दाखिले में 59.6 नहीं माने जाएंगे 60 फीसद अंक+++जब मिले 150 में से 152 अंक+++दिल्ली विश्वविद्यालय में 2013 से स्नातक चार वर्ष का होगा

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि किसी पाठ्यक्रम में नामांकन के योग्य ठहराने के लिए छात्रों के अंकों के फीसद का राउंडिंग ऑफ यानी पूर्णाकन नहीं किया जा सकता। नमूने के तौर पर यदि किसी के अंकों का फीसद 59.6 है और पात्रता का मानदंड स्पष्ट तौर पर 60 फीसद न्यूनतम अंक तय है तो वह नामांकन के लिए पात्र नहीं माना जाएगा। शीर्ष अदालत के इस नियमन का प्रभाव हजारों छात्र-छात्राओं पर पड़ेगा। न्यायमूर्ति एके पटनायक और रंजना प्रकाश देसाई की खंड पीठ ने हाल में एक फैसले में यह व्यवस्था दी है। पीठ ने कहा है, जब पात्रता का मानदंड तय हो
तो अर्हता प्राप्ति की परीक्षा में उसका सख्ती से पालन किया जाना चाहिए। उस मानदंड के साथ किसी तरह की छेड़छाड़ या उसे कम करने के प्रयास से अन्य उम्मीदवारों के साथ अन्याय होगा। शीर्ष अदालत का यह फैसला यह कानूनी सवाल उठने के बाद आया कि क्या प्राचार्य के माध्यम से आवेदन देकर नामांकन के लिए तय पात्रता मानदंड को पूरा करने के लिए राउंडिंग ऑफ के जरिए छूट देना संभव है? यह मामला नर्सिग के स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम में नामांकन से जुड़ा है। शीर्ष अदालत ने कहा, ऐसा कोई कानून या नियम नहीं बना है जिसके तहत एमएससी (नर्सिग) के स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम में नामांकन के लिए पात्रता मानदंड के लिए निर्धारित अंकों के फीसद का राउंडिंग ऑफ किया जाए। कोर्ट ने यह फैसला बेंगलूर स्थित राजीव गांधी यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज की अपील का निपटारा करते हुए दिया। कर्नाटक हाई कोर्ट की एकल पीठ ने जी हेमलता नामक छात्रा को प्राप्त अंकों के फीसद को राउंडिंग ऑफ करने को सही ठहराया था। हेमलता को 54.71 फीसद अंक मिले थे और उसे राउंडिंग ऑफ करके 55 फीसद कर दिया गया था। हाई कोर्ट की दो सदस्यीय पीठ ने एकल जज के फैसले को सही ठहराया था। शीर्ष अदालत ने कहा, इस तरह के राउंडिंग ऑफ की इजाजत नहीं दी जा सकती
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अंबाला शहर प्रतिष्ठित पंजाब यूनिवर्सिटी ने अपने एक छात्र को गणित विषय में 150 में 152 अंक दे दिए थे। पकड़ में आने पर भी यूनिवर्सिटी ने अंक तालिका में सुधार नहीं किया और इस घटना को दुर्लभ इतिहास का हिस्सा बना दिया। वाकया 44 साल पहले का है। वरिष्ठ आइएएस नरवाना (जींद) के राजेंद्र पाल गुप्ता इस समय अंबाला में मंडल आयुक्त हैं। उन्होंने मार्च 1968 में पंजाब यूनिवर्सिटी से हायर सेकेंडरी भाग-1 की परीक्षा उत्तीर्ण की थी। उन्हें 825 में 652 अंकों के साथ छात्रवृत्ति सूची में स्थान मिला था। डिटेल मार्क लिस्ट पहुंची तो वह हैरान रह गए। दरअसल, उन्हें गणित ओआर विषय में अधिकतम 150 अंकों में से 152 अंक दिए गए थे। दरअसल उन्होंने गणित के छह अंकों वाले 17 प्रश्न सही हल किए थे जिसकी एवज में जांचकर्ता ने उन्हें 100 में से 102 अंक दिए थे, जो आखिर तक जुड़ता चला गया। वह अंक तालिका लेकर गए थे लेकिन स्टाफ ने पल्ला झाड़ लिया। भविष्य में कोई दिक्कत न आए इसलिए अधिकारियों ने अंक तालिका के सही होने संबंधी एक पत्र भी दिया था। गुप्ता बताते हैं कि नरवाना में उनके गणित के अध्यापक एवं स्कूल के प्रिंसिपल रहे बलबीर चंद आर्य ने अंक तालिका को एक साल तक अपने पास रखा और उसको दिखा कर मिले दान से ही स्कूल में पंखे लगवा दिए थे
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दिल्ली विश्वविद्यालय में 2013 से स्नातक चार वर्ष का होगा
दिल्ली विश्वविद्यालय में 2013 से स्नातक कोर्स चार वर्ष का होने जा रहा है। साथ ही छात्रों को प्रोग्राम लोडेड टेबलेट मिलेगा और एनसीसी (नेशनल कैडेट कोर), एनएसएस (नेशनल सर्विस स्कीम) और स्पो‌र्ट्स कोटे से दाखिला लेने वाले छात्रों के लिए बेहतर प्रदर्शन के आधार पर क्रेडिट देकर उन्हें कक्षा उपस्थितियों में छूट दी जाएगी, जिससे छात्र तनावमुक्त रहें। यह घोषणा शनिवार को दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. दिनेश सिंह ने छात्रों से प्रत्यक्ष संवाद के दौरान की। प्रो. सिंह ने बताया कि दो साल पहले उन्होंने छात्राओं के लिए ग‌र्ल्स हॉस्टल बनाने की बात कही थी। 1500 सीटों का छात्रावास बनकर तैयार है। अब स्नातकोत्तर की छात्राएं रह रही हैं और स्नातक की छात्राओं के लिए अक्टूबर में छात्रावास आवंटन प्रक्रिया शुरू होगी। साउथ कैंपस की छात्राओं के लिए भी छात्रावास निर्माण कराने की योजना है। विकलांग छात्रों के लिए सभी छात्रावासों में तीन फीसद कोटे के अलावा प्रत्येक 100 छात्रों पर दो सीटें अतिरिक्त आरक्षित की गई हैं। विकलांग छात्रों को मुफ्त छात्रावास सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी

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