सेमेस्टर नहीं, सीधे वार्षिक परीक्षाएं हों


हरियाणा राजकीय स्कूल प्रिंसिपल एसोसिएशन ने की मांग
जींद। हरियाणा राजकीय स्कूल प्रिंसिपल एसोसिएशन ने बैठक कर हरियाणा सरकार से मांग की है कि इस बार स्कूलों में अध्यापकों के पद खाली होने व समय से किताबें न पहुंचने के कारण सेमेस्टर की बजाय वार्षिक परीक्षाएं ली जाएं। एसोसिएशन ने कहा कि शिक्षकों के पद खाली होने के कारण छात्रों की पढ़ाई पर प्रतिकूल असर पड़ा है। जिससे सेमेस्टर की परीक्षाएं लेने का कोई औचित्य नहीं है।
बैठक की अध्यक्षता करते हुए हरियाणा राजकीय स्कूल प्रिंसिपल एसोसिएशन जींद के प्रधान विजय गुप्ता ने कहा कि सरकारी स्कूलों में शिक्षकों के पद खाली होने के कारण चालू शिक्षा सत्र में छात्रों की पढ़ाई बिल्कुल नहीं हो पाई है। जब शिक्षा विभाग छात्रों की पढ़ाई ही नहीं करवा पाया तो फिर परीक्षा लेने का प्रतिफल क्या मिलेगा। पढ़ाई ठीक तरह से न होने से छात्र व अध्यापक काफी तनाव में हैं। बावजूद इसके शिक्षा विभाग ने आदेश जारी कर दिए हैं कि स्कूल अपने स्तर पर प्रथम सेमेस्टर की परीक्षाएं लें। बिना पढ़ाई के अगर परीक्षाएं करवाई जाएंगी तो फिर परिणाम कैसे आएंगे।
एसोसिएशन अध्यक्ष हरिप्रकाश ने कहा कि चालू शिक्षा सत्र में शिक्षा आयुक्त के आदेशों की पालना करते हुए शिक्षकों ने 22 तक कक्षा तत्परता कार्यक्रम करवाए। इसके बाद ग्रीष्मकालीन अवकाश हो गया। अवकाश के बाद स्कूलों के मुख्याध्यापक पदोन्न्त हो गए। जिससे शिक्षकों की कमी झेल रहे स्कूलों में अध्यापकों की और कमी हो गई।
बैठक के बाद एसोसिएशन ने एक प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किया। जिसमें सरकार से केवल इस बार परीक्षाएं वार्षिक करवाने, जिन विषयों के अध्यापक स्कूलों में नहीं हैं, उनके मूल्याकंन करने के तौर तरीकों के बारे में विस्तृत आदेश जारी करने, बोर्ड परीक्षाओं में केंद्र अधीक्षक नियुक्त जाने वाले प्राचार्यों का मानदेय 60 से बढ़ाकर 500 रुपये करने, वरिष्ठता सूची जारी करने, कार्यालय खर्च का बजट बढ़ाने की मांग की गई है। बैठक में नरेश वर्मा, विनय जिंदल, जगमेंद्र रेढ़ू व राजेश शर्मा मौजूद रहे।
रविवार को जींद में हुई बैठक, किताबों और अध्यापकों की कमी से दिक्कत
किताबों के मामले में पिछले कड़वे अनुभव से सीखते हुए इस बार अलग-अलग कक्षाओं के लिए टेंडर छोड़े गए हैं, और किसी भी कंपनी को बड़े टेंडर नहीं दिए गए। आठवीं तक परीक्षा नहीं होती, केवल सीसीई मूल्यांकन होता है, इसलिए परीक्षा पर असर नहीं पड़ेगा। दसवीं की परीक्षा में प्रशनपत्र तो बोर्ड की ओर से ही दिए जाएंगे। जबकि परीक्षा स्कूल स्तर पर होगी। इससे क्वालिटी एजुकेशन पर फर्क नहीं पड़ेगा और हर संभव प्रयास कर रही है कि क्वालिटी एजुकेशन दी जाए।
गीता भुक्कल, शिक्षा मंत्रीwww.teacherharyana.blogspot.com (Recruitment , vacancy , job , news)

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