हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड की चल रही सेमेस्टर परीक्षाओं में सोमवार को प्रदेश भर में 207 नकलची पकड़े गए। प्रदेश के तीन परीक्षा केंद्रों पर 21 व 22 सितंबर को संचालित हुए पेपर रद किए गए तथा परीक्षा ड्यूटि में कोताही बरतने पर शिक्षक को ड्यूटी से हटाया गया। बोर्ड प्रवक्ता ने बताया कि हिसार जिले के परीक्षा केंद्र बरवाला-5 पर नियुक्त सुपरवाइजर ईश्र्वर सिंह को परीक्षा ड्यूटी में कोताही बरतने पर कार्यभार मुक्त किया गया। 21 सितम्बर को संचालित हुई सेकेंडरी परीक्षा के अंग्रेजी विषय के द्वितीय सेमेस्टर का पेपर हथीन-4 राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय (पलवल) तथा 22 सितंबर को सेकेंडरी परीक्षा के हिन्दी विषय प्रथम सेमेस्टर का पेपर परीक्षा केन्द्र राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय फ रमाना (सोनीपत) तथा राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय खरक कलां-2 के परीक्षा केन्द्रों का पेपर परीक्षा में बाहरी हस्तक्षेप होने के कारण रद कर दिया गया है। बोर्ड सचिव के उड़नदस्ते
द्वारा जिला भिवानी तथा झज्जर जिले के विभिन्न परीक्षा केन्द्रों का निरीक्षण के दौरान 41 परीक्षार्थियों के यूएमसी बनाए
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पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने बेशक प्रदेश के विश्र्वविद्यालयों को उनसे संबंधित बीएड कॉलेजों की जांच करने के आदेश दिए हों लेकिन लगभग एक सप्ताह बाद भी इन कॉलेजों की जांच तो दूर कुवि प्रशासन ने टीम तक गठित करने का निर्णय नहीं लिया है। ऐसे में कब इन कॉलेजों की जांच होगी और कब इन पर कार्रवाई होगी कोई नहीं बता सकता। प्रदेश में वर्ष 2004 के बाद कुकरमुत्तों की तरह फैले बीएड कॉलेजों में कुरुक्षेत्र विश्र्वविद्यालय से संबंधित कॉलेजों की संख्या 160 तक पहंुच चुकी है। इन कॉलेजों पर ज्यादा जुर्माना वसूलने, बिना कक्षाएं लगाए ही विद्यार्थियों को रोल नंबर जारी करने और नियमों को पूरा न करने के आरोप लगते रहे हैं। जिससे शिक्षा प्रणाली का ढांचा बिगड़ रहा है। इन कॉलेजों पर नकेल कसने के लिए उच्च न्यायालय ने 19 सितंबर को विश्र्वविद्यालयों और एनसीटीई को इन कॉलेजों की जांच करने के आदेश दिए थे
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गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों पर लगाम कसने की कवायद शुरू हो चुकी है। इसके बाद पंजीकरण न करने वाले स्कूलों पर गाज गिरना तय है। विभाग ने सभी गैर सरकारी स्कूलों को मान्यता प्रदान करने के लिए 27 सितंबर तक ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करने के निदेश दिए हैं तथा 31 मार्च तक सभी गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों को बंद करने को कहा है। शिक्षा के अधिकार कानून (आरटीइ) को पूरी संजीदगी के साथ लागू करने का यह ठोस कदम माना जा रहा है। निदेशालय की ओर से तमाम मौलिक शिक्षा अधिकारी को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि इसके लिए सभी निजी स्कूलों को नोटिस जारी किया जाए, जिसमें स्कूलों से संबंधित तमाम दस्तावेज की जानकारी निदेशालय की वेबसाइट पर उपलब्ध कराई जाए। स्व घोषणा पत्र में स्कूलों की जगह, शिक्षकों की संख्या, योग्यता, बच्चों की संख्या, कमरे की संख्या, आवाजाही के साधन शामिल हैं। निदेशालय ने मानकों की जांच करने के लिए एक निरीक्षण कमेटी गठित करने को कहा है, जो सभी स्कूलों का निरीक्षण कर अपनी रिपोर्ट विभाग को 30 सितंबर तक हर हाल में सौंपने होंगे। मानकों पर खरे उतरने वाले स्कूलों को कमेटी की सिफारिश के आधार पर मान्यता दी जाएगी। विभाग ने 31 मार्च 2013 तक बिना कागजात के चल रहे स्कूलों को हर हाल में बंद करने को कहा है। इसके बाद भी कोई व्यक्ति मान्यता प्रमाणपत्र के बिना विद्यालय स्थापित करता है या संचालित करता है तो उसपर एक लाख रुपये तथा प्रत्येक दिन दस हजार रुपये के हिसाब से जुर्माना करने को कहा है
