सिरसा : गत 31 जुलाई को प्रदेश के कालेजों में अंडर ग्रेजुएट (यूजी) क्लास के लिए एडमिशन बंद हो जाने के बाद 30 हजार से ज्यादा बच्चों के दाखिले हो गए। दरअसल, इस बार सीबीएसई व हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड समेत विभिन्न बोर्डो से अकेले साइंस स्ट्रीम से सवा लाख से ज्यादा बच्चे पास आउट हुए। पॉलीटेक्नीक व इंजीनियरिंग कोर्स के प्रति घटते रुझान के चलते विद्यार्थियों ने इस बार परंपरागत शिक्षा की ओर रुख किया। नतीजतन, लगभग सभी कालेजों में मारामारी की स्थिति पैदा हो गई। 1हालत यह हो गई कि एडमिशन की अंतिम तारीख 31 जुलाई के बाद भी बड़ी संख्या में विद्यार्थी दाखिले से वंचित रहे गए। इनमें सबसे ज्यादा तादाद साइंस पढ़ने वालों की रही। उच्चतर शिक्षा विभाग ने
गत 6 अगस्त को प्रदेश के सभी कॉलेजों में ई मेल भेजकर तत्काल मेडिकल, नॉन मेडिकल व बी. कॉम विषयों की एक-एक यूनिट यानी 80-80 सीट बढ़ाने को कहा।1मुख्य संवाददाता, सिरसा : गत 31 जुलाई को प्रदेश के कालेजों में अंडर ग्रेजुएट (यूजी) क्लास के लिए एडमिशन बंद हो जाने के बाद 30 हजार से ज्यादा बच्चों के दाखिले हो गए। दरअसल, इस बार सीबीएसई व हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड समेत विभिन्न बोर्डो से अकेले साइंस स्ट्रीम से सवा लाख से ज्यादा बच्चे पास आउट हुए। पॉलीटेक्नीक व इंजीनियरिंग कोर्स के प्रति घटते रुझान के चलते विद्यार्थियों ने इस बार परंपरागत शिक्षा की ओर रुख किया। नतीजतन, लगभग सभी कालेजों में मारामारी की स्थिति पैदा हो गई। 1हालत यह हो गई कि एडमिशन की अंतिम तारीख 31 जुलाई के बाद भी बड़ी संख्या में विद्यार्थी दाखिले से वंचित रहे गए। इनमें सबसे ज्यादा तादाद साइंस पढ़ने वालों की रही। उच्चतर शिक्षा विभाग ने गत 6 अगस्त को प्रदेश के सभी कॉलेजों में ई मेल भेजकर तत्काल मेडिकल, नॉन मेडिकल व बी. कॉम विषयों की एक-एक यूनिट यानी 80-80 सीट बढ़ाने को कहा।
सिरसा : गत 31 जुलाई को प्रदेश के कालेजों में अंडर ग्रेजुएट (यूजी) क्लास के लिए एडमिशन बंद हो जाने के बाद 30 हजार से ज्यादा बच्चों के दाखिले हो गए। दरअसल, इस बार सीबीएसई व हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड समेत विभिन्न बोर्डो से अकेले साइंस स्ट्रीम से सवा लाख से ज्यादा बच्चे पास आउट हुए। पॉलीटेक्नीक व इंजीनियरिंग कोर्स के प्रति घटते रुझान के चलते विद्यार्थियों ने इस बार परंपरागत शिक्षा की ओर रुख किया। नतीजतन, लगभग सभी कालेजों में मारामारी की स्थिति पैदा हो गई। 1हालत यह हो गई कि एडमिशन की अंतिम तारीख 31 जुलाई के बाद भी बड़ी संख्या में विद्यार्थी दाखिले से वंचित रहे गए। इनमें सबसे ज्यादा तादाद साइंस पढ़ने वालों की रही। उच्चतर शिक्षा विभाग ने गत 6 अगस्त को प्रदेश के सभी कॉलेजों में ई मेल भेजकर तत्काल मेडिकल, नॉन मेडिकल व बी. कॉम विषयों की एक-एक यूनिट यानी 80-80 सीट बढ़ाने को कहा।1मुख्य संवाददाता, सिरसा : गत 31 जुलाई को प्रदेश के कालेजों में अंडर ग्रेजुएट (यूजी) क्लास के लिए एडमिशन बंद हो जाने के बाद 30 हजार से ज्यादा बच्चों के दाखिले हो गए। दरअसल, इस बार सीबीएसई व हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड समेत विभिन्न बोर्डो से अकेले साइंस स्ट्रीम से सवा लाख से ज्यादा बच्चे पास आउट हुए। पॉलीटेक्नीक व इंजीनियरिंग कोर्स के प्रति घटते रुझान के चलते विद्यार्थियों ने इस बार परंपरागत शिक्षा की ओर रुख किया। नतीजतन, लगभग सभी कालेजों में मारामारी की स्थिति पैदा हो गई। 1हालत यह हो गई कि एडमिशन की अंतिम तारीख 31 जुलाई के बाद भी बड़ी संख्या में विद्यार्थी दाखिले से वंचित रहे गए। इनमें सबसे ज्यादा तादाद साइंस पढ़ने वालों की रही। उच्चतर शिक्षा विभाग ने गत 6 अगस्त को प्रदेश के सभी कॉलेजों में ई मेल भेजकर तत्काल मेडिकल, नॉन मेडिकल व बी. कॉम विषयों की एक-एक यूनिट यानी 80-80 सीट बढ़ाने को कहा।www.teacherharyana.blogspot.com (Recruitment , vacancy , job , news)
