तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती का रिकार्ड नष्ट नहीं करें' +++आइएसएस संजीव कुमार और अन्य आरोप मुक्त


जयपुर. हाईकोर्ट ने प्रदेश की सभी जिला परिषदों को निर्देश दिया है कि वे तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती का रिकार्ड जिसमें परीक्षार्थियों की ओएमआर शीट, उत्तर कुंजी व उत्तर पुस्तिकाएं शामिल हैं। उसे भर्ती परीक्षा के सभी मुद्दे तय हो जाने तक नष्ट नहीं करें।
न्यायाधीश एमएन भंडारी ने यह अंतरिम आदेश जितेन्द्र सिंह व अन्य की याचिका पर दिया। याचिका में कहा कि उसने झालावाड़ जिला परिषद से शिक्षक भर्ती में आवेदन किया था। भर्ती परीक्षा के बाद उसने आरटीआई कानून के तहत जब जिला परिषद से परीक्षा संबंधी जानकारी मांगी तो जिला परिषद ने उसे रिकार्ड दिखाने व फोटो कॉपी मुहैया कराने से इंकार कर दिया।
जिला परिषद ने कहा कि भर्ती प्रक्रिया दूसरी एजेंसी ने आयोजित की थी और उनके पास कोई रिकार्ड नहीं
है। इसे हाईकोर्ट में चुनौती देते हुए परीक्षा संबंधी रिकार्ड दिखलाने की गुहार लगाई। अदालत ने याचिका पर सुनवाई कर भर्ती परीक्षा का रिकार्ड नष्ट नहीं करने का निर्देश दिया।

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 सीबीआइ की विशेष अदालत ने हरियाणा के वरिष्ठ आइएसएस संजीव कुमार और अन्य को भ्रष्टाचार के दो अलग-अलग मामलों में शुक्रवार को आरोप मुक्त कर दिया। अदालत में सीबीआइ आरोप साबित नहीं कर सकी। बचाव पक्ष की ओर से मामले में आरोप मुक्त किए जाने की अर्जी दायर की गई थी, जिस पर बहस के बाद अदालत ने अर्जी को मंजूर कर लिया। वर्ष 1999 में किताबों की छपाई घोटाले में नाम आने के बाद 1985 बैच के आइएएस संजीव कुमार के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत कई मामले दर्ज किए गए थे। वर्ष 1999-2000 में सीबीआइ ने संजीव कुमार पर प्राथमिक शिक्षा परिषद के प्रोजेक्ट डायरेक्टर रहते हुए वीडियो टेप बनवाने और खरीदने में अनियमितताएं बरतने जाने का आरोपी बनाया था। सीबीआइ ने मामले में जिला प्रोजेक्ट कार्डिनेटर किरण मिश्रा के अलावा हैड क्लर्क जेपी भटनागर और स्टोरकीपिंग का कार्य देखने वाले सुशांत स्वान सह आरोपी बना गया था। मामले में अन्य आरोपी राजकुमार शर्मा सरकारी गवाह बन गया था

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