॥हमारी परीक्षा नियमावली में यह कहीं भी नहीं लिखा था कि परीक्षा के बाद प्रश्न पत्र, ओएमआर शीट व उत्तर कुंजी ऑनलाइन किए जाएंगे। इसी वजह से हमने इस फैसले को हाईकोर्ट में चैलेंज किया है। अगर, हाईकोर्ट आदेश दे तो हम इन्हें ऑनलाइन कर देंगे। -डीके बेहरा, सचिव, हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड
भिवानी. अब एचटेट के प्रश्न पत्र व उत्तर कुंजी (आंसर की) ऑनलाइन होंगे या नहीं, यह हाईकोर्ट के फैसले पर निर्भर करेगा।
हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड ने राज्य सूचना आयोग के उस आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी है, जिसमें सूचना आयोग ने बोर्ड से एचटेट के प्रश्न पत्र और उत्तर कुंजी को ऑनलाइन करने को कहा था। बोर्ड का तर्क यह है कि उसकी एचटेट परीक्षा नियमावली में यह कहीं भी नहीं लिखा हुआ था कि इस परीक्षा के प्रश्न पत्र और उत्तर कुंजी ऑनलाइन किए जाएंगे। उल्लेखनीय है कि करीब पांच हजार परीक्षार्थियों ने आरटीआई के माध्यम से बोर्ड से एचटेट की ओएमआर शीट, प्रश्न पत्र व उत्तर कुंजी की कॉपी मांगी थी। बोर्ड ने इसमें असमर्थता जताई।
इसके बाद आठ सौ परीक्षार्थियों ने पहली व दूसरी अपील की, जिस पर सूचना आयोग ने बोर्ड से उत्तर कुंजी व प्रश्न पत्र ऑनलाइन करने का कहा। मगर बोर्ड ने ऑनलाइन करने की जगह सभी आरटीआई लगाने वालों को ओमएमआर शीट, प्रश्न पत्र व उत्तर कुंजी का निरीक्षण कराने का फैसला किया। बोर्ड के इस फैसले के तहत तीन परीक्षार्थियों को 26 अगस्त को ओएमआर शीट, प्रश्न पत्र व उत्तर कुंजी का निरीक्षण कराया, लेकिन तीन परीक्षार्थियों ने इस पर असंतुष्टि जताई। इसके बाद तीन परीक्षार्थियों ने दोबारा राज्य सूचना आयोग का दरवाजा दरवाजा खटखटाया तो आयोग ने बोर्ड को प्रश्न पत्र व उत्तर कुंजी को ऑनलाइन करने के निर्देश दिए। मगर अब भी बोर्ड ने इन्हें ऑनलाइन करने से इनकार कर दिया है। साथ ही सूचना आयोग के आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी है।
बोर्ड के मुताबिक उसकी एचटेट परीक्षा नियमावली में यह कहीं भी नहीं लिखा हुआ था कि इस परीक्षा के प्रश्नपत्र व उत्तर कुंजी ऑनलाइन किए जाएंगे। \\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\
उत्तर पुस्तिका कर दी गायब अब दोबारा देनी होगी परीक्षा
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॥उत्तर पुस्तिका का नहीं मिलना चिंता का विषय है। मामले की जांच की जा रही है। -बीएस संधु, परीक्षा नियंत्रक, एमडीयू,
सोनीपत. विद्यार्थी परीक्षा देकर परिणाम का इंतजार कर रहे हैं। लेकिन परिणाम नहीं आया। इस बारे जब महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय में फोन कर पता किया जाता है, तब जवाब मिलता जल्द आ जाएगा। आखिरकार सूचना के अधिकार कानून का इस्तेमाल किया गया। तो हकीकत कुछ और थी।
विश्वविद्यालय में उत्तर पुस्तिकाएं ही गायब थीं। बीसीए पांचवें सेमेस्टर के कंप्यूटर ग्राफिक (कोड 302) परीक्षा का संचालन पिछले वर्ष किया गया था। परीक्षा परिणाम जब निर्धारित अवधि तक घोषित नहीं किया गया। इसके बाद विद्यार्थी ने छात्रों द्वारा सूचना के अधिकार के तहत सूचना मांगी कि आखिर किस वजह से कंप्यूटर ग्राफिक का परिणाम नहीं आ रहा है। विद्यार्थियों ने छात्रों ने परीक्षा में उपस्थिति का सबूत पेश किया है। यहां तक उत्तरपुस्तिका का नंबर भी प्रबंधन को उपलब्ध कराया है। अब छात्रों को फिर से रि-अपीयर होना पड़ेगा।
विद्यार्थी नवदीप एवं सुखबीर आदि ने बताया कि परीक्षा दिए एक साल से अधिक हो गया। अब फिर से परीक्षा में बैठना पड़ेगा। जो समय बर्बाद हुआ इसकी जवाबदेही कौन लगेगा।
पहले शून्य घोषित, फिर बढ़ाए नंबर : हाल ही में बीकॉम 5वें सेमेस्टर के टैक्स के पेपर में ज्यादातर छात्रों को शून्य अंक दे दिया गया था। उत्तरपुस्तिका की जांच की मांग की गई। इसके बाद यूनिवर्सिटी ने छात्रों के दबाव में उत्तरपुस्तिका की जांच की थी। कई छात्रों के अंक में सुधार हुआ। |
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