स्कूलों में कार्यरत सीनियर लैब अटेंडेंट को प्रमोशन नहीं देने पर जवाब तलब+++पांचवीं कक्षा तक की पाठ्य पुस्तकें भी छपवाएगा बोर्ड+++दो सौ रुपये में जीवन कौशल में सुधार++ग्रेड सेकण्ड शिक्षक भर्ती: गणित व सामा. विज्ञान के शिक्षकों की नियुक्तियां रोकी++6100 जेबीटी प्रशिक्षितों को नौकरी नहीं +

स्कूलों में कार्यरत सीनियर लैब अटेंडेंट को पदोन्नति नहीं दिए जाने के खिलाफ दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब तलब किया है। याचिकाकर्ता के वकील नरेंद्र कुमार शर्मा ने मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया कि हरियाणा में शायद स्कूल में कार्यरत सीनियर लैब अटेंडेंट एकमात्र ऐसा पद है, जिस पर कोई पदोन्नति नहीं दी जाती। सीनियर लैब अटेंडेंट जिस पोस्ट पर नियुक्त होता है, उसी पद पर सेवानिवृत्त हो जाता है। शर्मा ने कोर्ट को बताया कि हरियाणा सरकार ने सीनियर लैब अटेंडेंट को ‌र्क्लक का पे स्केल दिया हुआ है। सीनियर लैब अटेंडेंट स्कूल में एक तरह से छात्रों को लैब में पढ़ाने का काम करते हैं लेकिन ‌र्क्लक को भी कुछ साल बाद प्रमोशन देकर सहायक बना दिया जाता है लेकिन सीनियर लैब अटेंडेंट पदोन्नति
से वंचित हैं। याचिकाकर्ता के वकील ने कोर्ट में सुप्रीम कोर्ट के फैसलों का हवाला देते हुए कहा कि पदोन्नति हर कर्मचारी का हक है
\
\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\
 प्रदेश सरकार शिक्षा बोर्ड को एक और बड़ी जिम्मेदारी सौंपने जा रही है। अब पहली से पांचवीं कक्षा तक की पुस्तकें भी हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड प्रकाशित करवाएगा। सूत्र बताते हैं कि शिक्षा विभाग की वित्तायुक्त एवं प्रधान सचिव सुरीना राजन हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड को पहली से पांचवीं कक्षा तक की पाठ्य पुस्तकें भी प्रकाशित करने की जिम्मेदारी सौंपने जा रही हैं। उन्होंने इस संबंध में शिक्षा बोर्ड अधिकारियों को मौैखिक तौर पर तो अवगत करवा दिया है और जल्द ही लिखित निर्देश भी दे दिए जाएंगे। अब तक शिक्षा बोर्ड प्रशासन आठवीं से बारहवीं कक्षा तक की पुस्तकें प्रकाशित करवाता था। सूत्र बताते हैं कि पहली से पांचवीं कक्षा तक की पुस्तकें चंडीगढ़ से प्रकाशित करवाई जाती रही हैं। लेकिन अब यह जिम्मेदारी शिक्षा बोर्ड निभाने जा रहा है। यदि यह जिम्मेदारी बोर्ड को मिलती है तो लाखों पाठ्य पुस्तकें प्रकाशित करवाने का अतिरिक्त कार्यभार बोर्ड पर आ जाएगा
