school lectlurer bharti court case HPSC

जींद 1हरियाणा लोक सेवा आयोग की ओर से विज्ञापन संख्या 3/2009 के तहत की गई स्कूल लेक्चरर भर्ती में साक्षात्कार के लिए निर्धारित अंकों को हाई कोर्ट में चुनौती दी गई है। कोर्ट ने राज्य सरकार व एचपीएससी को नोटिस जारी किया है। सुनवाई 13 नवंबर को होगी। 1हरियाणा लोक सेवा आयोग ने जून 2009 में विज्ञापन संख्या 3/2009 के तहत विभिन्न विषयों के स्कूल लेक्चरर के लिए आवेदन मांगे थे। लिखित परीक्षा दिसंबर 2010 में आयोजित की गई और लिखित परीक्षा का परिणाम भी दिसंबर 2010 में घोषित कर दिया गया था, लेकिन कुछ कोर्ट केस के चलते भर्ती प्रक्रिया 2012 में जाकर पूरी हुई थी। असफल उम्मीदवारों ने सूचना के अधिकार के तहत भर्ती में अपनाए गए मापदंडों की जानकारी मांगी तो
पता चला कि भर्ती के लिए कुल 100 अंक में 60 अंक अकेले साक्षात्कार के रखे गए थे जबकि सुप्रीम कोर्ट के दो फैसलों के मुताबिक यह 15 अंक से ज्यादा नहीं हो सकते। 10 मई 1985 को सुप्रीम कोर्ट का फैसला अशोक कुमार यादव नाम से हरियाणा लोक सेवा आयोग के खिलाफ दिया गया था। फिर भी आयोग ने यह भर्ती मापदंड अपनाए। इस भर्ती में चयनित न होने वाले चार आवेदकों पूनम और महेश शर्मा व अन्य ने दो विषयों अंग्रेजी तथा राजनीतिक शास्त्र में भर्ती मापदंड के खिलाफ याचिका दायर की है। 1हाई कोर्ट ने पूनम की अंग्रेजी विषय में सीडब्ल्यूपी नंबर-19305/2013 और महेश शर्मा व अन्य की राजनीतिक शास्त्र में सीडब्ल्यूपी नंबर-19330/2013 के तहत याचिका स्वीकार की है और इस मामले में हरियाणा सरकार व एचपीएससी को 13 नवंबर 2013 के लिए नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।1आयोग ने क्या अपनाए हैं मापदंड1सूचना के अधिकार के तहत मिली सूचना के अनुसार हरियाणा लोक सेवा आयोग ने विज्ञापन संख्या 3/2009 में स्कूल लेक्चरार भर्ती में 25 नंबर पात्रता, पांच नंबर एम.फिल, पांच नंबर पीएचडी और पांच नंबर अन्य योग्यताओं को दिए हैं। इसमें साक्षात्कार को सबसे अधिक महत्व दिया गया है, जिसके लिए 60 अंक निर्धारित किए गए। इसी प्रकार से एम.फिल व पीएचडी धारक बहुत कम मिलते हैं और अन्य योग्यताओं जिनमें एनसीसी बी, सी सर्टिफिकेट, एम.ए में 75 प्रतिशत से ज्यादा, खेलों का राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय सर्टिफिकेट पर पर पांच नंबर देने की बात कही गई है। यह योग्यताएं भी बहुत कम लोगों के पास होती है।1सबको दिए समान नंबर1हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड द्वारा 2008 में ली गई पहली पात्रता परीक्षा के निकाले गए प्रास्पेक्टस में साफ लिखा गया था कि भर्ती के दौरान पात्रता परीक्षा के अंकों को तवज्जो दिया जाए, लेकिन हरियाणा लोक आयोग द्वारा निकाली गई भर्ती के अपनाए गए मापदंडों में पात्रता परीक्षा पास करने वाले सभी उम्मीदवारों के 25 अंक दिए गए हैं जबकि पात्रता में जिसके ज्यादा अंक होने थे, उसे ज्यादा व जिसके कम अंक होने थे, उसे कम अंक दिए जाने थे, लेकिन ऐसा नहीं किया गया।