एसएमसी की बैठक नहीं हुई तो स्कूल मुखिया होंगे जिम्मेदार



यूनिफार्म के लिए भी अभिभावकों की राय 
भास्कर न्यूजत्न चंडीगढ़

हरियाणा में दबाव में काम कर रही स्कूल मैनेजमेंट कमेटियों (एसएमसी) को लेकर शिक्षा विभाग ने लंबे अरसे के बाद सक्रियता दिखाई है। शिक्षा के अधिकार बिल को लागू करवाने में इन कमेटियों का भी अहम रोल है। अभी तक स्कूलों के मुखिया खुद इस मामले में रुझान इसलिए नहीं दिखा रहे थे कि अभिभावकों का दखल स्कूलों के काम काज में बढ़ जाएगा।

अब मौलिक शिक्षा विभाग ने जिला स्तर पर सभी अधिकारियों को इस संदर्भ में स्पष्ट निर्देश जारी कर दिए हैं। निर्देशों के मुताबिक स्कूल मुखिया अपने स्कूल में स्कूल प्रबंधन समिति की बैठक न होने के लिए उत्तरदायी होगा। बच्चों की ड्रेस के रंग और डिजाइन के चुनाव में स्कूल प्रबंधन समितियों के सदस्यों का मत भी लिया जाएगा। एसएमसी के सहयोग से बीच में पढ़ाई छोडऩे वाले विद्यार्थियों को वापस स्कूलों में भी लाया जाएगा। स्कूल प्रबंधन समितियों की मासिक बैठकों का विवरण रजिस्टर में दर्ज किया जाएगा। जिसे विभाग द्वारा निरीक्षण के दौरान उपलब्ध करवाया जाएगा। प्रत्येक माह के अंतिम शनिवार को स्कूल प्रबंधन समितियों की बैठक बुलानी होगी। इस दिन अवकाश होने की स्थिति में यह बैठक महीने के अंतिम शुक्रवार को बुलाई जानी होगी। जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी, स्कूल प्रबंधन समितियों की बैठक के समय में बदलाव कर सकते हैं, यदि वे उसे उचित समझें। यदि जरूरत हो तो स्कूल प्रबंधन समितियों की बैठक किसी भी समय बुलाई जा सकती है। महासभा की तिमाही बैठक जुलाई, अक्टूबर, जनवरी और अप्रैल महीनों के अंतिम शनिवार को बुलाई जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि इस बैठक में सभी विद्यार्थियों के अभिभावक भाग लें। 

No comments:

Post a Comment

thanks for your valuable comment

See Also

Education News Haryana topic wise detail.