स्कूलों का रिजल्ट खराब

जिला शिक्षा अधिकारियों की चंडीगढ़ में बैठक
खराब रिजल्ट के कारण 14स्कूलों में स्टाफ की कमी 14बच्चों को पास करने का पंचायती दबाव 14महिला शिक्षकों की लंबी छुट्टी 14

जागरण ब्यूरो, चंडीगढ़ : प्रदेश के स्कूलों में स्टॉफ की कमी, आठवीं का बोर्ड नहीं होने की वजह से नौवीं में बच्चों को पास करने का पंचायती दबाव और महिला शिक्षकों के लंबी छुट्टी पर जाने की बढ़ती प्रवृत्ति के कारण  स्कूलों का रिजल्ट खराब रहा है। शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल द्वारा बुलाई गई जिला, उप व ब्लाक शिक्षा अधिकारियों की बैठक में दसवीं और बारहवीं में खराब रिजल्ट आने के कमोबेश यही कारण गिनवाए गए हैं। पंचकूला स्थित शिक्षा निदेशालय में आयोजित बैठक में शिक्षा मंत्री ने खराब रिजल्ट के लिए जिला, उप व ब्लाक शिक्षा अधिकारियों की जवाबदेही तय कर दी है। भुक्कल ने जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे जिला स्तर पर विद्यालयों की नियमित मानीटरिंग सुनिश्चित करें, ताकि सरकारी स्कूलों के कार्य प्रदर्शन में अधिक सुधार लाया जा सके। शिक्षा मंत्री ने माना कि खराब रिजल्ट का कारण जिला व खंड शिक्षा अधिकारियों द्वारा सही मानीटरिंग का नहीं होना भी रहा है। परीक्षाओं के खराब परिणामों पर जिला व खंड शिक्षा अधिकारियों की जवाबदेही होगी। यदि वे अपने कार्य प्रदर्शन में सुधार नहीं करेंगे तो उनके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। मंत्री ने निर्देश दिए कि नियमित अंतराल पर खंड शिक्षा अधिकारियों द्वारा स्कूलों का निरीक्षण किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जिन-जिन स्कूलों में अध्यापकों की कमी है, वहां पर जिला शिक्षा अधिकारी आवश्यकतानुसार अध्यापकों की अस्थायी प्रतिनियुक्ति के लिए अधिकृत हैं। ऐसी प्रतिनियुक्तिओं की जानकारी विभाग की वेबसाइट पर भी डाली जानी चाहिए।बच्चों के स्कूल छोड़ने के कारण भी जानने होंगे : शिक्षा मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि स्कूलों में ड्राप आउट बच्चों के मामलों की भी मानीटरिंग की जाए। यदि कोई बच्च बीच में ही स्कूल छोड़ जाता है तो उसके कारणों का पता लगाने के लिए भी स्कूल मुखिया की जवाबदेही होगी। यदि किसी बच्चे का स्कूल में दाखिला नहीं होता है अधिकारी दाखिला भी सुनिश्चित करवाएं। जुलाई के अंत तक पहुंच जाएंगी स्कूलों में किताबें : शिक्षा मंत्री ने दावा किया है कि जुलाई माह के अंत तक सभी किताबें स्कूलों में पहुंच जाएंगी। उन्होंने कहा कि अधिकारी अपने अधीनस्थ कर्मियों को दिशा निर्देश दें कि किताबें पहुंचने तक उपलब्ध पुस्तकों के साथ अध्यापन कार्य जारी रखें। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि हर स्कूल में पाठय पुस्तकों का वितरण सुनिश्चित किया जाए। भुक्कल ने दावा किया कि जिन स्कूलों में ड्यूल डेस्क की कमी है, वहां डेस्क भेजे जा रहे हैं।शिक्षकों को भी पढ़ाया गया नैतिकता का पाठ : शिक्षा मंत्री ने शिक्षकों को नैतिकता का पाठ पढ़ाने के साथ-साथ उन्हें स्कूलों में स्वयं हाजिरी लगाने की नसीहत दी।  उन्होंने कहा कि शिक्षकों को नियमित उपस्थिति दर्ज कर हर रोज हाजिरी लगानी चाहिए। यदि कुछ दिन बाद हाजिरी लगाने के मामले पकड़े गए तो कार्रवाई होगी। यदि स्कूलों में छात्रओं के साथ किसी प्रकार की छेड़खानी या छींटाकशी की जानकारी मिलती है तो मुख्यालय को उसके बारे में तुरंत सूचित किया जाए। ऐसे मामलों में जिला शिक्षा अधिकारी अपने स्तर पर भी कार्रवाई कर सकते हैं।बैठक में स्कूल शिक्षा विभाग की प्रधान सचिव सुरीना राजन, महानिदेशक अशोक यादव, प्राथमिक शिक्षा के महानिदेशक डी सुरेश, सर्वशिक्षा अभियान के राज्य परियोजना निदेशक टीएल सत्याप्रकाश, अतिरिक्त निदेशक रितु मौजूद रहे

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