रेशनेलाइजेशन के विरोध में शिक्षक

10 जुलाई को सड़कों पर उतरेंगे अतिथि अध्यापक, हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ भी विरोध में

शिक्षा विभाग की ओर से हाल ही में जारी की गई रेशनेलाइजेशन नीति विरोध शुरू हो गया है। इसके विरोध में हरियाणा मास्टर वर्ग जन प्रतिनिधियों को ज्ञापन देने में जुटा हुआ है, वहीं हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ भी इसका विरोध जता रहा है। रविवार को जाट धर्मशाला में राज्यस्तरीय बैठक करने के बाद अतिथि अध्यापकों ने भी आंदोलन का समर्थन किया है।रेशनेलाइजेशन नीति के विरोध में अतिथि अध्यापक 10 जुलाई को सड़कों पर उतरकर रोष जताएंगे।

अतिथि अध्यापक संघ की बैठक की अध्यक्षता कर रहे संघ के प्रदेशाध्यक्ष अरुण मलिक ने कहा कि रेशनेलाइजेशन नीति के तहत अतिथि अध्यापकों के रोजगार पर तलवार लटक गई है। प्रदेश के सरकारी स्कूलों में कार्यरत अतिथि अध्यापक रोजगार बचाने के लिए कुर्बानी देने को तैयार हैं। सरकार रेशनेलाइजेशन नीति अपनाकर अतिथि अध्यापकों को हटाने की कोशिश कर रही है।प्रधान महासचिव राजेंद्र शास्त्री ने सरकार से अतिथि अध्यापकों को शीघ्र नियमित करने की मांग की है। कोषाध्यक्ष शिवचरण ने कहा कि मुख्यमंत्री ने अतिथि अध्यापकों को नियमित करने का वादा किया था, लेकिन वे अपने वादे से मुकर रहे हैं।

रणनीति तैयार

बैठक में फैसला लिया गया कि अतिथि अध्यापक 10 जुलाई को सड़कों पर रोष प्रदर्शन करने के साथ-साथ जिला शिक्षा अधिकारियों के माध्यम से मुख्यमंत्री को मांगों का ज्ञापन सौंपेंगे।यदि इसके बाद भी भी समस्या का समाधान नहीं हुआ तो 22 जुलाई को पंचकूला शिक्षा सदन पर प्रदर्शन कर शिक्षामंत्री का पूतला फूकेंगे।

No comments:

Post a Comment

thanks for your valuable comment

See Also

Education News Haryana topic wise detail.