\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\
दो सौ रुपये में जीवन कौशल में सुधार
सब पढें़ सब बढ़ें.नारे को साकार करने के लिए सर्व शिक्षा अभियान निदेशालय अल्पसंख्यक बच्चों के जीवन कौशल में सुधार लाएगा। प्रदेश के प्रत्येक ब्लॉक में जीवन कौशल संबंधी गतिविधियां आयोजित की जाएंगी। इसके लिए प्रति छात्र दो सौ रुपये खर्च किए जाएंगे। हर ब्लॉक में 100 विद्यार्थियों को चिह्नित किया जाएगा। इस संबंध में सर्व शिक्षा अभियान निदेशालय की तरफ से सभी जिला परियोजना समन्वयक को पत्र (एसएसए/पीएलजी/26209-26229) जारी किया गया है। पत्र के मुताबिक प्रदेश के सभी ब्लॉकों में जीवन कौशल गतिविधियां आयोजित की जाएंगी। निदेशालय की तरफ से इस आयोजन पर प्रति खंड 20 हजार रुपये खर्च होंगे। 21 में से पांच गतिविधियां अनिवार्य रूप से आयोजित की जाएंगी। जिला परियोजना नियंत्रक (डीपीसी) धर्मवीर कादियान का कहना है कि निदेशालय की योजना का मकसद अल्पसंख्यक बच्चों का सर्वागीण विकास करना है। खंड शिक्षा अधिकारियों को पत्र के माध्यम से गतिविधियों के आयोजन के बारे में अवगत करा दिया गया है। 21 गतिविधियों की सूची जारी : निदेशालय से पत्र के माध्यम से 21 गतिविधियों की सूची जारी की गई है। इनमें प्राथमिक स्वास्थ्य, स्वास्थ्य व स्वच्छता, बैंक व डाकघरों का कार्य, बागवानी से संबंधित कार्य, मोमबत्ती निर्माण की कला, सॉफ्ट टॉय मेकिंग, आइटी व आइटी संबंधित मुद्दे, शक्ति की पहचान, आत्मसम्मान व लक्ष्य का निर्धारण, बातचीत कौशल, रचनात्मकता, निर्णय लेने की कला, समस्या सुलझाना, टाइम मैनेजमेंट, मूल्य व काम, मिट्टी व उर्वरक प्रबंधन, मूल्यों को साझा करना, फलों व सब्जियों का संरक्षण, सौंदर्य संस्कृति, सिलाई व होटल से संबंधित रिसेप्शन का कार्य शामिल है। कमेटी करेगी देखरेख : अल्पसंख्यक बच्चों के लिए आयोजित जीवन कौशल गतिविधि उपायुक्त व एसएसए अध्यक्ष की देखरेख में संचालित की जाएगी। गतिविधि के सफलता पूर्वक संचालन के लिए छह सदस्यीय एक कमेटी गठित की गई है। एडीसी कमेटी की अध्यक्ष होंगी। जिला शिक्षा अधिकारी (मौलिक), जिला परियोजना समन्वयक, खंड शिक्षा अधिकारी, दो प्रधानाचार्य व 4 प्राध्यापक बतौर सदस्य कमेटी में शामिल होंगे
\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\

