रेलवे ने रातोंरात बढ़ा दिए 78 पद


अंबाला रेल मंत्रालय हर साल कर्मचारियों की संख्या घटाने का फरमान जारी करता है लेकिन यहां मामला इसके विपरीत हुआ। उत्तर रेलवे ने रातोंरात अंबाला मंडल में 78 पोस्टें बढ़ा दीं। दरअसल, यह सब रेलमंत्री पवन बंसल के गृहक्षेत्र चंडीगढ़ से नई शताब्दी एक्सप्रेस को चलाने के लिए किया गया। पोस्टें बढ़ाने के लिए नियम-कायदा रोड़ा बन रहे थे, इसी के चलते फाइल दिल्ली भेजी गई थी। उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक, रेलवे में खर्चा कम और आमदनी बढ़ाने के लिए मंडल में सालाना करीब ढाई सौ पोस्टें सरेंडर की जाती है। रेलमंत्री बंसल ने चंडीगढ़ से दिल्ली नई शताब्दी एक्सप्रेस दौड़ाने का ऐलान तो कर दिया लेकिन अंबाला मंडल में मैकेनिकल और इलेक्टि्रकल विभाग के पास स्टॉफ ही नहीं था। बिन स्टॉफ नई रेलगाड़ी दौड़ाने को लेकर अफसर आपत्ति उठा रहे थे। यहां तक कि डीआरएम को अफसरों ने स्टॉफ के हालात से लिखित में अवगत करवा दिया था। इसके बाद स्टाफ स्ट्रैंथ बढ़ाने को लेकर अफसरों में माथापच्ची शुरू हो गई। पर्सनल विभाग ने एक पोस्ट सरेंडर कर नई एक पोस्ट बनाने की बात कही। लेकिन, पर्सनल विभाग के इस तर्क से मैकेनिकल और इलेक्टि्रकल अफसर संतुष्ट नहीं हुए। ऐसी हालत में अंबाला से उत्तर रेलवे के बड़ौदा हाउस मुख्यालय फाइल भेजकर स्थिति से अवगत करवाया गया। मामला रेलमंत्री पवन बंसल की नई शताब्दी एक्सप्रेस से जुड़ा था, ऐसे में अफसरों ने बिन विवाद के स्ट्रेंथ बढ़ाने के फैसले पर मुहर लगा दी। इलेक्टि्रकल के लिए 37 और मैकेनिकल के लिए 41 पोस्टें नई बना दी गई हैं। डीआरएम पीके सांघी ने माना कि स्टाफ स्टें्रथ बढ़ाई गई है। उनका कहना है कि मैकेनिकल में पोस्टें सरेंडर की है, जबकि इलेक्टि्रकल की स्ट्रेंथ बढ़ी है। दो करोड़ का पड़ेगा खर्चा अंबाला मंडल में करीब 78 पोस्टों की स्ट्रेंथ बढ़ जाने से करीब दो करोड़ रुपये का सालाना मंडल पर खर्चा बढ़ेगा। नई शताब्दी को रेलमंत्री पवन बंसल सोमवार को चंडीगढ़ से हरी झंडी देकर रवाना करेंगे

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