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सुबह-शाम रहेंगे गेट पर ञ्चको-एजुकेशन स्कूलों में लड़कियों को दस मिनट पहले छुट्टी |
सिद्धू ने खुद देखा, फिर उठाया कदम |
मुख्य संसदीय सचिव डॉ. नवजोत कौर सिद्धू के मुताबिक वे एक स्टडी के लिए स्कूलों में गई थीं। इस दौरान कुछ स्कूलों के बाहर काफी लड़कों को खड़े देखा। उन्हें बताया गया कि लड़के अकसर ऐसे ही गल्र्स स्कूलों के बाहर खड़े रहते हैं। वे लड़कियों को रास्ते में रोक लेते हैं, जिससे वे घर जाने में लेट हो जाती हैं। इसके बाद ही ऐसा कदम उठाने की येाजना बनाई गई। अब यदि ऐसा हुआ और शिक्षकों ने पुलिस नहीं बुलाई तो उन पर ही कार्रवाई होगी।
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विपन जंड त्न लुधियाना |
अब किसी लफंगे ने स्कूल के बाहर छात्रा से छेड़छाड़ की तो शिक्षकों पर भी कार्रवाई होगी। सरकार ने शिक्षकों को स्कूल के बाहर लफंगों से निपटने की जिम्मेदारी सौंपी है। शिक्षक स्कूल लगने के दस मिनट पहले और छुट्टी के पंद्रह मिनट बाद तक गेट पर खड़े रहेंगे। वे किसी बाउंसर की तरह लफंगों को लड़कियों और स्कूल परिसर से दूर रखेंगे।
अगर शिक्षकों ने इस जिम्मेदारी को ठीक से नहीं निभाया और लड़की से छेड़छाड़ की घटना हो गई तो शिक्षकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी। लड़कियों की सुरक्षा के मामले में सरकार को डर सिर्फ बाहर के लफंगों से ही नहीं, बल्कि वह स्कूल में लड़कियों के साथ पढ़ रहे लड़कों को भी शक की नजर से देख रही है। लिहाजा, यह तय हुआ है कि को-एजुकेशन हाई और सीनियर सेकेंडरी स्कूलों में लड़कियों को तय समय से दस मिनट पहले छुट्टी दी जाएगी। डीजीएसई केएस पन्नू कहते हैं कि को-एजुकेशन स्कूलों में सहपाठियों से भी लड़कियों को कमेंट का खतरा रहता है। इसलिए निर्देश दिए हैं कि को-एजुकेशन हाई और सीनियर सेकेंडरी स्कूलों में कोई भी पीरियड खाली न रहे। हर पीरियड में शिक्षक क्लास में हाजिर हो।
पीसीआर रहेगी मौजूद: डीजीएसई ने भी डीजीपी पंजाब को स्कूल खुलने और छुट्टी के वक्त पीसीआर की तैनाती कर शरारती तत्वों से निपटने को कहा है।
॥अभिभावक स्कूल पर सुरक्षा का भरोसा करके लड़कियों को भेजते हैं। कई जगहों से उनसे छेड़छाड़ की शिकायतें आने के बाद यह कदम उठाया गया है। इन निर्देशों का उल्लंघन करने वाले अध्यापकों पर कार्रवाई होगी। ञ्जञ्ज केएस पन्नू, डीजीएसई, पंजाब
लड़कियों और को-एजुकेशन स्कूलों के बाहर अकसर छेड़छाड़ की घटनाएं होती रहती हैं। मुख्य संसदीय सचिव नवजोत कौर सिद्धू ने भी लड़कियों के स्कूलों के बाहर से लड़कों को हटाने के लिए अमृतसर पुलिस कमिश्नर को पत्र लिखा था। शिक्षकों की न मानने पर पुलिस को बुलाना भी शिक्षकों की ही जिम्मेदारी होगी।
शिक्षकों की नहीं मानी तो पुलिस बुलाएंगे |
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