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द्वारा जिला भिवानी तथा झज्जर जिले के विभिन्न परीक्षा केन्द्रों का निरीक्षण के दौरान 41 परीक्षार्थियों के यूएमसी बनाए
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पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने बेशक प्रदेश के विश्र्वविद्यालयों को उनसे संबंधित बीएड कॉलेजों की जांच करने के आदेश दिए हों लेकिन लगभग एक सप्ताह बाद भी इन कॉलेजों की जांच तो दूर कुवि प्रशासन ने टीम तक गठित करने का निर्णय नहीं लिया है। ऐसे में कब इन कॉलेजों की जांच होगी और कब इन पर कार्रवाई होगी कोई नहीं बता सकता। प्रदेश में वर्ष 2004 के बाद कुकरमुत्तों की तरह फैले बीएड कॉलेजों में कुरुक्षेत्र विश्र्वविद्यालय से संबंधित कॉलेजों की संख्या 160 तक पहंुच चुकी है। इन कॉलेजों पर ज्यादा जुर्माना वसूलने, बिना कक्षाएं लगाए ही विद्यार्थियों को रोल नंबर जारी करने और नियमों को पूरा न करने के आरोप लगते रहे हैं। जिससे शिक्षा प्रणाली का ढांचा बिगड़ रहा है। इन कॉलेजों पर नकेल कसने के लिए उच्च न्यायालय ने 19 सितंबर को विश्र्वविद्यालयों और एनसीटीई को इन कॉलेजों की जांच करने के आदेश दिए थे
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गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों पर लगाम कसने की कवायद शुरू हो चुकी है। इसके बाद पंजीकरण न करने वाले स्कूलों पर गाज गिरना तय है। विभाग ने सभी गैर सरकारी स्कूलों को मान्यता प्रदान करने के लिए 27 सितंबर तक ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करने के निदेश दिए हैं तथा 31 मार्च तक सभी गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों को बंद करने को कहा है। शिक्षा के अधिकार कानून (आरटीइ) को पूरी संजीदगी के साथ लागू करने का यह ठोस कदम माना जा रहा है। निदेशालय की ओर से तमाम मौलिक शिक्षा अधिकारी को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि इसके लिए सभी निजी स्कूलों को नोटिस जारी किया जाए, जिसमें स्कूलों से संबंधित तमाम दस्तावेज की जानकारी निदेशालय की वेबसाइट पर उपलब्ध कराई जाए। स्व घोषणा पत्र में स्कूलों की जगह, शिक्षकों की संख्या, योग्यता, बच्चों की संख्या, कमरे की संख्या, आवाजाही के साधन शामिल हैं। निदेशालय ने मानकों की जांच करने के लिए एक निरीक्षण कमेटी गठित करने को कहा है, जो सभी स्कूलों का निरीक्षण कर अपनी रिपोर्ट विभाग को 30 सितंबर तक हर हाल में सौंपने होंगे। मानकों पर खरे उतरने वाले स्कूलों को कमेटी की सिफारिश के आधार पर मान्यता दी जाएगी। विभाग ने 31 मार्च 2013 तक बिना कागजात के चल रहे स्कूलों को हर हाल में बंद करने को कहा है। इसके बाद भी कोई व्यक्ति मान्यता प्रमाणपत्र के बिना विद्यालय स्थापित करता है या संचालित करता है तो उसपर एक लाख रुपये तथा प्रत्येक दिन दस हजार रुपये के हिसाब से जुर्माना करने को कहा है
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