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जागरण संवाददाता, भिवानी : हरियाणा मौलिक शिक्षा निदेशालय द्वारा निर्धारित कार्यक्रम के तहत बुधवार को भिवानी में जेबीटी शिक्षकों की काउसलिंग शिक्षक संगठनों के विरोध के चलते खटाई में पड़ गई। सभी अध्यापक संगठनों ने काउसलिंग में वायदा खिलाफी का आरोप लगाते हुए काउसलिंग प्रक्रिया से शिक्षकों का बहिष्कार करवा दिया और सीमेट कार्यालय के समक्ष जमकर नारेबाजी की। रोष प्रदर्शन करते हुए अध्यापक संगठन के पदाधिकारी लघु सचिवालय पहुचे और जिला उपायुक्त के माध्यम से मागों का ज्ञापन सरकार को भेजा। अध्यापक संगठन अपनी मागों पर अड़े रहे और काउसलिंग सेंटर पर अधिकारी बैठे शिक्षकों का काउसलिंग के लिए इतजार करते रहे। एक भी शिक्षक की काउसलिंग नहीं होने की वजह से शिक्षा अधिकारियों ने मामले की सूचना निदेशालय को भेज दी। अध्यापक संगठनों ने चेतावनी दी है कि 8 अगस्त को मास्टर, सीएंडवी व शारीरिक शिक्षकों की काउसलिंग का भी बहिष्कार किया जाएगा।
हासी रोड स्थित सर्व शिक्षा अभियान के सीमेट कार्यालय में बुधवार को जेबीटी टीचरों की काउसलिंग प्रक्रिया शुरू होने से पहले ही अध्यापक संगठनों के आक्रोश का शिकार हो गई। काउसलिंग सेंटर पर राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ, हरियाणा मास्टर वर्ग एसोसिएशन, हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ के अलावा सभी शिक्षक संगठनों ने सीमेट कार्यालय में काउसलिंग प्रक्रिया का विरोध करते हुए नारेबाजी की।
रेशनेलाईजेशन का विरोध लगातार जारी रहेगा। भिवानी- हरियाणा कर्मचारी महासंघ से सम्बन्धित अध्यापक संघ ने जिला प्रधान सत्यवान शास्त्री ने नेतृत्व में बुधवार को सर्व शिक्षा अभियान कार्यालय के सामने जोरदार प्रदर्शन करते हुए रेशनेलाईजेशन का विरोध किया तथा यह भी कहा कि यह विरोध आगे भी जारी रहेगा। विरोध प्रदर्शन के बाद अध्यापक संघ के प्रदेश प्रवक्ता जयवीर नाफरिया ने बताया कि शिक्षा विभाग रेशनेालाईजेशन शिक्षा अधिकार अधिनियम को ताक पर रखकर कर रहा है। जबकि विभाग आरटीई उल्लंखन के आरोप लगातार संगठनों पर लगाता आ रहा है। उन्होंने माग की कि प्राइमरी में आरटीई के अनुसार अनुसार अध्यापक छात्र अनुपात 1:30 होना चाहिए तथा छात्र संख्या 31 जुलाई के अनुसार हो। जब तक ऐसा नही किया जाएगा, तब तक अध्यापक संघ का रेशनेलाईजेशन का विरोध जारी रहेगा। इस अवसर पर वरिष्ठ उपप्रधान शक्ति सिंह सिवाच, जयवीर नाफरिया, संजीव मंदौला, सुरेन्द्र सूरा, सत्यवान शास्त्री, विनोद परमार, सच्चन सागा, जयप्रकाश मंदौली, हरीश गोच्छी, रामकुमार सराय, रूप कुमार सहित सैकड़ों अध्यापक मजबूत थे।
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