रवि हसिजा, जींद 1हरियाणा लोक सेवा आयोग की ओर से विज्ञापन संख्या 3/2009 के तहत की गई स्कूल लेक्चरर भर्ती में साक्षात्कार के लिए निर्धारित अंकों को हाई कोर्ट में चुनौती दी गई है। कोर्ट ने राज्य सरकार व एचपीएससी को नोटिस जारी किया है। सुनवाई 13 नवंबर को होगी। 1हरियाणा लोक सेवा आयोग ने जून 2009 में विज्ञापन संख्या 3/2009 के तहत विभिन्न विषयों के स्कूल लेक्चरर के लिए आवेदन मांगे थे। लिखित परीक्षा दिसंबर 2010 में आयोजित की गई और लिखित परीक्षा का परिणाम भी दिसंबर 2010 में घोषित कर दिया गया था, लेकिन कुछ कोर्ट केस के चलते भर्ती प्रक्रिया 2012 में जाकर पूरी हुई थी। असफल उम्मीदवारों ने सूचना के अधिकार के तहत भर्ती में अपनाए गए मापदंडों की जानकारी मांगी तो पता चला कि भर्ती के लिए कुल 100 अंक में 60 अंक अकेले साक्षात्कार के रखे गए थे जबकि सुप्रीम कोर्ट के दो फैसलों के मुताबिक यह 15 अंक से ज्यादा नहीं हो सकते। 10 मई 1985 को सुप्रीम कोर्ट का फैसला अशोक कुमार यादव नाम से हरियाणा लोक सेवा आयोग के खिलाफ दिया गया था। फिर भी आयोग ने यह भर्ती मापदंड अपनाए। इस भर्ती में चयनित न होने वाले चार आवेदकों पूनम और महेश शर्मा व अन्य ने दो विषयों अंग्रेजी तथा राजनीतिक शास्त्र में भर्ती मापदंड के खिलाफ याचिका दायर की है। 1हाई कोर्ट ने पूनम की अंग्रेजी विषय में सीडब्ल्यूपी नंबर-19305/2013 और महेश शर्मा व अन्य की राजनीतिक शास्त्र में सीडब्ल्यूपी नंबर-19330/2013 के तहत याचिका स्वीकार की है और इस मामले में हरियाणा सरकार व एचपीएससी को 13 नवंबर 2013 के लिए नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।1आयोग ने क्या अपनाए हैं मापदंड1सूचना के अधिकार के तहत मिली सूचना के अनुसार हरियाणा लोक सेवा आयोग ने विज्ञापन संख्या 3/2009 में स्कूल लेक्चरार भर्ती में 25 नंबर पात्रता, पांच नंबर एम.फिल, पांच नंबर पीएचडी और पांच नंबर अन्य योग्यताओं को दिए हैं। इसमें साक्षात्कार को सबसे अधिक महत्व दिया गया है, जिसके लिए 60 अंक निर्धारित किए गए। इसी प्रकार से एम.फिल व पीएचडी धारक बहुत कम मिलते हैं और अन्य योग्यताओं जिनमें एनसीसी बी, सी सर्टिफिकेट, एम.ए में 75 प्रतिशत से ज्यादा, खेलों का राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय सर्टिफिकेट पर पर पांच नंबर देने की बात कही गई है। यह योग्यताएं भी बहुत कम लोगों के पास होती है।1सबको दिए समान नंबर1हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड द्वारा 2008 में ली गई पहली पात्रता परीक्षा के निकाले गए प्रास्पेक्टस में साफ लिखा गया था कि भर्ती के दौरान पात्रता परीक्षा के अंकों को तवज्जो दिया जाए, लेकिन हरियाणा लोक आयोग द्वारा निकाली गई भर्ती के अपनाए गए मापदंडों में पात्रता परीक्षा पास करने वाले सभी उम्मीदवारों के 25 अंक दिए गए हैं जबकि पात्रता में जिसके ज्यादा अंक होने थे, उसे ज्यादा व जिसके कम अंक होने थे, उसे कम अंक दिए जाने थे, लेकिन ऐसा नहीं किया गया।
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