मामले को उजागर करते हुए तत्कालीन प्राथमिक शिक्षा निदेशक संजीव कुमार ने ही उच्चतम न्यायालय में अर्जी दायर की थी। न्यायालय ने मामले की जांच सीबीआइ से कराने का निर्देश दिया था। जांच के दौरान सीबीआइ ने संजीव कुमार के खिलाफ भी मामला दर्ज कर लिया था। तीन आइएएस अधिकारी रजनी शेखरी सिब्बल, विष्णु भगवान व पीके महापात्रा सहित अभियोजन व बचाव पक्ष की ओर से कुल 93 लोगों की हुई गवाही। संजीव कुमार से पूर्व तत्कालीन प्राथमिक शिक्षा निदेशक पर तैनात रही रजनी शेखरी की गवाही महत्वपूर्ण। उन्होंने शिक्षक भर्ती के लिए गड़बड़ी करने से इन्कार करने पर धमकी देने की बात कही। दोषियों के नाम मामले में कुल 62 आरोपी, जिनमें छह की मौत, एक आरोपमुक्त।आरोपियों में आइएएस अधिकारी, राजनीतिक हस्तियों को छोड़कर बाकी विभिन्न जिला व ब्लॉक में शिक्षा अधिकारी के पद पर तैनात थे। विद्याधर, शेर सिंह बड़शामी, संजीव कुमार, ओमप्रकाश चौटाला, अजय सिंह चौटाला, प्रेम बहल, शशि मल्होत्रा, कृष्णा गुप्ता, ब्रंाानंद, विनोद कुमारी, मामन चांद, सावन लाल, कांता शर्मा, फूल खुराना, हरबंस लाल, रामसरन कुकरेजा, चांद सिंह वर्मा, योगेश कुमार शर्मा, अभिलाष कौर, शेर सिंह, अनार सिंह, कैलाश कौशिक, अजीत सिंह सांगवान, राम कौर, महावीर सिंह लाथर, नारायण सिंह रुहिल, कृष्णा लाल नारंग, उषा रानी, मदन लाल कालरा, वीर भान मेहता, दिलबाग सिंह, राम कुमार, पुष्कर मल वर्मा, दुर्गा दत्त प्रधान, बानी सिंह, दया सैनी, राम सिंह, शीश पाल सिंह, रेखा शर्मा, रक्षा जिंदल, जीत राम छोकर, निर्मला देवी, अमर सिंह, सुधा सचदेवा, दर्शन दयाल, सरोज शर्मा, तुलसी राम बागरा, ओम प्रकाश तिवारी, बिहारी लाल, राजेंद्र सिंह, दलीप सिंह, राजेंद्र पाल सिंह, सरवन कुमार चावला, उर्मिला शर्मा, जोगिंदर लाल सुनवाई के दौरान निधन प्रभूदयाल, उदल प्रसाद शर्मा, शशि भूषण, पूरनचंद, नत्थूराम, कमला देवी आरोप मुक्त: ब्रिज मोहन
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