जागरण संवाद केंद्र, कुरुक्षेत्र : राज्य के चार विश्वविद्यालयों में पीएचडी के आधार पर नौकरी पाने वाले शिक्षकों के लिए अच्छी खबर है। सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने ऐसे सभी प्राध्यापकों को पीएचडी के पांच इंक्रीमेंट दिलाने का आश्वासन दिया है। सांसद के इस आश्वासन से चारों विश्वविद्यालयों के 80 से अधिक प्राध्यापकों को इससे लाभ मिलेगा और भविष्य में लगने वाले शिक्षकों के लिए भी रास्ता साफ होगा।1कुटा प्रधान डॉ. एचके शर्मा के नेतृत्व में शिक्षकों का एक शिष्टमंडल शनिवार को दिल्ली में सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा से मिला। सांसद ने सदस्यों के सामने ही चंडीगढ़ में उच्च शिक्षा विभाग के प्रिंसिपल
सेक्रेटरी एसएस प्रसाद से फोन पर बातचीत की और निर्देश दिया कि पीएचडी के आधार पर कॉलेज और विश्वविद्यालयों में जिन शिक्षकों की सितंबर 2009 के बाद नियुक्ति हुई है उन्हें पांच इक्रीमेंट का लाभ दिया जाए। कुटा के उप्रधान डॉ. संजीव शर्मा ने बताया कि यूजीसी के नियमानुसार पीएचडी की योग्यता रखने वालों को पांच इंक्रीमेंट देने का प्रावधान है। 1 जनवरी, 2006 से सितंबर, 2009 के बीच शिक्षकों को इसका लाभ मिला था, लेकिन इसके बाद इस पर रोक लगा दी गई तब से प्रदेश के सैकड़ों शिक्षकों को इसका भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। इंक्रीमेंट का लाभ न मिलने के कारण पीएचडी करने वाले शोधार्थियों में भी निराशा का माहौल था। चूंकि जिस शोध डिग्री के लिए वे अपने जीवन में सबसे कीमती चार वर्ष दे रहे थे। विश्वविद्यालय प्रशासन इसको लेकर टाल मटोल रवैया अपना रहे थे। उन्होंने बताया कि शिक्षकों के इस रोष को देखते हुए कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय शिक्षक संघ इस संबंध में सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा से कई बार मिल चुके थे। शुक्रवार को सांसद कुरुक्षेत्र में थे और उन्होंने शिक्षक संघ के पदाधिकारियों को शनिवार को दिल्ली बुलाया था। शिष्टमंडल के साथ लंबी बातचीत के बाद उन्होंने इस शिष्टमंडल के सदस्यों में कुटा सचिव डॉ. परमेश कुमार, मुरथल विश्वविद्यालय शिक्षक संघ के प्रधान डॉ. पवन दहिया, सचिव मयूर छिकारा आदि थे।6दीपेंद्र से दिल्ली मिलने गया था कुटा का प्रतिनिधिमंडल
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