आधार कार्ड बनाने में प्रशासनिक स्तर पर जितनी ढिलाई हुई उसका असर दो तरह से दिखाई दे रहा है। लगभग दो साल पूरे होने को आए पर आधे आधार कार्ड भी नहीं बन पाए। दूसरा साइड इफेक्ट यह हुआ कि कार्डो में इतनी त्रुटियां हैं कि सामान्य तरीकों से काबू नहीं आ सकतीं। विशेष प्रबंधों के तहत त्रुटि सुधार केंद्र खोलने की बाध्यता सामने आ रही है। स्पष्ट है कि प्रक्रिया की गंभीरता और योजना के समयबद्ध क्रियान्वयन की प्रतिबद्धता को नितांत हल्के में लिया गया। इसकी क्षतिपूर्ति करने में अब समय व संसाधन, दोनों का अपव्यय होगा। आधार कार्ड के महत्व के बारे में केंद्र तथा राज्य सरकारों ने जितना प्रचार किया, उसी अनुपात में लक्ष्य पूरा करने के प्रयास नहीं होने का खमियाजा कार्ड बनवाने वालों को ही क्यों भुगतना पड़े? सुप्रीम कोर्ट के आदेश से आधार कार्ड का वजन कम हुआ जिसे दुरुस्त करने के लिए केंद्र सरकार को खासी मशक्कत करनी पड़ रही है। अब प्रदेश सरकार को भी आधार कार्ड पर अपनी प्राथमिकताएं तय करनी होंगी। सोनीपत और अंबाला में गैस सब्सिडी उपभोक्ता के खातों में सीधे ट्रांसफर करने की योजना 1 जनवरी से शुरू हो चुकी पर विडंबना देखिये कि वहां भी आधार कार्ड पूरे नहीं बन पाए। दस फीसद उपभोक्ताओं के खातों में भी गैस सब्सिडी नहीं पहुंच रही। फजीहत से बचने के लिए अगले चरण में कुछ और जिलों को शामिल करने से पहले गंभीर तैयारी करने की आवश्यकता है। हालांकि केंद्र व प्रदेश सरकार ने आधार कार्ड को ऑन लाइन उपलब्ध करवाने के साथ कुछ अन्य सुविधाएं दी हैं पर सबसे अहम सवाल यह है कि प्रशासनिक दक्षता और आमजन को जागरूक करने के लिए सरकार क्या अतिरिक्त कदम उठाने जा रही है? ऑन लाइन सुविधा का लाभ तभी उठाया जा सकेगा जब उपभोक्ता को तकनीकी जानकारी होगी। इसके लिए अभी तक किसी जिले में तकनीकी दक्षता केंद्र नहीं बनाया गया। त्रुटि सुधार केंद्र से अधिक जरूरी हैं तकनीकी प्रशिक्षण केंद्र। यह सुविधा निश्शुल्क देकर उपभोक्ता का रुझान आधार कार्ड की ओर करने में निश्चित रूप से मदद मिलेगी। लक्ष्य प्राप्ति में सबसे कमजोर जिलों पर विशेष ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए। शेष उपभोक्ताओं के कार्ड बनाने के लिए समय सीमा निर्धारित करके यदि गंभीर प्रयास किए जाएंगे तभी उद्देश्य प्राप्ति की उम्मीद की जा सकती है। ध्यान रहे, राष्ट्रीय योजना के इतने लंबे अर्से तक घिसटने का सीधा असर सरकार की साख पर पड़ सकता है।www.teacherharyana.blogspot.com (Recruitment , vacancy , job , news)
आधार बेआधार
आधार कार्ड बनाने में प्रशासनिक स्तर पर जितनी ढिलाई हुई उसका असर दो तरह से दिखाई दे रहा है। लगभग दो साल पूरे होने को आए पर आधे आधार कार्ड भी नहीं बन पाए। दूसरा साइड इफेक्ट यह हुआ कि कार्डो में इतनी त्रुटियां हैं कि सामान्य तरीकों से काबू नहीं आ सकतीं। विशेष प्रबंधों के तहत त्रुटि सुधार केंद्र खोलने की बाध्यता सामने आ रही है। स्पष्ट है कि प्रक्रिया की गंभीरता और योजना के समयबद्ध क्रियान्वयन की प्रतिबद्धता को नितांत हल्के में लिया गया। इसकी क्षतिपूर्ति करने में अब समय व संसाधन, दोनों का अपव्यय होगा। आधार कार्ड के महत्व के बारे में केंद्र तथा राज्य सरकारों ने जितना प्रचार किया, उसी अनुपात में लक्ष्य पूरा करने के प्रयास नहीं होने का खमियाजा कार्ड बनवाने वालों को ही क्यों भुगतना पड़े? सुप्रीम कोर्ट के आदेश से आधार कार्ड का वजन कम हुआ जिसे दुरुस्त करने के लिए केंद्र सरकार को खासी मशक्कत करनी पड़ रही है। अब प्रदेश सरकार को भी आधार कार्ड पर अपनी प्राथमिकताएं तय करनी होंगी। सोनीपत और अंबाला में गैस सब्सिडी उपभोक्ता के खातों में सीधे ट्रांसफर करने की योजना 1 जनवरी से शुरू हो चुकी पर विडंबना देखिये कि वहां भी आधार कार्ड पूरे नहीं बन पाए। दस फीसद उपभोक्ताओं के खातों में भी गैस सब्सिडी नहीं पहुंच रही। फजीहत से बचने के लिए अगले चरण में कुछ और जिलों को शामिल करने से पहले गंभीर तैयारी करने की आवश्यकता है। हालांकि केंद्र व प्रदेश सरकार ने आधार कार्ड को ऑन लाइन उपलब्ध करवाने के साथ कुछ अन्य सुविधाएं दी हैं पर सबसे अहम सवाल यह है कि प्रशासनिक दक्षता और आमजन को जागरूक करने के लिए सरकार क्या अतिरिक्त कदम उठाने जा रही है? ऑन लाइन सुविधा का लाभ तभी उठाया जा सकेगा जब उपभोक्ता को तकनीकी जानकारी होगी। इसके लिए अभी तक किसी जिले में तकनीकी दक्षता केंद्र नहीं बनाया गया। त्रुटि सुधार केंद्र से अधिक जरूरी हैं तकनीकी प्रशिक्षण केंद्र। यह सुविधा निश्शुल्क देकर उपभोक्ता का रुझान आधार कार्ड की ओर करने में निश्चित रूप से मदद मिलेगी। लक्ष्य प्राप्ति में सबसे कमजोर जिलों पर विशेष ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए। शेष उपभोक्ताओं के कार्ड बनाने के लिए समय सीमा निर्धारित करके यदि गंभीर प्रयास किए जाएंगे तभी उद्देश्य प्राप्ति की उम्मीद की जा सकती है। ध्यान रहे, राष्ट्रीय योजना के इतने लंबे अर्से तक घिसटने का सीधा असर सरकार की साख पर पड़ सकता है।www.teacherharyana.blogspot.com (Recruitment , vacancy , job , news)
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