गत 6 अगस्त को प्रदेश के सभी कॉलेजों में ई मेल भेजकर तत्काल मेडिकल, नॉन मेडिकल व बी. कॉम विषयों की एक-एक यूनिट यानी 80-80 सीट बढ़ाने को कहा।1मुख्य संवाददाता, सिरसा : गत 31 जुलाई को प्रदेश के कालेजों में अंडर ग्रेजुएट (यूजी) क्लास के लिए एडमिशन बंद हो जाने के बाद 30 हजार से ज्यादा बच्चों के दाखिले हो गए। दरअसल, इस बार सीबीएसई व हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड समेत विभिन्न बोर्डो से अकेले साइंस स्ट्रीम से सवा लाख से ज्यादा बच्चे पास आउट हुए। पॉलीटेक्नीक व इंजीनियरिंग कोर्स के प्रति घटते रुझान के चलते विद्यार्थियों ने इस बार परंपरागत शिक्षा की ओर रुख किया। नतीजतन, लगभग सभी कालेजों में मारामारी की स्थिति पैदा हो गई। 1हालत यह हो गई कि एडमिशन की अंतिम तारीख 31 जुलाई के बाद भी बड़ी संख्या में विद्यार्थी दाखिले से वंचित रहे गए। इनमें सबसे ज्यादा तादाद साइंस पढ़ने वालों की रही। उच्चतर शिक्षा विभाग ने गत 6 अगस्त को प्रदेश के सभी कॉलेजों में ई मेल भेजकर तत्काल मेडिकल, नॉन मेडिकल व बी. कॉम विषयों की एक-एक यूनिट यानी 80-80 सीट बढ़ाने को कहा।
सिरसा : गत 31 जुलाई को प्रदेश के कालेजों में अंडर ग्रेजुएट (यूजी) क्लास के लिए एडमिशन बंद हो जाने के बाद 30 हजार से ज्यादा बच्चों के दाखिले हो गए। दरअसल, इस बार सीबीएसई व हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड समेत विभिन्न बोर्डो से अकेले साइंस स्ट्रीम से सवा लाख से ज्यादा बच्चे पास आउट हुए। पॉलीटेक्नीक व इंजीनियरिंग कोर्स के प्रति घटते रुझान के चलते विद्यार्थियों ने इस बार परंपरागत शिक्षा की ओर रुख किया। नतीजतन, लगभग सभी कालेजों में मारामारी की स्थिति पैदा हो गई। 1हालत यह हो गई कि एडमिशन की अंतिम तारीख 31 जुलाई के बाद भी बड़ी संख्या में विद्यार्थी दाखिले से वंचित रहे गए। इनमें सबसे ज्यादा तादाद साइंस पढ़ने वालों की रही। उच्चतर शिक्षा विभाग ने गत 6 अगस्त को प्रदेश के सभी कॉलेजों में ई मेल भेजकर तत्काल मेडिकल, नॉन मेडिकल व बी. कॉम विषयों की एक-एक यूनिट यानी 80-80 सीट बढ़ाने को कहा।1मुख्य संवाददाता, सिरसा : गत 31 जुलाई को प्रदेश के कालेजों में अंडर ग्रेजुएट (यूजी) क्लास के लिए एडमिशन बंद हो जाने के बाद 30 हजार से ज्यादा बच्चों के दाखिले हो गए। दरअसल, इस बार सीबीएसई व हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड समेत विभिन्न बोर्डो से अकेले साइंस स्ट्रीम से सवा लाख से ज्यादा बच्चे पास आउट हुए। पॉलीटेक्नीक व इंजीनियरिंग कोर्स के प्रति घटते रुझान के चलते विद्यार्थियों ने इस बार परंपरागत शिक्षा की ओर रुख किया। नतीजतन, लगभग सभी कालेजों में मारामारी की स्थिति पैदा हो गई। 1हालत यह हो गई कि एडमिशन की अंतिम तारीख 31 जुलाई के बाद भी बड़ी संख्या में विद्यार्थी दाखिले से वंचित रहे गए। इनमें सबसे ज्यादा तादाद साइंस पढ़ने वालों की रही। उच्चतर शिक्षा विभाग ने गत 6 अगस्त को प्रदेश के सभी कॉलेजों में ई मेल भेजकर तत्काल मेडिकल, नॉन मेडिकल व बी. कॉम विषयों की एक-एक यूनिट यानी 80-80 सीट बढ़ाने को कहा।www.teacherharyana.blogspot.com (Recruitment , vacancy , job , news)
No comments:
Post a Comment
thanks for your valuable comment