मेडिकल में दाखिले को लेकर छात्रों में भ्रम कायम


मेडिकल दाखिले में होने वाली छात्रों की सारी समस्याओं का रामबाण इलाज बताई जा रही साझा प्रवेश परीक्षा को लेकर अब तक भ्रम कायम है। स्नातकोत्तर (पीजी) के लिए साझा प्रवेश परीक्षा में बैठ चुके छात्रों को इसका नतीजा नहीं मिल पा रहा है। वहीं, एमबीबीएस कोर्स में दाखिले के इच्छुक छात्रों को तो यही पता नहीं चल पा रहा है कि उन्हें कौन-कौन सी परीक्षा देनी होगी। राष्ट्रीय परीक्षा बोर्ड (एनबीई) की ओर से आयोजित प्रवेश परीक्षा में बैठे छात्र अपने भविष्य को लेकर आशंकित हैं। अप्रैल महीने की पहली तारीख से इन पाठ्यक्रम में पढ़ाई शुरू हो जाती है। इससे पहले दाखिले की लंबी प्रक्रिया चलती है। जबकि सुप्रीम कोर्ट की इजाजत से ही सभी प्राइवेट और सरकारी मेडिकल कालेज में दाखिले के लिए यह राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (एनईईटी) शुरू की गई है। इसके तहत शुरुआत करते हुए पिछले साल ही स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों के उम्मीदवारों के लिए एनबीई ने परीक्षा आयोजित की। मगर सुप्रीम कोर्ट ने इसी दौरान फिर से रिजल्ट घोषित करने पर रोक लगा दी। इसी तरह स्नातक स्तरीय पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड अपने कार्यक्रम का एलान कर चुका है। मगर सुप्रीम कोर्ट ने अपना अंतिम फैसला आने तक सभी संस्थान, विश्वविद्यालय, संघ को प्रवेश परीक्षा लेने की छूट दे दी है। लेकिन वह इसका परिणाम घोषित नहीं कर सकते। ऐसे में जब तक सुप्रीम कोर्ट का स्पष्ट आदेश नहीं आ जाता, छात्रों को फिर से पहले की ही तरह तमाम परीक्षाओं में बैठना होगा

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