दक्षिणी हरियाणा बिजली वितरण निगम में पिछले तीन वर्षो से कार्यरत 13600 में से लगभग 4100 कच्चे लाइनमैनों पर जल्द ही छंटनी की मार गिरेगी। निगम में चार हजार से ज्यादा नियमित एएलएम की नियुक्ति के साथ ही कच्चे लाइनमैनों की छंटनी प्रक्रिया आरंभ कर दी गई है। दक्षिणी हरियाणा बिजली वितरण निगम में कर्मचारियों की कमी को पूरा करने के लिए निगम वर्ष 2008 से ही ठेके पर कर्मचारियों की सेवाएं ले रहा है। डीसी रेट पर इन कर्मचारियों को एक अनुबंधित कंपनी के माध्यम से भर्ती किया गया था। प्रदेश में इस तरह से लगभग 13600 डिप्लोमाधारी कार्यरत हैं। यहां ये भी उल्लेखनीय है कि प्रदेश सरकार ने पिछले वर्ष 4118 पदों के लिए आवेदन आमंत्रित किए थे और इन पदों के लिए लगभग साठ हजार आवेदन पहुंचे थे। कर्मचारी चयन आयोग ने आवेदनों की भारी संख्या को देखते हुए शार्ट लिस्ट तैयार की थी और इसके अनुसार सामान्य वर्ग के 73 प्रतिशत व पिछड़ा व अनुसूचित वर्ग से संबंधित 72 प्रतिशत से ज्यादा अंकों वाले आवेदकों को साक्षात्कार का मौका दिया। इस पर ठेके पर काम कर रहे कर्मचारियों ने खूब हंगामा किया था और काम बंद करने की धमकी दी थी। इस पर सरकार ने कर्मचारी नेताओं को भरोसा दिलाया कि नए कर्मचारियों की नियुक्ति के बाद भी पिछले तीन वर्ष से अनुबंध पर कार्यरत कच्चे कर्मचारियों को हटाया नहीं जाएगा। लेकिन अब नए कर्मचारियों की नियुक्ति के सरकार के नए आदेशों से लगभग 41 सौ कच्चे लाइनमैनों पर छंटनी की कार्रवाई शुरू हो गई है। उधर सर्वकर्मचारी संघ हरियाणा व आल हरियाणा पावर कार्पोरेशन यूनियन ने सरकार के इस फैसले की कड़े शब्दों में निंदा की है। बिजली विभाग कच्चे कर्मचारी एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष मुकेश बाढड़ा ने कहा कि सरकार कच्चे कर्मचारियों को इस तरह बाहर नहीं निकाल सकती है। उधर, दक्षिणी हरियाणा बिजली वितरण निगम चरखी दादरी के कार्यकारी अभियंता दलजीत सिंह ने कहा कि कच्चे कर्मचारियों को हटाने के लिए अभी केवल कागजी प्रक्रिया शुरू हुई है। नए कर्मचारियों की नियुक्ति के बाद पहले से कार्यरत कच्चे कर्मचारियों को हटाने का अंतिम फैसला उच्चाधिकारियों द्वारा लिया जाएगा
4100 कच्चे लाइनमैनों पर जल्द गिरेगी गाज!
दक्षिणी हरियाणा बिजली वितरण निगम में पिछले तीन वर्षो से कार्यरत 13600 में से लगभग 4100 कच्चे लाइनमैनों पर जल्द ही छंटनी की मार गिरेगी। निगम में चार हजार से ज्यादा नियमित एएलएम की नियुक्ति के साथ ही कच्चे लाइनमैनों की छंटनी प्रक्रिया आरंभ कर दी गई है। दक्षिणी हरियाणा बिजली वितरण निगम में कर्मचारियों की कमी को पूरा करने के लिए निगम वर्ष 2008 से ही ठेके पर कर्मचारियों की सेवाएं ले रहा है। डीसी रेट पर इन कर्मचारियों को एक अनुबंधित कंपनी के माध्यम से भर्ती किया गया था। प्रदेश में इस तरह से लगभग 13600 डिप्लोमाधारी कार्यरत हैं। यहां ये भी उल्लेखनीय है कि प्रदेश सरकार ने पिछले वर्ष 4118 पदों के लिए आवेदन आमंत्रित किए थे और इन पदों के लिए लगभग साठ हजार आवेदन पहुंचे थे। कर्मचारी चयन आयोग ने आवेदनों की भारी संख्या को देखते हुए शार्ट लिस्ट तैयार की थी और इसके अनुसार सामान्य वर्ग के 73 प्रतिशत व पिछड़ा व अनुसूचित वर्ग से संबंधित 72 प्रतिशत से ज्यादा अंकों वाले आवेदकों को साक्षात्कार का मौका दिया। इस पर ठेके पर काम कर रहे कर्मचारियों ने खूब हंगामा किया था और काम बंद करने की धमकी दी थी। इस पर सरकार ने कर्मचारी नेताओं को भरोसा दिलाया कि नए कर्मचारियों की नियुक्ति के बाद भी पिछले तीन वर्ष से अनुबंध पर कार्यरत कच्चे कर्मचारियों को हटाया नहीं जाएगा। लेकिन अब नए कर्मचारियों की नियुक्ति के सरकार के नए आदेशों से लगभग 41 सौ कच्चे लाइनमैनों पर छंटनी की कार्रवाई शुरू हो गई है। उधर सर्वकर्मचारी संघ हरियाणा व आल हरियाणा पावर कार्पोरेशन यूनियन ने सरकार के इस फैसले की कड़े शब्दों में निंदा की है। बिजली विभाग कच्चे कर्मचारी एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष मुकेश बाढड़ा ने कहा कि सरकार कच्चे कर्मचारियों को इस तरह बाहर नहीं निकाल सकती है। उधर, दक्षिणी हरियाणा बिजली वितरण निगम चरखी दादरी के कार्यकारी अभियंता दलजीत सिंह ने कहा कि कच्चे कर्मचारियों को हटाने के लिए अभी केवल कागजी प्रक्रिया शुरू हुई है। नए कर्मचारियों की नियुक्ति के बाद पहले से कार्यरत कच्चे कर्मचारियों को हटाने का अंतिम फैसला उच्चाधिकारियों द्वारा लिया जाएगा
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