शिक्षा मंत्री ने स्वयं चखा मिड डे मील.... नियमित भर्ती तक गेस्ट टीचरों की सेवाएं जारी

शिक्षा मंत्री भुक्कल ने स्वयं चखा मिड डे मील
बच्चों को घर से लेकर आना पड़ता खाने के लिए बर्तन
सप्ताह में एक व्यंजन दो बार नहीं मौलिक शिक्षा निदेशक की ओर से जारी पत्र में स्पष्ट किया गया है कि स्कूलों में विद्यार्थियों के लिए बनने वाले व्यंजनों में से कोई भी व्यंजन सप्ताह में दो बार नहीं बनेगा। पत्र में यह भी स्पष्ट लिखा गया है कि व्यंजन स्कूल मुखिया की देखरेख में बनाए जाएंगे एवं उनकी गुणवत्ता तथा मात्र को स्कूल मुखिया बच्चों को परोसने से पहले भोजन को जांचे

जागरण संवाद केंद्र, अंबाला शहर : प्रदेश की शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल ने बृहस्पतिवार को राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय सुल्तानपुर का औचक निरीक्षण किया। उन्होंने विद्यालय में तैयार किए जा रहे मिड डे मील की जांच की। बच्चों के लिए तैयार किए गए कड़ी-चावल की गुणवत्ता पर संतोष जाहिर किया और स्वयं चखकर उसकी गुणवत्ता की जांच की। इसके अलावा उन्होंने स्कूल में मिड डे मील के लिए भंडारण किए गए अनाज का भी निरीक्षण किया। शिक्षा मंत्री ने कहा कि मिड-डे मील में खामी के कारण बिहार के एक स्कूल में घटी बड़ी घटना ने पूरे देश को इस विषय पर सोचने के लिए मजबूर कर दिया है।उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग और जिला स्तर के सभी अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे कार्यालयों में बैठने की बजाए फील्ड में जाकर शिक्षा सुविधाओं और विद्यालयों की अन्य सुविधाओं और समस्याओं की समीक्षा करें। उन्होंने बताया कि वे पूरे प्रदेश में स्वयं जाकर मिड डे मील और विद्यालय में उपलब्ध करवाई जा रही दूसरी सुविधाओं का निरीक्षण करंेगी। विद्यालयों में बच्चों के लिए पुस्तकें उपलब्ध करवाने, कमरों व फर्नीचर की उपलब्धता, स्वच्छ पेयजल, लड़के और लड़कियों के लिए अलग-अलग शौचालयों जैसी सुविधाओं का भी निरीक्षण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बच्चों के स्वास्थ्य के साथ किसी भी तरह का खिलवाड़ सहन नहीं किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि सभी विद्यालयों के लिए खाने का रोस्टर तैयार किया गया है और उसी के मुताबिक खाने और सब्जियों की खरीद व रख-रखाव के लिए भी नियम निर्धारित किए गए हैं। शहरों के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्र के विद्यालयों का भी औचक निरीक्षण किया जा रहा है। इस मौके पर जिला शिक्षा अधिकारी डॉ. परमजीत शर्मा, सर्वशिक्षा अभियान की परियोजना संयोजक उमा शर्मा भी मौजूद थी।गिेस्ट टीचरों की सेवाएं रहेंगी जारी शिक्षा मंत्री ने बताया कि गेस्ट टीचरों का मामला न्यायालय में विचाराधीन है। इस सम्बन्ध में विभाग द्वारा न्यायालय को सूचना दी गई है कि नियमित भर्ती तक गेस्ट टीचरों की सेवाएं जारी रखी जाएंगी।125 हजार अध्यापकों की भर्ती शीघ्र शिक्षा मंत्री ने कहा कि प्रदेश में शीघ्र ही 24 से 25 हजार अध्यापक भर्ती किए जाएंगे। इसके बाद किसी भी विद्यालय में अध्यापकों की कमी नहीं रहेगी। फिलहाल रेशनेलाइजेशन के तहत अध्यापकों की कमी को पूरा करने का प्रयास किया जा रहा है।बन रहा टीचर ट्रेनिंग सेंटर शिक्षा मंत्री ने बताया कि बीएड स्तर की शिक्षा में गुणात्मक सुधार के लिए सरकार द्वारा जींद में राष्ट्रीय स्तर का टीचर ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट स्थापित किया जा रहा है। मेडिकल कॉलेजों की तर्ज पर प्रदेश के सभी बीएड कॉलेजों को इस संस्थान के साथ सम्बद्ध किया जाएगा। राज्य स्तरीय टीचर ट्रेनिंग कोर्स के लिए भी एक एकीकृत प्रशिक्षण कार्यक्रम आरंभ किया गया है, जिसके तहत स्नातक और बीएड की शिक्षा साथ देने का प्रावधान रहेगा।
