गेस्ट टीचरों की नौकरी दांव पर, 75 दिन शेष


सुप्रीम कोर्ट में प्रदेश सरकार द्वारा दिए हलफनामे के अनुसार प्रदेश के विभिन्न स्कूलों में नियुक्त 15 हजार 840 अतिथि अध्यापकों की नौकरी के मात्र 75 दिन शेष रहे गए हैं। सरकार को 5 फरवरी तक इन सभी पोस्टों पर स्थाई अध्यापकों की भर्ती करनी है।  सरकार ने इस संबंध में अभी तक कोई फैसला नहीं लिया है, जिससे अतिथि अध्यापकों के दिलों की धड़कनें तेज हो गई हैं।  अध्यापकों को ज्यादा परेशानी इससे है कि सुप्रीम कोर्ट पहले ही कह चुका है कि अगर हलफनामे की तय सीमा में प्रदेश सरकार स्थाई अध्यापकों की भर्ती नहीं करती है तो इन अध्यापकों को खुद-ब-खुद छुट्टी पर माना जाएगा। सरकार की चुप्पी से गुडग़ांव जिले के 450, मेवात जिले के 1150 शिक्षकों सहित प्रदेश के 15 हजार 840 गेस्ट टीचरों का भविष्य अधर में है। छात्र भी परेशान हैं कि 5 फरवरी के बाद अगर ये शिक्षक हटा दिए गए तो उन्हें पढ़ाएगा कौन।

29 अक्टूबर को शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल के झज्जर स्थित आवास पर अध्यापकों ने अपनी मांगों को लेकर रैली निकाली थी, लेकिन कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला। अतिथि अध्यापकों ने रोहतक में 10 नवंबर को महारैली कर सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के सामने भी अपनी मांग रखी थी, लेकिन समस्या का हल नहीं हो सका। अतिथि अध्यापकों ने 15 नवंबर को दिल्ली जाकर प्रधानमंत्री को भी ज्ञापन सौंपा है। प्रधानमंत्री ने शिक्षकों को आश्वासन दिया है कि वे मुख्यमंत्री हुड्डा से बात कर उनकी समस्या को जल्दी हल करने का प्रयास करेंगे। अतिथि अध्यापकों का कहना है कि अगर जल्दी उनके हित में कोई फैसला नहीं लिया गया तो वे बड़े स्तर पर  प्रदेश भर में आंदोलन छेडेंग़े।

कैसे चलेगी परिवार की गाड़ी
इन अतिथि शिक्षकों में कई ऐसे हैं जो परिवार में अकेले कमाने वाले हैं। उनके सामने यह समस्या है कि नौकरी गई तो वे फिर क्या करेंगे। इनमें कई ऐसे हैं जिनकी उम्र अन्य सरकारी नौकरियों के  लिए समाप्त हो चुकी है। ऐसे में सभी अतिथि अध्यापकों की परेशानियां बढ़ गई हैं।

दिसंबर 2005 में हुई थी नियुक्ति
अतिथि अध्यापकों की नियुक्ति दिसंबर 2005 में सभी श्रेणी के सरकारी स्कूलों में की गई थी। नियमित अध्यापकों की कमी को देखते हुए इन्हें नियुक्त किया गया था। सरकार की ओर से ठोस कदम नहीं उठाने पर दूसरे सेमेस्टर से पहले ही 5 फरवरी 2013 को अतिथि अध्यापकों की छुट्टी हो जाएगी। जबकि मार्च में दूसरे सेमेस्टर की परीक्षाएं शुरू होनी हैं।
॥गेस्ट टीचर अब अपनी मांगों को लेकर किसी भी हद तक जाने के लिए तैयार हैं। रोजी बचेगी, तभी तो परिवार को रोटी खिला पाएंगे।
-कृष्ण कुमार, जिला अध्यक्ष, अतिथि अध्यापक संघ

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