प्रदेश में अब वरिष्ठता सूची के आधार पर ही कर्मचारियों को प्रमोशन मिलेगा। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार की उस अधिसूचना को रद्द कर दिया है, जिसमें अनुसूचित कर्मचारियों को वरिष्ठता सूची को तोड़कर प्रमोशन देने का प्रावधान रखा गया था।
कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी के अधीक्षक देवेंद्र सचदेवा ने बताया कि उन्होंने इस मामले को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। जिसपर फैसला सुनाते हुए चीफ जस्टिस एके सीकरी एवं जस्टिस राकेश कुमार जैन की खंडपीठ ने प्रदेश सरकार के नोटिफिकेशन को रद्द कर दिया। देवेंद्र सचदेवा ने बताया कि उन्होंने केयू के सामान्य वर्ग के कर्मचारियों की ओर से कोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिका में उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार का नोटिफिकेशन पूरी तरह से गलत है। इस नोटिफिकेशन से सामान्य वर्ग के कर्मचारियों की प्रमोशन के साथ भेदभाव होगा। इसलिए इसे रद्द किया जाए। सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने कहा कि एम नागराज के मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद इस कोर्ट की सिंगल बैंच पहले ही इस नोटिफिकेशन को रद्द कर चुकी है। इसलिए अब इस नोटिफिकेशन को किसी भी स्तर पर उपयोग में नहीं लाया जा सकता। खंडपीठ ने प्रदेश सरकार को प्रमोशन के मामले में कोई कारगर नीति बनाने के निर्देश दिए।