चंडीगढ़। हरियाणा में रेशनेलाइजेशन शिक्षा विभाग और शिक्षक संगठनों के बीच बड़ा विवाद बन गया है। शिक्षक संगठनों ने रेशनेलाइजेाश्न का विरोध शुरू कर दिया है। हरियाणा राजकीय अध्यापक संघ के राज्य प्रधान कुलभूषण शर्मा ने कहा कि शिक्षा विभाग उलझ गया है। 15 जुलाई तक ट्रांसफर होने थे, लेकिन अब विभाग कह रहा है कि पहले रेशनेलाइजेशन होगा। इसके बाद ही शिक्षकों का ट्रांसफर किया जाएगा।
राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष विनोद ठाकरान व महासचिव दीपक गोस्वामी ने कहा कि रेशनेलाइजेशन की नीति आरटीई एक्ट का उल्लंघन है। विभाग कक्षा-1 से 5 तक के प्राथमिक शिक्षकों का रेशनेलाइजेशन कर रहा है। एक्ट में जहां छात्र-शिक्षक अनुपात 30:1 का है, जबकि विभाग इसे 1:45 में बदल रहा है। जिससे एक हजार स्कूल सिंगल टीचर हो जाएंगे।
आरटीई एक्ट इसकी इजाजत नहीं देता है।
उधर, हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ की कोर कमेटी ने ऐलान किया है कि अव्यवहारिक रेशनलाइजेशन नीति किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं होगी।
संघ के राज्य अध्यक्ष वजीर सिंह की अध्यक्षता में संपन्न कोर कमेटी बैठक में प्रदेश की सार्वजनिक स्कूली शिक्षा बारे विस्तार से चर्चा की गई। संघ का मानना है कि शिक्षा विभाग द्वारा किए जा रहे नए-नए प्रयोग और बिना दूर दृष्टि के लागू की जा रही नई नीतियां स्कूली शिक्षा को पूरी तरह से तबाह कर देंगी परंतु अध्यापक संघ ऐसा नहीं होने देगा।
हरियाणा में 15 जुलाई के बाद ही ट्रांसफर होंगे। 15 जुलाई तक रेशनेलाइजेशन का काम पूरा हो जाएगा। जो ट्रांसफर हो चुके हैं, उनकी समीक्षा की जाएगी। फिलहाल आगे ट्रांसफर नहीं होंगे।
-डी सुरेश, निदेशक प्राथमिक शिक्षा हरियाणा
•हरियाणा में जारी रहेगी तबादलों पर रोक
•पहले रेशनेलाइजेशन की प्रक्रिया पूरी करेगा शिक्षा विभाग
15 जुलाई के बाद होंगे शिक्षकों के तबादले आरटीई एक्ट बन रहा रेशनेलाइजेशन में अड़ंगा
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