निजी स्कूलों के लिए अलग एक्टशिक्षा मंत्री ने बताया कि प्राइवेट विद्यालयों में दाखिले और फीस पर नियंत्रण सहित अन्य विषयों पर नियंत्रण के लिए शीघ्र ही प्राइवेट स्कूल एक्ट तैयार हो रहा है। आइटीआइ में होगी नई वर्दी शिक्षा मंत्री ने कहा कि प्रदेश के सभी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में लड़के और लड़कियों के लिए वर्दी का नया डिजाइन लागू किया गया है, जिसे स्वयं उन्होंने तैयार करवाया है।साफ-सफाई भी नहीं : बृहस्पतिवार को शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल द्वारा शहर के सुलतानपुर स्थित राजकीय स्कूल में किए गए मिड-डे मील की चेकिंग औपचारिकता बनकर रह गई। उन्होंने तैयार खाने को तो देखा, लेकिन उसके लिए इस्तेमाल किए जाने वाले उत्पादों को नहीं। यहां आज बच्चों के लिए कड़ी चावल बनाए गए थे। मंत्री जी ने स्कूल का मिड-डे मील का भोजन खुद चखकर चेक किया और अपनी व्यवस्था को बेहतर बताया। उन्होंने न तो मिड-डे मील में काम आने वाले सरसों का तेल या प्रॉडक्ट चेक किए और न ही स्कूल प्रांगण के बदतर हालत को देखा। स्कूल के कच्चे प्रांगण में बरसात का पानी है और जंगली घास उगी हुई है। दैनिक जागरण के पूछने पर उन्होंने खाने के उत्पादों के बारे में कहा कि किस तरह का ब्रांड इस्तेमाल करना है, इसको लेकर स्कूलों को पहले से ही निर्देश हैं। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्र में मिड-डे मील की गुणवत्ता संबंधी प्रश्नों को भी टाल दिया और दावा किया कि पूरे प्रदेश के स्कूलों में बेहतर मिड-डे मील मिल रहा है। 1 जब उनसे जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय प्रांगण की दयनीय हालत की ओर ध्यान दिलाया गया तो उन्होंने डीईओ से पूछा कि क्या कार्यालय लघु सचिवालय में नहीं है। मैंने तो आदेश दे रखा है।जागरण संवाद केंद्र, अंबाला : स्कूलों में परोसे जाने वाले मिड डे मील को खाने में विद्यार्थी ज्यादा दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं। विद्यार्थी मिड-डे मील खाने के बजाय इधर-उधर खिसक जाते हैं। कई विद्यार्थी तो अपने घर से ही दोपहर का खाना लेकर आते हैं। हालांकि, स्कूल मुखिया एवं मिड-डे मील इंचार्ज विद्यार्थियों को बैठाकर खाना परोसने का भरसक प्रयास करती हैं, फिर भी विद्यार्थी मिड डे मील को तवज्जो नहीं देते हैं। जिले के कई स्कूलों में बर्तनों का टोटा है। विद्यार्थियों को घर से ही बर्तन लेकर आना पड़ता है। स्कूल में आने वाली खाद्य सामग्री साफ-सुथरी आ रही है। स्कूल मुखिया भी पूरी सर्तकता के साथ मिड-डे मील सामग्री को जांचते हैं ताकि किसी प्रकार की कोई कमी न हो। मिड डे मील को तैयार करने वाली महिलाओं पर भी मुखिया द्वारा पूरी निगरानी रखी जाती है। विद्यार्थियों को खाना परोसने से पहले स्कूल मुखिया खुद स्वाद चखता है। हालांकि, स्कूल मुखियाओं ने दबी आवाज में मिड डे मील को जी का जंजाल बताया। खाने के लिए मिलने वाले बर्तन विभाग ने मिड-डे मील खाने के लिए प्लेट व चम्मच अनिवार्य कर रखा है। सब-डिविजन-2 के सिख गल्र्स स्कूल में विद्यार्थियों के खाने के लिए बर्तन नहीं है। विद्यार्थियों को घर से बर्तन लाना पड़ता है। इसके अलावा भी कई सरकारी स्कूलों में बर्तन का अभाव है। डीईईओ को लिखा पत्र : रजवंत कौर सब-डिविजन-2 के सिख गल्र्स स्कूल की प्राचार्या रजवंत कौर का कहना है कि मिड-डे मील के बर्तनों के लिए डीईईओ को पत्र भेजा गया है। जल्द ही विभाग की ओर से उन्हें बर्तन उपलब्ध हो जाएंगे। नहीं होगी कोताही बर्दाश्त : परमजीत जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी डॉ. परमजीत शर्मा का कहना है कि जिले के स्कूलों में बनने वाले मिड डे मील में कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए हैं।शिक्षा अधिकारियों को आवश्यक निर्देश देतीं शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल।जागरणमिड डे मील लेते बच्चे।  डे मील का स्वाद चखतीं शिक्षा

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