॉट

20 एकड़ का है सबसे बड़ा प्लॉट

प्लॉट साइज में इकाइयों की क्षमता के अनुसार बदलाव भी किया जा सकता है

चंदावली, सोतई, मुजेड़ी, नवादा और मछगर गांव की जमीन की गई है अधिग्रहित।


आईएमटी में यह है प्रस्तावित

3 शॉपिंग मॉल
100 मीटर चौड़ी, 45 सड़कें
आधुनिक सीवरेज सिस्टम और वाटर लाइन
6 सेक्टर बनाने की है योजना।


इन प्रोफेशनल्स की होगी मांग

बीबीए, बीसीए, एमबीए, एमसीए, फैशन, कृषि, बीटेक और आईटीआई के फीटर, वेल्डर, इलेक्ट्रिकल, इलेक्ट्रॉनिक्स,मशीनिस्ट, कंप्यूटर ऑपरेटर, कटिंग व सेविंग, सीएनसी मशीन ऑपरेटर।



पहले चरण में 3 हजार करोड़ रुपए का निवेश


आईएमटी में पहले चरण में कंपनियां तीन हजार रुपए करोड़ का निवेश करेंगी। ऑटो उपकरण, फुटवियर, सर्जिकल प्रोडक्ट, होम उपकरण, हाई फैशन गारमेंट्स, सूचना प्रौद्योगिकी, प्रिंटिंग प्रेस और फर्टिलाइजर्स क्षेत्र में उत्पादन बढ़ने से व्यापक स्तर पर मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र के दिन बहुरेंगे।



310.56 करोड़ रुपए खर्च होंगे इंफ्रास्ट्रक्वर पर

इंफ्रास्ट्रक्चर पर 310.56 करोड़ रुपए खर्च करने की योजना है। अभी सड़कों का निर्माण कार्य प्रस्तावित आईएमटी में चल रहा है। 35 फीसदी काम पूरा हो चुका है। सभी आवश्यक इंफ्रास्ट्रक्चर अप्रैल 2013 तक पूरा हो जाएगा।
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हरियाणा में सीडीएलयू भर्ती मामला लोकायुक्त दरबार में


सिरसा. चौधरी देवीलाल विश्वविद्यालय में वर्ष-2009 में हुई नॉन-टीचिंग भर्ती में गड़बड़झाले का मामला लोकायुक्त तक पहुंच गया है। आरटीआई के तहत भर्ती से संबंधित मांगी गई सूचना में सामने आए हेरफेर के बाद शिकायतकर्ता ने उच्चस्तरीय जांच की मांग के लिए लोकायुक्त, राज्यपाल, राज्य सूचना आयोग को पत्र लिखा है।




वहीं, राज्य सूचना आयोग के दखल के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने जांच शुरू की मगर वह भी ठंडे बस्ते में पड़ी है। सीडीएलयू में नौकरी के लिए आवेदन करने वाले हिसार जिले में आदमपुर तहसील के गांव सीसवाल के प्रमोद कुमार ने आरटीआई के तहत भर्ती से संबंधित कई बिंदुओं पर आधारित यह सूचना मांगी थी।




अलग-अलग सूचना देने के मामले में संबंधित दो कर्मचारियों को चार्जशीट प्रक्रिया शुरू करने की बात कही थी। चार्जशीट करने की प्रक्रिया शुरू की, जिसके तहत सबसे पहले सुपरिंडेंट किरण भल्ला व डीलिंग हैंड अतुल से जवाब-तलब किया गया। -डॉ. मनोज सिवाच, रजिस्ट्रार, सीडीएलयू



ये है मामला

लेबोरेट्री तकनीशियन, लेब अटेंडडेंट, रिस्टोरर, सिक्योरिटी गार्ड व दफ्तरी पद की भर्ती के लिए वेटिंग लिस्ट के बारे में पूछा गया तो दफ्तरी पद के लिए तैयार की गई वेटिंग लिस्ट में गड़बड़ी सामने आई। विश्वविद्यालय की ओर से दो अलग-अलग सूचनाएं दी गई, जिसमें पहले 30 मार्च, 2010 को बताया कि कोई वेटिंग लिस्ट नहीं है तो 8 जनवरी, 2011 को प्रतीक्षा सूची होने की लिखित में जानकारी दी। इसी के आधार पर मामला राज्य सूचना आयोग के पास गया तो आयोग ने जानकारी को अस्पष्ट माना।

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