2500 स्कूलों की मान्यता पर फैसला नहीं उपायुक्तों को दे रखी हैं निदेशक की शक्तियां


हरियाणा सरकार छह साल से ढाई हजार से ज्यादा स्कूलों की मान्यता का फैसला नहीं कर सकी है। अगर फैसला किया जाए तो सैकड़ों स्कूल के बंद करने की नौबत आ सकती है। मान्यता लटकाने के बदले प्रदेश सरकार इन स्कूलों की अस्थायी मान्यता हर साल बढ़ा देती है।
हरियाणा स्कूल शिक्षा नियमावली के तहत 31 मार्च, 2003 तक चल रहे गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों को मान्यता लेने के लिए सरकार ने 10 अप्रैल, 2007 तक आवेदन करने को कहा था। तब 3185 स्कूलों ने आवेदन किया था। बीते छह साल में शिक्षा विभाग ने सिर्फ 550 स्कूलों को मान्यता दी। शेष स्कूलों की मान्यता का फैसला नहीं किया।
पहले मान्यता देने का फैसला स्कूल शिक्षा निदेशक के स्तर पर होता था। अलबत्ता स्कूल की चेकिंग अतिरिक्त जिला उपायुक्त की अध्यक्षता वाली कमेटी करती थी। जब इन हजारों स्कूलों की चेकिंग नहीं हुई तो सरकार ने निदेशक की शक्तियां जिला उपायुक्तों को दे दी। संबंधित जिला उपायुक्त को अपने जिलों के स्कूलों की मान्यता का फैसला करना था। मगर उपायुक्तों ने कोई रुचि नहीं दिखाई। वर्ष 2011 में शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू हो गया। अब जिन स्कूलों ने हरियाणा स्कूल शिक्षा नियमावली के तहत आवेदन कर रखा है उन्हें पहली से आठवीं तक आरटीई के तहत मान्यता दी जाएगी।
शिक्षा विभाग ने अध्यापकों की जवाबदेही तय की
देरी के बदले अस्थायी मान्यता बढ़ाते रहे हर साल
संबंधित जिला उपायुक्तों को मान्यता के लंबित मामलों का जल्द निपटारा करने को कहा जाएगा।
-विकास यादव, निदेशक, सेकंडरी एजूकेशन, हरियाणा

No comments:

Post a Comment

thanks for your valuable comment

See Also

Education News Haryana topic wise detail.