याचिका में कहा कि उसने 12 अक्टूबर, 2012 को अलवर में हुई सिपाही पद के लिए हुई रैली में भाग लिया था। उसने 60 में से 48 अंक प्राप्त किए, लेकिन शारीरिक दक्षता परीक्षा के दौरान उसके हाथ पर हनुमानजी का टैटू बने होने से उसे भर्ती प्रक्रिया के लिए अयोग्य घोषित कर दिया। इसे हाईकोर्ट में चुनौती देते हुए कहा कि केवल हाथ पर टैटू होने पर उसे भर्ती से नहीं रोका जा सकता और रक्षा मंत्रालय कह चुका है कि टैटू अयोग्यता का कारण नहीं।
अदालत ने याचिका पर सुनवाई करते हुए केन्द्र सरकार के अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस.एस. राघव को निर्देश दिया कि वे 30 अक्टूबर तक जवाब दें।