प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पहली से पांचवीं कक्षा तक के छात्रों की अंग्रेजी सीखने के स्थिति को मजबूत बनाने के लिए एक नई कवायद शुरू की गई है। इसके तहत पहले अंग्रेजी सीखने और पढ़ाने को लेकर कई बिंदुओं पर सर्वे होगा। सर्वे के हासिल होने वाले नतीजों के आधार अंग्रेजी पढ़ाने की नए तरीकों को अपनाया जाएगा। इसके लिए प्राइमरी के अध्यापकों को भी विशेष प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।
शिक्षा निदेशालय के पायलट प्रोजेक्ट के तहत गुडग़ांव स्थित स्टेट काउंसिल फॉर एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (एससीईआरटी) का भाषा विभाग 'लर्निंग एंड टीचिंग ऑफ इंग्लिश' विषय पर सर्वे करेगा। इस सर्वे से जो निष्कर्ष आएगा उसी के आधार पर शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। पहले कदम में अंग्रेसी को लेकर स्कूलों में समस्या की वजह और जड़ को समझा जाएगा। इसके बाद अगले स्तर में अध्यापकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। तीसरे चरण में इस कवायद के बाद मिलने वाले नतीजों की समीक्षा होगी। आखिरी चरण में इसे पूरे प्रदेश में लागू किया जाएगा।
एक नंवबर से शुरू होगा सर्वे: सर्वे एक नवंबर से शुरू किया जाएगा। सर्वे में 10 जिलों को शामिल किया जाएगा। प्रोजेक्ट का बजट तीन लाख रुपए है। 28 फरवरी तक सर्वे के कार्य को पूरा करके रिपोर्ट तैयार की जाएगी। इसी रिपोर्ट के आधार पर मार्च माह से शिक्षकों को प्रशिक्षण देने की प्रक्रिया को शुरू होगी।
एससीईआरटी के भाषा विभाग के इंचार्ज सुरेंद्र सिंधु ने बताया कि सर्वे कराने का उद्देश्य प्रदेश में प्राथमिक स्तर पर छात्रों के अंग्रेजी के ज्ञान को बढ़ाना है। सर्वे में देखा जाएगा कि सिलेबस के मुताबिक छात्रों को अंग्रेजी का कितना ज्ञान है। उसके मुताबिक ही शिक्षकों को प्रशिक्षण देने की प्रक्रिया तैयार की जाएगी।
॥प्रदेश के प्राइमरी के छात्रों की अंग्रेजी के स्तर को सुधारने के लिए सर्वे किया जा रहा है। सर्वे के आधार पर ही शिक्षकों के प्रशिक्षण को शुरू किया जाएगा। सर्वे का उद्देश्य खामियों को ढूंढ कर उन्हें दूर करना व छात्रों के लर्निंग स्तर को मजबूत बनाना है।
स्नेहलता, निदेशक, एससीईआरटी, गुडग़ांव
इन जिलों में होगा सर्वे
प्रदेश के दस जिलों गुडग़ांव, मेवात, महेंद्रगढ़, सोनीपत, हिसार, रेवाड़ी, जींद, कुरुक्षेत्र, कैथल, झज्जर के सरकारी स्कूलों में किया जाएगा। इसके लिए 9 अक्टूबर को इन जिलों के जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी और उप-जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों की बैठक एससीईआरटी में होगी। इसमें विशेषज्ञ सर्वे की प्रक्रिया पर चर्चा करेंगे।
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हाई कोर्ट द्वारा वर्ष 2010 में भर्ती 1963 पीटीआइ को अमान्य करार दिए जाने के बाद पीटीआई एसोसिएशन व सरकार की तरफ से हाईकोर्ट डबल बेंच में याचिका दायर की गई है। मामले पर बृहस्पतिवार को बहस हो सकती है।
पीटीआई एसोसिएशन के जिला प्रधान परमजीत सिंह ने बताया कि हाई कोर्ट द्वारा भर्ती को अमान्य करार देने के बाद पीटीआई अध्यापकों ने 21 सदस्यीय कमेटी का गठन किया। उन्होंने बताया कि कमेटी ने संयुक्त रूप से सभी 1963 टीचरों के हक मामले में एडवोकेट राजीव आत्मा राम, एडवोकेट अग्निहोत्री तथा एडवाकेट रामकुमार मलिक के माध्यम से हाई कोर्ट डबल बेंच में याचिका दायर की है। उन्होंने कहा कि मामले को लेकर सरकार व विभाग की ओर से एडवोकेट जेएस नलवा ने अपील दायर की है। पीटीआई ने बताया कि उनके वकील ने मामले में याचिका दायर होने की बात कही है और उन्होंने कहा कि शायद इस मामले में बृहस्पतिवार को बहस हो सकती है।
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स्टे नहीं मिला तो खटखटाएंगे सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा
जिला हिसार के पीटीआई एसोसिएशन के प्रधान परमजीत व कोषाध्यक्ष पंकज ने बताया कि हाई कोर्ट ने पांच माह में दोबारा भर्ती के आदेश दिए थे। उन्होंने भी मामले को लेकर याचिका दायर कर दी है। बृहस्पतिवार को बहस होनी है। अगर उन्हें स्टे मिलता है तो ठीक है। नहीं तो वे सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे। उन्होंने कहा कि उनकी भर्ती प्रक्रिया में टीचरों का कोई दोष नहीं है लेकिन सजा उन्हें क्यों दी जा रही है।
पीटीआई एसोसिएशन के जिला प्रधान परमजीत सिंह ने बताया कि हाई कोर्ट द्वारा भर्ती को अमान्य करार देने के बाद पीटीआई अध्यापकों ने 21 सदस्यीय कमेटी का गठन किया। उन्होंने बताया कि कमेटी ने संयुक्त रूप से सभी 1963 टीचरों के हक मामले में एडवोकेट राजीव आत्मा राम, एडवोकेट अग्निहोत्री तथा एडवाकेट रामकुमार मलिक के माध्यम से हाई कोर्ट डबल बेंच में याचिका दायर की है। उन्होंने कहा कि मामले को लेकर सरकार व विभाग की ओर से एडवोकेट जेएस नलवा ने अपील दायर की है। पीटीआई ने बताया कि उनके वकील ने मामले में याचिका दायर होने की बात कही है और उन्होंने कहा कि शायद इस मामले में बृहस्पतिवार को बहस हो सकती है।
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स्टे नहीं मिला तो खटखटाएंगे सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा
जिला हिसार के पीटीआई एसोसिएशन के प्रधान परमजीत व कोषाध्यक्ष पंकज ने बताया कि हाई कोर्ट ने पांच माह में दोबारा भर्ती के आदेश दिए थे। उन्होंने भी मामले को लेकर याचिका दायर कर दी है। बृहस्पतिवार को बहस होनी है। अगर उन्हें स्टे मिलता है तो ठीक है। नहीं तो वे सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे। उन्होंने कहा कि उनकी भर्ती प्रक्रिया में टीचरों का कोई दोष नहीं है लेकिन सजा उन्हें क्यों दी जा रही है।
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