ग्रेड सेकण्ड शिक्षक भर्ती: गणित व सामा. विज्ञान के शिक्षकों की नियुक्तियां रोकी

बीकानेर.राज्य में द्वितीय श्रेणी शिक्षक भर्ती में गणित और सामाजिक विज्ञान विषय के अभ्यर्थियों को नियुक्तियां देने पर फिलहाल रोक लगा दी गई है। अन्य तीन विषयों में नियुक्तियां देने की प्रक्रिया ने गति पकड़ ली है।

द्वितीय श्रेणी शिक्षक भर्ती के लिए गणित और सामाजिक विज्ञान विषयों की परीक्षा में गलत प्रश्नों का मामला हाईकोर्ट में चले जाने के कारण राजस्थान लोक सेवा आयोग ने फिलहाल इन दोनों विषयों पर नियुक्तियां देने से मना कर दिया है। इससे दोनों विषयों के 6746 अभ्यर्थी प्रभावित होंगे। आयोग इस मसले को सुलझाने में लगा है। इस संबंध में आयोग ने माध्यमिक शिक्षा निदेशक को पत्र लिखकर स्थिति स्पष्ट की है तथा मसला सुलझने तक नियुक्तियां नहीं देने को कहा है।

इसके अलावा माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने अन्य तीन विषय अंग्रेजी, विज्ञान और हिंदी में चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्तियां देने की तैयारी शुरू कर दी है। शिक्षा मंत्री ने 31 अगस्त तक नियुक्तियां देने की बात कही है। उनकी घोषणा के मद्देनजर शुक्रवार को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के अवकाश के बावजूद माध्यमिक शिक्षा निदेशालय खुला रहा। अधिकारी इन तीनों विषय के अभ्यर्थियों को मंडल आबंटन की तैयारी में जुटे रहे।

तीनों विषयों में प्रत्येक के 2373 अभ्यर्थियों को नियुक्तियां मिलेंगी। हालांकि इन विषयों के सभी फार्म निदेशालय नहीं पहुंचे हैं। प्रत्येक विषय के दो सौ से लेकर 400 फार्म आयोग में ही रुके हुए हैं। जितने फार्म निदेशालय को मिले हैं, उन्हीं अभ्यर्थियों को नियुक्तियां देने के आदेश मंडल उपनिदेशकों को दिए जाएंगे। उसके बाद आयोग जैसे-जैसे फार्म भेजेगा, नियुक्तियां होती रहेंगी।
\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\

6100 जेबीटी प्रशिक्षितों को नौकरी नहीं



शिमला। जेबीटी प्रशिक्षुओं को नौकरी के लिए लंबा इंतजार करना पड़ेगा। दो साल पहले प्रशिक्षण पूरा कर चुके करीब 2300 जेबीटी प्रशिक्षुओं को अब तक नौकरी नहीं मिली है। डाइट से 1800 जेबीटी प्रशिक्षुओं की ट्रेनिंग मार्च, 2013 में पूरी हो जाएगी। इनके लिए सरकार के पास फिलहाल नौकरी नहीं है।


जेबीटी के दो प्रशिक्षित बैच होने के बावजूद 1800 जेबीटी दो साल की ट्रेनिंग के लिए तैयार हैं। रोजगार ने मिलने की स्थिति में बेरोजगार जेबीटी प्रशिक्षुओं की संख्या 6100 पहुंच गई है। संघ के प्रदेशाध्यक्ष चंद्रमोहन नेगी और ट्रेनिंग कर रहे प्रशिक्षुओं ने एसएमसी के माध्यम से नियुक्तियों पर आपत्ति जताई है। शिक्षा मंत्री आईडी धीमान का कहना है कि नियुक्ति का प्रयास कर रही है।


इस कारण बढ़ी मुश्किलें

जेबीटी प्रशिक्षु को ट्रेनिंग के बाद नौकरी न मिलने के कई कारण हैं। इसमें मुख्य रूप से पैट, ग्रामीण विद्या उपासकों, वॉलेंटरी और पीटीए शिक्षकों को नीतिगत आधार और बिना नीति के आधार पर नौकरी देना मुख्य कारण है। सरकार ट्राइबल एरिया में फिर से एसएमसी से शिक्षकों को रखने का निर्णय ले चुकी है। ऐसे में ट्रेनिंग प्राप्त शिक्षकों के नौकरी के दरवाजे बंद हो गए। आरटीई एक्ट के आने से अब टीईटी परीक्षा की अनिवार्यता ने भी मुश्किलें बढ़ा दी हैं।

एसएमसी की नियुक्तियों का विरोध : प्रदेश राजकीय अध्यापक संघ के प्रदेशाध्यक्ष पीआर सांख्यान का कहना है कि प्रशिक्षुओं और उच्च शिक्षा प्राप्त लाखों बेरोजगारों को नौकरी न मिलना दुर्भाग्यपूर्ण है। स्कूल मैनेजमेंट कमेटी (एसएमसी) के आधार पर नियुक्तियां देने का भी संघ ने कड़ा विरोध किया।

No comments:

Post a Comment

thanks for your valuable comment

See Also

Education News Haryana topic wise detail.