चार लाख विद्यार्थियों का कॅरिअर दांव पर

सरकारी आदेश के बाद प्रदेश में चल रहे बाहरी यूनिवर्सिटीज के ३००० से ज्यादा स्टडी सेंटर पर लटक जाएगा ताला
एमपी और यूपी सरकार ने भी दिए थे ऐसे आदेश

दूसरे प्रदेशों की यूनिवर्सिटीज पर नकेल कसने की पहल यूपी सरकार ने की थी। यूपी सरकार ने वर्ष २००९ में अपने यहां चल रहे दूसरे राज्यों की यूनिवर्सिटीज के सभी स्टडी सेंटर बंद करने का फैसला किया था। बाद में इस पर कोर्ट से स्टे हो गया। आज यूपी में सभी स्टडी सेंटर चल रहे हैं। वर्ष २०११ में मध्यप्रदेश सरकार ने भी अपने यहां चल रहे दूसरे प्रदेशों की यूनिवर्सिटीज के स्टडी सेंटर बंद करने का आदेश जारी किया था। वहां भी अदालत ने इस फैसले पर रोक लगा दी। अब हरियाणा सरकार के फैसले के बाद यहां दूसरे राज्यों की यूनिवर्सिटीज से डिग्री कर रहे विद्यार्थियों के भविष्य का क्या होगा? यह सबसे बड़ा सवाल है। सवाल चार लाख से अधिक विद्यार्थियों के भविष्य का है। प्रदेश सरकार ने अभी तक इस बारे में स्पष्ट आदेश जारी नहीं किए हैं। कुरुक्षेत्र में दूसरे राज्य की यूनिवर्सिटी के एक स्टडी सेंटर से बीए कर रहे प्रशांत, सोहन, विक्रम, पवन, विजय और हेमंत ने कहा कि उन्हें राहत मिलनी चाहिए ताकि वह अपनी डिग्री पूरी कर सकें। कोई भी फैसला उनके हितों को ध्यान में रखकर ही लिया जाना चाहिए।

हिसार में भी चल रहे सेंटर

हिसार में भी कर्नाटक के एमएस विश्वविद्यालय, तमिलनाड़ु के महात्मा गांधी विश्वविद्यालय, मेघालय की सीएमजे विश्वविद्यालय, इल्लम यूनिवर्सिटी, राजस्थान की सरदार शहर यूनिवर्सिटी और विनायक मिशन विश्वविद्यालय समेत कई विश्वविद्यालयों के स्टडी सेंटर हैं। कई प्राइवेट विश्वविद्यालयों के यूजीसी से मान्यता प्राप्त होने के कारण इन विश्वविद्यालयों की डिग्री प्रदेश के विवि की डिग्री के समकक्ष मानी जाती थी। गुरु जंभेश्वर विश्वविद्यालय के दूरवर्ती शिक्षा निदेशक डॉ. एमएस तूरान ने कहा कि प्रदेश में जीजेयू के स्टडी सेंटर जारी रहेंगे।

विकास बत्तानत्नकुरुक्षेत्र

दूसरे राज्यों की यूनिवर्सिटीज के स्टडी सेंटर्स और ऑफ कैंपस सेंटर में पढ़ाई कर रहे हरियाणा के चार लाख छात्रों के लिए यह खबर मायूसी भरी है। सुप्रीम कोर्ट के वर्ष २००४ के फैसले को आधार बनाते हुए प्रदेश सरकार ने गुरुवार को राज्य में चल रहे ऐसे स्टडी सेंटर बंद करने का आदेश जारी कर दिया। इससे लाखों छात्रों के साथ-साथ ऐसे स्टडी सेंटर चला रहे लोगों के होश भी उड़े हुए हैं।

कुरुक्षेत्र में एनआईएमटी संस्थान के चेयरमैन डॉ. आरएस ढांडा ने बताया कि प्रदेश में चार लाख से अधिक युवा दूसरे राज्यों की यूनिवर्सिटी से पढ़ाई कर रहे हैं। अकेले कुरुक्षेत्र में ही ऐसे छात्रों की संख्या तकरीबन पांच हजार होगी। एक मोटे अनुमान के अनुसार, इस समय हरियाणा में दूसरे राज्यों की अलग-अलग यूनिवर्सिटीज के ३००० से अधिक स्टडी सेंटर चल रहे हैं। इनमें से ८० से ज्यादा तो अकेले कुरुक्षेत्र में ही हैं।

कर्नाटक ओपन यूनिवर्सिटी के हरियाणा में २००, ईलम यूनिवर्सिटी के ५००, एमएस तमिलनाडू के ४००, राजस्थान विद्यापीठ के ५०, बंगलुरु ओपन यूनिवर्सिटी के ३००, दक्षिण हिंदी प्रचार सभा के २५०, सीएमजे शिलांग के ३००, पीटीयू के १००, लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी के १००, भगवंत यूनिवर्सिटी के ५०, एनआईएमएस जयपुर के १५० और सिक्किम मनीपाल यूनिवर्सिटी के करीब १०० स्टडी सेंटर चल रहे हैं। इसके अलावा सिंघानिया व अन्य कई यूनिवर्सिटी के स्टडी सेंटर भी कुछ शहरों में चल रहे हैं।

केयू नहीं देती स्टडी सेंटर

केयू के जनसंपर्क अधिकारी देवेंद्र सचदेवा ने बताया कि कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी किसी राज्य में अपने स्टडी सेंटर खोलने की अनुमति नहीं देती। ऐसे में इस फैसले का केयू पर कोई असर नहीं पड़ेगा। 

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