जेईई और 12वीं के अंकों से ही बनेगी मेरिट लिस्ट


नई दिल्ली (ब्यूरो)। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से वित्त प्राप्त करने वाले इंजीनियरिंग कॉलेजों में प्रवेश के लिए लाई गई नई नीति को चुनौती देने वाली याचिका पर अंतरिम आदेश जारी करने से वीरवार को इंकार कर दिया। अब प्रवेश पाने वाले छात्रों की मेरिट लिस्ट इस नीति के तहत ही तैयार की जाएगी, जो 12वीं बोर्ड के अंकों और संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईई) पर आधारित होगी।
जस्टिस एचएल दत्तू और जस्टिस दीपक मिश्रा की पीठ ने हालांकि इंजीनियरिंग कॉलेजों में आवेदन करने वाले छात्रों के परिजनों की याचिका पर सुनवाई की अनुमति प्रदान कर दी, जिन्होंने नई सामान्यकरण नीति को चुनौती दी है। पीठ ने कहा कि अदालत इस मामले में योग्यता के आधार पर सुनवाई करेगी। लेकिन उसे इस पर संतुष्ट किया जाए कि संबंधित शिक्षा नीति से छात्रों के मूल अधिकार का उल्लंघन हो रहा है। हालांकि इस साल छात्रों को उनके जेईई में प्रदर्शन और कक्षा 12वीं के बोर्ड परीक्षाओं में मिले अंकों के आधार पर ही चुना जाएगा।
चयन के लिए जेईई में मिले अंकों को 60 प्रतिशत वेटेज और बोर्ड परीक्षा में प्राप्त अंकों को 40 प्रतिशत वेटेज दिया जाएगा।
करीब 25 हजार छात्रों को प्रतिवर्ष देशभर के 30 प्रौद्योगिकी संस्थानों में प्रवेश के लिए चुना जाता है। इनमें भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) के अलावा भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान व अन्य शीर्ष प्रौद्योगिकी कॉलेज शामिल हैं। याचिकाकर्ता की ओर से पीठ के समक्ष पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता यूयू ललित ने ने तर्क दिया कि सामान्यकरण नीति के सिद्धांत पूरी तरह से विदेशी हैं। उन्होंने अंतरिम आदेश जारी करने की मांग करते हुए याचिका को अनुमति प्रदान करने की गुजारिश की। तब पीठ ने ललित से कहा कि पहले उन्हें याचिका की योग्यता पर अगली सुनवाई में अदालत को अपने तर्कों से सहमत करना होगा। अदालत ने केंद्र को इस याचिका पर चार सप्ताह में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।

No comments:

Post a Comment

thanks for your valuable comment

See Also

Calculate your age

Age Calculator Choose date of birth: OR enter birth details: / / Calculate Age