चंडीगढ़ : सूबे में अध्यापकों की कमी दूर करने के लिए आदर्श व राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान (रमसा) स्कूलों में अध्यापकों की भर्ती के लिए अध्यापक भर्ती बोर्ड का गठन किया जाएगा। मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल की अध्यक्षता में हुई शिक्षा विभाग की उच्चाधिकारियों की बैठक में यह निर्णय लिया गया। स्कूली शिक्षा के प्रमुख सचिव इस बोर्ड के अध्यक्ष होंगे, जबकि गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी के कुलपति, डीजीएसई और पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड की चेयरपर्सन इसकी सदस्य होंगी। डीपीआई स्कूल को बोर्ड का संयोजक बनाया गया हैं। 1बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि बोर्ड का मकसद पेशेवर और प्रतिभाशाली अध्यापकों को भर्ती करना हैं। बोर्ड अध्यापकों की भर्ती के समय केवल मेरिट को ही आधार बनाए और इन स्कूली अध्यापकों की भर्ती प्रक्रिया को सितंबर तक पूरा करना यकीनी बनाए। भर्ती प्रक्रिया पूरी होने तक अध्यापकों का वैकल्पिक इंतजाम किया जाए ताकि बच्चों की पढ़ाई पर कोई असर न पड़े। 1बैठक में ग्रामीण इलाकों के सरकारी स्कूलों में दसवीं कक्षा में 80 फीसदी या अधिक
अंक हासिल करने वाले विद्यार्थियों के लिए नए मॉडल स्कूल स्थापित करने के प्रस्ताव को मंजूरी देते हुए बादल ने कहा कि यह स्कूल अमृतसर, जालंधर, लुधियाना, पटियाला और बठिंडा में स्थापित होंगे। 1हर मॉडल स्कूल करीब दस एकड़ में होगा और एक स्कूल पर दस करोड़ रुपये की लागत आएगी। उन्होंने शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव को निर्देश दिया कि इन स्कूलों का निर्माण कार्य जल्द शुरू किया जाए ताकि अगले सत्र से वहां हर हाल में कक्षाएं शुरू की जा सके। 1मुख्यमंत्री ने ग्रामीण क्षेत्रों के विद्यार्थियों को दसवीं के बाद स्तरीय शिक्षा देने के लिए आंध्र प्रदेश की तर्ज पर ग्रामीण विश्वविद्यालय स्थापित करने की भी इच्छा जताई और शिक्षा विभाग को आंध्र प्रदेश के इस मॉडल का अध्ययन करने को कहा।www.teacherharyana.blogspot.com (Recruitment , vacancy , job , news)
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