करनाल। प्रदेश भर के राजीव गांधी खेल स्टेडियमों में अनुबंध पर लगे कोच अब विभाग के अंडर नहीं बल्कि ठेकेदार के अंडर काम करेंगे। विभाग के इस निर्णय से कोचों में रोष है। प्रदेशभर के ग्रामीण आंचल में राजीव गांधी खेल स्टेडियम बनाए गए हैं।
इनमें खिलाड़ियों को कोचिंग देने के लिए पिछले वर्ष प्रदेशभर में करीब 160 कोच बतौर ग्राउंड मैनेजर लगाए गए थे। इसके अलावा इतने ही ग्राउंड मैन भी नियुक्त किए गए थे। ग्राउंड मैनेजर का वेतन 10 हजार रुपये निर्धारित किया गया था। जबकि ग्राउंड मैन का वेतन पांच हजार रुपये निर्धारित किया गया था।
अब सरकार ने इसमें फेरबदल करते हुए सभी ग्राउंड मैनेजर और ग्राउंड मैन को आउट सोर्सिंग यानी ठेकेदार के माध्यम से लगाने के आदेश दिए हैं। सभी खेल अधिकारियों को इस बारे में आदेश की प्रति भी भेज दी गई है। अधिकतर जिलों में ग्राउंड मैनेजर और ग्राउंड मैन को ठेके के माध्यम से करने का काम शुरू कर दिया है।
•राजीव गांधी खेल परिसर में लगे हैं करीब 160 प्रशिक्षक
प्रदेश भर में अनुबंध पर लगे कोचों ने इस निर्णय का कड़ा विरोध किया है। कोचों ने कहा कि विभाग की ओर से उन्हें 10 हजार रुपये दिए जाते थे। मगर ठेकेदार उन्हें सिर्फ आठ हजार रुपये ही देगा। सभी कोच एनआईएस कोर्स किए हुए हैं ओर पढ़े लिखे हैं। अब उन्हें ठेकेदारों के नीचे काम करना होगा जो अधिकतर अनपढ़ हैं। कोचों ने इसके विरोध में हरियाणा बेरोजगार खेल प्रशिक्षक संघ बनाया है। साथ ही सरकार से नियमित भर्ती करने की मांग की है।
सरकार के निर्देशानुसार ही राजीव गांधी खेल परिसर में लगाए गए कोचों को ठेकेदार के माध्यम से लगाया गया है।
सोमा सोखी, जिला खेल अधिकारी, करनाल।
ठेकेदारों के अधीन काम करेंगे अनुबंधित कोच कोचों ने विभाग के निर्णय का कड़ा विरोध किया
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