हरियाणा में शुरू किया गया क्लास रेडीनेस प्रोग्राम (सीआरपी) के मामले से मास्टर जी मुंह नहीं मोड़ सकेंगे। शिक्षा विभाग ने अध्यापकों की जवाबदेही तय कर दी है। बच्चों को क्वालिटी एजूकेशन दिए बिना शिक्षा विभाग का भी गुजारा संभव नहीं है। अन्यथा कोर्ट केस होने शुरू हो जाएंगे। ऐसी पेचीदगियों से बचने के लिए ही शिक्षा विभाग अध्यापकों को पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन दे रहा है। इसके तहत प्रधानाचार्र्यों को दी जाने वाली चार डिवीजन की ट्रेनिंग पूरी हो चुकी है।
ट्रेनिंग के तहत यह सिखाया जा रहा है कि जिस क्लास में बच्चा पढ़ रहा है उसका पाठ्यक्रम अध्यापकों को पूरा करवाना होगा। इससे अक्तूबर में होने वाली दक्षता परीक्षा में बच्चा पास हो सके। यह दक्षता परीक्षा दरअसल यह तय करेगी कि मास्टर जी ने बच्चों पर कितना ध्यान दिया।
हरियाणा मौलिक शिक्षा विभाग के महानिदेशक डी. सुरेश ने बताया कि कक्षा तत्परता कार्यक्रम के तहत बच्चों को विभिन्न गतिविधियों के बारे में बताया जाएगा। उन्हें किताबों को पढ़ने, वाद-विवाद प्रतियोगिताओं में शामिल होने, योग सीखने तथा पिकनिक आदि में भाग लेने का मौका मिलेगा। यह कार्यक्रम 22 मई तक विभिन्न स्कूलों में आयोजित किया जा रहा है।
कार्यक्रम के माध्यम से प्रदेश सरकार ऐसा माहौल तैयार करना चाहती है, जिसमें विद्यार्थी अपने नए माहौल से परिचित हो सकें और उनकी शिक्षा के प्रति जिज्ञासा व रुचि बनी रहे।
No comments:
Post a Comment
thanks for your valuable comment