, चंडीगढ़ : पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने सोमवार को हरियाणा लोकसेवा आयोग (एचपीएससी) को एचसीएस परीक्षा में पूछे गए गलत सवालों की जांच के लिए चार सप्ताह में एक्सपर्ट कमेटी गठित करने का आदेश दिया है। साथ ही आयोग को निर्धारित समय के भीतर कमेटी का गठन कर उसके सदस्यों की जानकारी सील बंद लिफाफे में हाई कोर्ट को सौंपनी होगी। उसके बाद आगामी चार सप्ताह में आयोग के पास इस मामले में जितनी भी शिकायतें व रिप्रेजेंटेशन आईं होगी, उनका निपटारा करना होगा। मुख्य न्यायाधीश जस्टिस एके सिकरी पर आधारित खंडपीठ ने सोमवार को आयोग को यह आदेश देते हुए इस मामले से संबंधित दायर याचिकाओं का निपटारा कर दिया। हालांकि इस मामले में आयोग की ओर से पिछली सुनवाई के दौरान एक्सपर्ट गठित करने का विरोध किया गया था परंतु याचिकाकर्ताओं के वकील वीके ¨जदल ने मुख्य न्यायाधीश एके सिकरी एवं आरके जैन पर आधारित खंडपीठ के समक्ष इस परीक्षा में पूछे गए गलत सवालों की जानकारी दी थी। इसके बाद खंडपीठ ने आयोग को सख्त निर्देश जारी करते हुए कहा कि इस पूरे मामले में जो गलत सवाल पूछे गए हैं, उनकी जांच केवल एक्सपर्ट कमेटी ही कर सकती है। लिहाजा, आयोग एवं याचिकाकर्ता पूछे गए सभी गलत सवालों की सूची एक्सपर्ट कमेटी को सौंपेंगे। बता दें कि इससे पहले हाई कोर्ट की एकल बैंच ने सुनील कुमार ढुल एवं अन्य द्वारा दायर याचिकाओं का निपटारा करते हुए प्रारंभिक परीक्षा में हुई गलतियों की जांच के लिए हरियाणा सरकार को एक एक्सपर्ट कमेटी गठित करने के आदेश दिए थे। इसके खिलाफ आयोग ने मुख्य न्यायाधीश पर आधारित खंडपीठ के समक्ष अपील
आयोग ने मुख्य न्यायाधीश पर आधारित खंडपीठ के समक्ष अपील दायर की थी