अश्विनी शर्मा, करनाल1प्रदेश सरकार शिक्षा को बढ़ावा देने के लंबे-चौड़े दावे कर रही है, लेकिन हकीकत यह है कि एक अहम छात्रवृत्ति योजना फाइलों में ही चल रही है। तीन साल बाद भी छात्रवृत्ति की रकम विद्यार्थियों तक नहीं पहुंची। 1प्रदेश सरकार ने नेशनल टैलेंट सर्च एक्जामिनेशन की तर्ज पर हरियाणा साइंस टैलेंट सर्च एक्जामिनेशन योजना शुरू की। वर्ष 2010 में हरियाणा काउंसिल फार साइंस एंड टेक्नालाजी विभाग को इसके संचालन की जिम्मेदारी सौंपी गई। इस परीक्षा को पास करने वाले विद्यार्थी को 12वीं कक्षा तक छात्रवृत्ति योजना का लाभ मिलना था। उद्देश्य यह था कि प्रदेश में साइंस विषय को बढ़ावा दिया जाए। छात्रवृत्ति के लिए विद्यार्थी को जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में यह प्रमाण देना जरूरी था कि उसने 11वीं में विज्ञान संकाय में दाखिल लिया है। आठवीं कक्षा में ली गई इस परीक्षा में पास होने वाले विद्यार्थियों को 12वीं तक विज्ञान संकाय में रहने पर हर महीने 500-500 रुपये छात्रवृत्ति देने का प्रावधान था। हैरत की बात यह है कि वर्ष 2010 से प्रदेश सरकार हरियाणा साइंस टैलेंट सर्च एक्जामिनेशन की परीक्षा ली। लेकिन महज वर्ष 2010 में परीक्षा पास करने वाले विद्यार्थियों को पहली किस्त के तौर पर तीन महीने की छात्रवृत्ति मिली। इसके बाद वर्ष 2011 व वर्ष 2012 से लेकर अब तक इस योजना का लाभ विद्यार्थियों को नहीं मिला है। विद्यार्थी शिक्षकों से अपनी छात्रवृत्ति के बारे में पूछते हैं तो शिक्षक इस छात्रवृत्ति को लेकर अधिकारियों से बात करते हैं, लेकिन अभी तक किसी को मालूम नहीं कि यह राशि किस वजह से अटकी हुई। 1इस राशि के रुकने की अहम वजह से फंड की कमी माना जा रहा है। करनाल जिला गणित विशेषज्ञ मोहन लाल मुंजाल का कहना है कि उन्होंने छात्रवृत्ति नहीं मिलने पर अधिकारियों से संपर्क किया। अधिकारियों ने विद्यार्थियों के बैंक अकाउंट नंबर मंगवाए और कहा कि यह राशि सीधे उनके खाते में जाएगी। उन्हें मालूम है कि एक ही किस्त इस छात्रवृत्ति की पहुंची थी, लेकिन इसके बाद राशि नहीं आई।
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