प्रदेश के 3206 जेबीटी शिक्षक जहां अपनी नौकरी पर तलवार लटके जाने से आशंकित हैं, वहीं शिक्षा विभाग उन्हें पदोन्नति देने की जोरशोर से तैयारी करने में जुटा हुआ है। शिक्षा निदेशालय ने जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों को जेबीटी तथा सीएंडवी शिक्षकों को पदोन्नति केस 21 जनवरी को लेकर पहुंचने के निर्देश दिए हैं।
गौरतलब है कि इन शिक्षकों की पदोन्नति के बारे में शिक्षा विभाग को हाईकोर्ट में 27 जनवरी तक जवाब दाखिल करना है। उच्च न्यायालय में दायर कैथल के रोशन लाल पंवार बनाम हरियाणा सरकार मामले ने भी शिक्षा विभाग की नींद हराम कर दी है। शिक्षा विभाग द्वारा इस संबंध में सभी जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों को जारी पत्र क्रमांक 15/82-2011 एचआरएम-1(2) दिनांक 15 जनवरी के संदर्भ में निर्देश दिए गए हैं कि विभाग द्वारा वर्ष 2000 में नियुक्त जेबीटी तथा सी एंड वी अध्यापकों के पदोन्नति संबंधी जो मामले विभाग द्वारा सभी जिलों में वापस भेज दिए गए थे, उन सभी मामलों को लेकर जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी तथा संबंधित सहायक 21 जनवरी को 11 बजे निदेशालय पहुंचे, ताकि न्यायालय द्वारा पारित आदेशानुसार इन अध्यापकों की पदोन्नति के बारे में पूरी रिपोर्ट तैयार की जा सके।
इसलिए गए थे जेबीटी शिक्षक हाईकोर्ट : वर्ष दो हजार में नियुक्त जेबीटी अध्यापकों को वर्ष 2008 तक लगभग सभी जिलों में हिंदी, संस्कृत तथा मुख्य शिक्षक पदों पर पदोन्नति नियमानुसार दी जा रही थी।
आखिर दस दिन में कैसे की जाएगी पदोन्नति
जागरण संवाद केंद्र, जींद : सीबीआइ कोर्ट ने 2000 में नियुक्त किए गए 3206 जेबीटी शिक्षकों के मामले में जहां पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला, उनके पुत्र अजय चौटाला सहित अन्य को दोषी करार दिया है, वहीं इन शिक्षकों में से बीएड किए हुए जेबीटी शिक्षकों को शिक्षा विभाग मास्टर पद पर पदोन्नति देने की तैयार कर चुका है। पदोन्नति देने के लिए 27 सितंबर 2012 को हाईकोर्ट ने आदेश जारी किए थे। अब जाकर विभाग ने इनकी सुध ली है। मात्र 10 दिन में विभाग पूरी पदोन्नति कैसे करेगा, यह सोचनीय विषय है?
वर्ष 2000 में नियुक्त हुए जेबीटी शिक्षकों ने दिसंबर 2010 में हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। इस पर 27 सितंबर 2012 को हाईकोर्ट ने चार माह में पदोन्नति करने के आदेश जारी किए थे। यह चार माह 27 जनवरी को पूरे हो रहे हैं, लेकिन विभाग ने इस दौरान पदोन्नति के केस नहीं मांगे। अब जाकर जब हाईकोर्ट की दी गई अवधि को मात्र दस दिन शेष बचे हैं, तब जाकर विभाग ने आनन-फानन में सभी मौलिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश जारी करके इन जेबीटी शिक्षकों की पदोन्नति के लिए केस मांग डाले हैं।
विभागीय सूत्रों की माने तो हैरत की बात यह है कि यह निर्देश 18 जनवरी को देर सायं जारी किए गए जबकि 19 जनवरी को गुरु गोबिंद सिंह जयंती के कारण सरकारी अवकाश था। इससे स्कूल व कार्यालय नहीं खुल सके। इसके अलावा 20 को शनिवार होने से भी कार्यालय बंद रहेंगे, लेकिन स्कूल खुलेंगे। वहीं 21 जनवरी को रविवार है।
यानी विभागीय अधिकारी जेबीटी शिक्षकों से कैसे उनके केस लेकर जाएंगे? वही सबसे बड़ी यह है कि विभाग को पदोन्नति 27 जनवरी तक करनी है और इस दौरान केवल दस दिन ही बनते हैं।
आखिर विभाग क्या दस दिन में पदोन्नति सूची जारी कर देगा। क्या वह किसी प्रकार की आपत्ति या दावे अबकी बार नहीं मांगेगा या चेकिंग के लिए जिला स्तर पर सूचियां नहीं भेजेगा? अचानक मांगे गए केसों ने विभागीय कार्यप्रणाली पर पूरी तरह से सवालिया निशान लगा दिया है।
1200 के करीब शिक्षकों को मिलेगा लाभ : इस पदोन्नति सूची जारी होने से प्रदेश के लगभग 1200 के करीब शिक्षकों को लाभ मिलेगा। हाईकोर्ट के आदेशानुसार शिक्षकों को दिसंबर 2010 से पदोन्नति से लाभ मिलेगा। उसी के अनुसार उनकी सीनियोरिटी लिस्ट बनेगी और अन्य लाभ दिए जाएंगे।
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