पात्रता परीक्षा पास नियुक्त अध्यापक प्रमाणपत्रों की होगी जांच

मुन्ना भाई स्टाइल से अध्यापक पात्रता परीक्षा पास करके अध्यापक के पद पर नियुक्ति पाने वालों के लिए मुसीबत खड़ी होने वाली है। सोमवार को हाई कोर्ट में सौंपी गई प्रारंभिक जांच की रिपोर्ट में इस मामले में उच्च स्तर पर फर्जीवाड़ा मिला है। कोर्ट ने जांच रिपोर्ट को सार्वजनिक न करते हुए आदेश दिया है कि सभी चयनित अध्यापकों के प्रमाण पत्रों की जांच कर 13 दिसंबर तक जांच रिपोर्ट हाई कोर्ट में सौंपी जाए। याचिकाकर्ता ने पिछले साल चयनित करीब 9,000 जेबीटी अध्यापकों की नियुक्ति रद करने की मांग की है। आरोप लगाया गया है कि इस भर्ती में एचटेट के लिए फॉर्म और उत्तर पुस्तिका के अंगूठे के निशान को जांचने के नियम का पालन नहीं किया गया। याचिका के अनुसार हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड ने राज्यस्तरीय अध्यापक पात्रता परीक्षा (एचटेट) का आयोजन किया था। इसके लिए जारी विवरणिका (प्रोस्पेक्टस) में साफ लिखा था कि परीक्षा की उत्तरपुस्तिका पर अंगूठे के निशान व फार्म पर लगाए गए अंगूठे के निशान का मिलान कर ही प्रमाणपत्र जारी किए जाएंगे, ताकि परीक्षा
में धांधली न हो। याचिकाकर्ता ने कोर्ट को बताया कि बोर्ड ने अंगूठे का निशान मिलाए बगैर ही पात्रता परीक्षा के प्रमाणपत्र वितरित कर दिए। आरोप लगाया गया है कि कई विद्यार्थियों ने अपने स्थान पर दूसरों को बैठाकर परीक्षा पास की है। याचिकाकर्ता की दलील को हाई कोर्ट ने रिकॉर्ड में रखते हुए कहा था कि कोर्ट इस मामले की जांच कराने को तैयार है। फर्जी तरीके से परीक्षा पास करने वालों छात्रों की नियुक्ति भी कोर्ट रद कर सकता है बशर्ते याचिकाकर्ता द्वारा लगाए गए आरोप सही हों। कोर्ट ने तुरंत डीसी (भिवानी) को कोर्ट के आदेश की प्रति फैक्स कर परीक्षा से जुड़ा रिकॉर्ड सील करने व हाई कोर्ट को भेजने का आदेश दिया था। बाद में कोर्ट ने शिक्षा विभाग व डीसी को इस मामले की जांच के आदेश दिए थे। इसके साथ ही कोर्ट इस मामले में जांच की धीमी गति पर सवाल उठा चुका है। साथ ही कोर्ट समय पर जांच न होने पर दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की बात भी कह चुका है

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