अब सरकारी स्कूलों में जरूरत की चीजों की मांग जमीनी स्तर पर यानी स्कूल स्तर पर ही की जाएगी। हर स्कूल अपना डेवलपमेंट प्लॉन तैयार करेंगे और उसे जिला मुख्यालय पर भेजेंगे। जिला मुख्यालय के अधिकारी उसे बजट के लिए उच्चाधिकारियों के पास भेजेंगे। स्कूल मुखियाओं को आने वाले तीन सालों के लिए यह प्लान तैयार करना होगा। इसके लिए राज्य परियोजना निदेशालय की तरफ से सभी जिला परियोजना संयोजकों को निर्देश जारी हुए हैं। एसएसए और आरएमएसए के तहत जिला स्तर पर तैयार होने वाला स्कूलों का डेवलेपमेंट प्लान अब स्कूल स्तर पर ही बनाया जाएगा। इस प्लान को स्कूल डेवलेपमेंट प्लान कहा जाएगा। इस प्लान के तहत स्कूल को आगामी तीन सालों 2012-13, 2013-14, 2014-15 के लिए उनके स्कूल में जरूरत की चीजों की मांग की जाएगी। इसके लिए बाकायदा एक प्रोफार्मा भी तैयार किया गया, जिसमें पूरी जानकारी स्कूल मुखियाओं को भरकर देनी होगी। इस प्रोफार्मा में स्कूल को तीन साल में जरूरत अतिरिक्त कमरों, शौचालयों, बाउंड्री वॉल के अलावा बजट की जरूरत की जानकारी सहित बच्चों की संख्या, स्टाफ की संख्या, स्कूल कब बना सहित अन्य कई जानकारियां भरकर देनी होगी। पहले जिला स्तर पर स्कूल डेवलपमेंट प्लान बनाया जाता था, जिससे स्कूल की जरूरत के अनुसार सामान व बजट की मांग नहीं हो पाती थी। कई बार ऐसा होता था कि जिस स्कूल को जिस सामान की जरूरत नहीं होती थी, वह स्कूल में पहुंच जाता था
हर स्कूल अपना डेवलपमेंट प्लॉन तैयार करेंगे
अब सरकारी स्कूलों में जरूरत की चीजों की मांग जमीनी स्तर पर यानी स्कूल स्तर पर ही की जाएगी। हर स्कूल अपना डेवलपमेंट प्लॉन तैयार करेंगे और उसे जिला मुख्यालय पर भेजेंगे। जिला मुख्यालय के अधिकारी उसे बजट के लिए उच्चाधिकारियों के पास भेजेंगे। स्कूल मुखियाओं को आने वाले तीन सालों के लिए यह प्लान तैयार करना होगा। इसके लिए राज्य परियोजना निदेशालय की तरफ से सभी जिला परियोजना संयोजकों को निर्देश जारी हुए हैं। एसएसए और आरएमएसए के तहत जिला स्तर पर तैयार होने वाला स्कूलों का डेवलेपमेंट प्लान अब स्कूल स्तर पर ही बनाया जाएगा। इस प्लान को स्कूल डेवलेपमेंट प्लान कहा जाएगा। इस प्लान के तहत स्कूल को आगामी तीन सालों 2012-13, 2013-14, 2014-15 के लिए उनके स्कूल में जरूरत की चीजों की मांग की जाएगी। इसके लिए बाकायदा एक प्रोफार्मा भी तैयार किया गया, जिसमें पूरी जानकारी स्कूल मुखियाओं को भरकर देनी होगी। इस प्रोफार्मा में स्कूल को तीन साल में जरूरत अतिरिक्त कमरों, शौचालयों, बाउंड्री वॉल के अलावा बजट की जरूरत की जानकारी सहित बच्चों की संख्या, स्टाफ की संख्या, स्कूल कब बना सहित अन्य कई जानकारियां भरकर देनी होगी। पहले जिला स्तर पर स्कूल डेवलपमेंट प्लान बनाया जाता था, जिससे स्कूल की जरूरत के अनुसार सामान व बजट की मांग नहीं हो पाती थी। कई बार ऐसा होता था कि जिस स्कूल को जिस सामान की जरूरत नहीं होती थी, वह स्कूल में पहुंच जाता था
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