रेशनलाइजेशन (वैज्ञानिकीकरण) प्रक्रिया में मिली खामियों को दुरुस्त करने के लिए मौलिक शिक्षा निदेशालय ने नया फरमान जारी किया है। फरमान के मुताबिक मिडिल कक्षा तक के शिक्षकों का रेशनलाइजेशन अब नए नियम के तहत किए जाएंगे। 30 सितंबर 2012 को आधार मानकर इसकी प्रक्रिया पूरी की जाएगी। शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) के तहत सरकारी स्कूलों में बच्चों व शिक्षकों का अनुपात समान रखने के लिए रेशनलाइजेशन की प्रक्रिया अपनाई गई है। इसके तहत जिन स्कूलों में बच्चे कम व शिक्षक अधिक हैं उन्हें दूसरे सरकारी स्कूलों में शिफ्ट किया जाना है। मौलिक शिक्षा निदेशालय ने सर्वप्रथम प्राइमरी शिक्षकों के रेशनलाइजेशन प्रक्रिया पूरी करने के फरमान जारी किए। मास्टर वर्ग में पदस्थ शिक्षकों का रेशनलाइजेशन बीते जून माह में शुरू किया गया। निदेशालय से जारी प्रोफार्मा के मुताबिक रेशनलाइजेशन की प्रक्रिया पूरी कर रिपोर्ट निदेशालय भेज दी गई। 30 अगस्त 2012 को आधार मानकर यह किया गया। निदेशालय में पदस्थ अधिकारियों को प्रदेश के कई जिलों से सूचना मिली कि रेशनलाइजेशन में व्यापक पैमाने पर अनियमितता हुई है। आला अधिकारियों ने मंथन के बाद जेबीटी व मास्टर वर्ग के रेशनलाइजेशन के लिए नए प्रोफार्मा तैयार कर दिए। बीते एक अक्टूबर को माध्यमिक शिक्षा निदेशक पंकज यादव ने जिले में पदस्थ अधिकारियों की एक आवश्यक बैठक बुलाई। बैठक में 30 सितंबर 2012 को आधार मानकर नए सिरे से रेशनलाइजेशन करने के आदेश जारी किए। नए प्रोफार्मा में 9 कॉलम मौलिक शिक्षा निदेशालय ने रेशनलाइजेशन के लिए नया प्रोफार्मा जारी किया है। इसमें 9 कॉलम भरे जाएंगे। स्कूल का नाम व कोड संख्या, नामांकन, मुख्याध्यापक सहित स्वीकृत शिक्षकों के पद, नार्म्स के अनुसार शिक्षक, डिमांड व सरप्लस में अंतर, विद्यालय में कार्यरत शिक्षक, मुख्याध्यापक वर्किंग में हैं या नहीं, जेबीटी व गेस्ट कितने वर्किंग में तथा रिक्तियों की संख्या का उल्लेख अनिवार्य रूप से करना होगा। नए प्रोफार्मा में मुख्याध्यापक पद तथा बच्चों की संख्या से अधिक शिक्षकों को किस स्कूल में शिफ्ट करना है, उसकी जानकारी देनी होगी। शिक्षकों के रेशनलाइजेशन सूची पर अंतिम मुहर निदेशालय लगाएगा। मुख्य अध्यापक देंगे सर्टिफिकेट रेशनलाइजेशन में विद्यालय के मुख्य अध्यापक को बच्चों की नामांकन संख्या का वास्तविक आंकड़ा देना होगा। मुख्य अध्यापक 30 सितंबर को आधार मानकर नामांकन से संबंधित सर्टिफिकेट भी जारी करेंगे। स्कूल निरीक्षण के दौरान बच्चों की संख्या गलत पाए जाने पर मुख्य अध्यापक जिम्मेवार होगा
स्कूलों में रेशनलाइजेशन प्रक्रिया के नियम बदले
रेशनलाइजेशन (वैज्ञानिकीकरण) प्रक्रिया में मिली खामियों को दुरुस्त करने के लिए मौलिक शिक्षा निदेशालय ने नया फरमान जारी किया है। फरमान के मुताबिक मिडिल कक्षा तक के शिक्षकों का रेशनलाइजेशन अब नए नियम के तहत किए जाएंगे। 30 सितंबर 2012 को आधार मानकर इसकी प्रक्रिया पूरी की जाएगी। शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) के तहत सरकारी स्कूलों में बच्चों व शिक्षकों का अनुपात समान रखने के लिए रेशनलाइजेशन की प्रक्रिया अपनाई गई है। इसके तहत जिन स्कूलों में बच्चे कम व शिक्षक अधिक हैं उन्हें दूसरे सरकारी स्कूलों में शिफ्ट किया जाना है। मौलिक शिक्षा निदेशालय ने सर्वप्रथम प्राइमरी शिक्षकों के रेशनलाइजेशन प्रक्रिया पूरी करने के फरमान जारी किए। मास्टर वर्ग में पदस्थ शिक्षकों का रेशनलाइजेशन बीते जून माह में शुरू किया गया। निदेशालय से जारी प्रोफार्मा के मुताबिक रेशनलाइजेशन की प्रक्रिया पूरी कर रिपोर्ट निदेशालय भेज दी गई। 30 अगस्त 2012 को आधार मानकर यह किया गया। निदेशालय में पदस्थ अधिकारियों को प्रदेश के कई जिलों से सूचना मिली कि रेशनलाइजेशन में व्यापक पैमाने पर अनियमितता हुई है। आला अधिकारियों ने मंथन के बाद जेबीटी व मास्टर वर्ग के रेशनलाइजेशन के लिए नए प्रोफार्मा तैयार कर दिए। बीते एक अक्टूबर को माध्यमिक शिक्षा निदेशक पंकज यादव ने जिले में पदस्थ अधिकारियों की एक आवश्यक बैठक बुलाई। बैठक में 30 सितंबर 2012 को आधार मानकर नए सिरे से रेशनलाइजेशन करने के आदेश जारी किए। नए प्रोफार्मा में 9 कॉलम मौलिक शिक्षा निदेशालय ने रेशनलाइजेशन के लिए नया प्रोफार्मा जारी किया है। इसमें 9 कॉलम भरे जाएंगे। स्कूल का नाम व कोड संख्या, नामांकन, मुख्याध्यापक सहित स्वीकृत शिक्षकों के पद, नार्म्स के अनुसार शिक्षक, डिमांड व सरप्लस में अंतर, विद्यालय में कार्यरत शिक्षक, मुख्याध्यापक वर्किंग में हैं या नहीं, जेबीटी व गेस्ट कितने वर्किंग में तथा रिक्तियों की संख्या का उल्लेख अनिवार्य रूप से करना होगा। नए प्रोफार्मा में मुख्याध्यापक पद तथा बच्चों की संख्या से अधिक शिक्षकों को किस स्कूल में शिफ्ट करना है, उसकी जानकारी देनी होगी। शिक्षकों के रेशनलाइजेशन सूची पर अंतिम मुहर निदेशालय लगाएगा। मुख्य अध्यापक देंगे सर्टिफिकेट रेशनलाइजेशन में विद्यालय के मुख्य अध्यापक को बच्चों की नामांकन संख्या का वास्तविक आंकड़ा देना होगा। मुख्य अध्यापक 30 सितंबर को आधार मानकर नामांकन से संबंधित सर्टिफिकेट भी जारी करेंगे। स्कूल निरीक्षण के दौरान बच्चों की संख्या गलत पाए जाने पर मुख्य अध्यापक जिम्मेवार होगा
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