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नेशनल ब्यूरोत्ननई दिल्ली आखिरकार 9 साल से अटके पड़े पेंशन बिल को केंद्र सरकार ने भाजपा के साथ गठजोड़ कर लोकसभा से पास करा लिया। बिल के कानून बनने के बाद सरकार आम आदमी की पेंशन का पैसा शेयर बाजार में लगा सकेगी। सरकार का इसमें सबसे बड़ा फायदा ये है कि इससे उसकी पैसों की जरूरत आसानी से पूरी हो जाएगी। जबकि पेंशनरों का पैसा
शेयर बाजार के उतार-चढ़ाव पर निर्भर हो जाएगा। बुधवार विधेयक के पक्ष में 174 और विरोध में 33 मत पड़े। भाजपा ने यह कहते हुए समर्थन किया कि ये अटलजी का सपना था। बिल के कानूनी रूप ले लेने के बाद सरकार का 26alt39 एफडीआई लाने का रास्ता साफ हो जाएगा। इससे बाजार को गति मिलने के आसार बताए जा रहे हैं।
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ये प्रभावित होंगे ञ्च26 राज्यों के 17 लाख 75 हजार कर्मचारियों समेत कें्र और निजी क्षेत्र के 52 लाख से ज्यादा कर्मचारी। ञ्चइनकी 34 हजार करोड़ रु. से ज्यादा की राशि सरकार शेयर मार्केट में लगा सकेगी। साथ ही नियामक इसकी निगरानी भी करेगा। सरकार इसलिए खुश ञ्चसरकार अपनी माली हालत सुधार सकेगी। अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी। ञ्चलंबे समय से अटका २६ फीसदी विदेशी निवेश आने का रास्ता साफ। ञ्चलंबी अवधि का कर्ज लेने में आसानी होगी। बाजार में पूंजी की कमी दूर होगी। हमें ये फायदा बता रहे हैं ञ्चपैसा शेयर बाजार में लगेगा। बाजार में बूम आने से अच्छा रिटर्न मिल सकेगा। ञ्चनिजी पेंशन खाता मिलेगा। जो नौकरी बदलने के बाद भी बरकरार रहेगा। ञ्चपेंशन योजना के कई विकल्प होने से अच्छी योजना चुनने का मौका
सरकार क्या तर्क दे रही है इसके पीछे? ञ्चपेंशन फंड रेगुलेटरी विधेयक पहली बार पेंशन क्षेत्र में नियामक का गठन करने का रास्ता साफ करेगा। ञ्चइससे पेंशन क्षेत्र की सारी हरकतें एक नियामक के दायरे में आ जाएंगी। कहीं कोई गड़बड़ी होगी तो नियामक उस पर नजर रखेगा। ञ्चपेंशनधारक फंड को व्यवस्थित करने के लिए प्रबंधक और निवेश के लिए योजना चुन सकेंगे।
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भाजपा खुलकर बिल के समर्थन में है। लिहाजा इसका राज्यसभा में पास होना भी तय है। इसके बाद मंजूरी के लिए राष्ट्रपति के पास जाएगा। वहां से हरी झंडी मिलने के बाद यह कानूनी शक्ल ले लेगा।
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जीवन की जमा पूंजी के साथ खिलवाड़ होगा यह ञ्चसंदीप चौधरीत्नविशेषज्ञ पेंशन फंड का पैसा शेयर मार्केट में लगाया जाएगा। विदेशी निवेश की इजाजत होगी। मैं दोनों के नुकसान देखता हूं। इस फंड को बाजार के हवाले कर देना, आम आदमी की जिंदगी से खिलवाड़ होगा। विदेशी निवेश इस रिस्क को और ज्यादा बढ़ा देगा।
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निष्कर्ष : जमानत नामंजूर सेशन जज ने कहा कि अब तक की जांच व साक्ष्यों से पुलिस की कहानी पर अविश्वास किए जाने का कोई कारण नहीं बनता। लिहाजा आसाराम की जमानत अर्जी खारिज की जाती है।
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बाजार चढ़ा तो रिटर्न मिलेगा, अगर गिरा तो पैसा डूब जाएगा मीरेन्द्र चटर्जीत्न पूर्व मुख्य आयुक्त, ईपीएफओ नए प्रावधानों में नेशनल पेंशन स्कीम के तहत पेंशनर का पैसा कैपिटल मार्केट में लगाया जाएगा। मार्केट चढ़ जाएगा तो फायदा होगा। अगर नीचे गिरा तो नुकसान भी होगा। एनपीएस 2004 में शुरू हुई। इसमें 60 साल तक पैसा जमा करना है उसके बाद पैसा निकालना है। म्युचुअल फंड की तरह यह रिस्की होगा। शेयर बाजार की तरह रोज मार्केट की कीमत देखनी होगी। रिटायरमेंट के समय मार्केट की क्या स्थिति है इस पर कर्मचारी की निगाह होगी।
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