< 23 जुलाई 1999 को 3122 जेबीटी टीचर्स भर्ती करने के लिए हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग को पत्र भेजा < 24 जुलाई 1999 को आइएनएलडी सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला हरियाणा के मुख्यमंत्री बने। < 8 सितंबर 1999 को चौटाला कैबिनेट ने आयोग से भर्ती वापस लेने का फैसला लिया। < 15 सिंतबर 1999 को आयोग से भर्ती वापस ले ली गई। < 15 नवंबर 1999 को 3206 जेबीटी टीचरों की सीधी भर्ती के लिए विज्ञापन जारी। < दिसंबर 99 व जनवरी 2000 को इंटरव्यू हुए, मेरिट लिस्ट तैयार < फरवरी 2000 को आम चुनाव के बाद दोबारा से ओमप्रकाश चौटाला की सरकार बनी। < मई 2000 को आइएएस रजनी शेखरी सिब्बल ने मेरिट लिस्ट अलमारी में सील की। < 11 जुलाई 2000 को सिब्बल का तबादला हो गया और आइएएस संजीव कुमार डायरेक्टर के पद पर नियुक्त हुए। < 16 सितंबर 2000 को सीलबंद मेरिट लिस्ट निकाली गई। < सितंबर-अक्तूबर 2000 के दौरान दूसरी मेरिट लिस्ट हुई तैयार। < 3 अक्तूबर 2000 को जेबीटी टीचर्स के चयन की लिस्ट को सार्वजनिक किया गया। < 12 अक्टूबर 2000 को चुने गए उम्मीदवारों को नियुक्ति पत्र जारी। भर्ती में अनियमितताओं को लेकर आइएएस संजीव ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की। < 25 नवंबर 2003 को सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआइ से जांच करने को कहा। < 12 दिसंबर 2003 को सीबीआइ की जांच आरंभ हुई। < 24 मई 2004 को सीबीआइ ने केस दर्ज किया। < 2008 में सीबीआइ ने आरोपपत्र दाखिल किया < जुलाई 2010 से अगस्त 2012 तक मामले में तकरीबन हर रोज सुनवाई < 17 दिसंबर 2012 को फैसला सुरक्षित < 23 जुलाई 2011 को अदालत ने 55 लोगों को आरोपित किया। < 16 जनवरी 2013 को पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला, उनके बेटे अजय चौटाला समेत
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