फौजियों को दूसरे जिलों की कैंटीनों से नहीं मिलेगा सामान


चंडीगढ़ (ब्यूरो)। दिवाली से पहले रक्षा मंत्रालय ने रिटायर्ड आर्मी अफसरों और फौजियों को झटका दिया है। मंत्रालय से जारी आदेशों के मुताबिक फौजी सिर्फ अपने ही जिले की कैंटीन से सामान ले पाएंगे, दूसरे जिले की कैंटीन से खरीदारी नहीं कर पाएंगे। मंत्रालय के आदेश के बाद चंडीगढ़ के बाहर के फौजियों को बिना सामान लिए ही लौटना पड़ रहा है। एक्स सर्विस लीग चंडीगढ़ ने इसका कड़ा विरोध जताया है। लीग मंत्रालय के खिलाफ आंदोलन छेड़ेगा। फिर भी बात नहीं बनी तो लीग कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगा।
स्मार्ट कार्ड रिन्युवल कराने पर पता चला
मोरिंडा निवासी रिटायर्ड कर्नल मलकीत सिंह ने बताया कि वे जब अपने स्मार्ट कार्ड को रिन्यू कराने चंडीगढ़ की कैंटीन में पहुंचे तो उन्हें रोक दिया गया। उन्हें बताया गया कि वे जिस जिले में रहते हैं, उसी जिले की कैंटीन से सामान लेना होगा। सात साल पहले स्मार्ट कार्ड की व्यवस्था की गई थी। इसके तहत कोई भी एक्स और आर्मी मैन अपने स्मार्ट कार्ड से देश भर की किसी भी कैंटीन से सामान ले सकता था।
इसलिए लगाया बैन!
एक्स सर्विसमैन ज्वाइंट एक्शन फ्रंट के जनरल सेक्रेटरी कर्नल सीजेएस खैरा ने बताया कि आर्मी की कुछ कैंटीन में तो सारा सामान होता है, लेकिन कुछ में नाममात्र का। यह स्थिति चंडीगढ़ और कमांड के बाहर स्थित कैंटीनों का है। जब मोहाली और रोपड़ की कैंटीन में सामान नहीं होगा तो लाजिमी है कि व्यक्ति चंडीगढ़ आएगा। सभी कैंटीनों में बराबर सामान आएगा तो कोई दूसरी कैंटीन में जाएगा ही नहीं। सूत्र बता रहे हैं कि भीड़ कम करने के लिए ही यह फैसला लिया गया है।
पॉलिक्लीनिक में इसी तर्ज पर होता है इलाज
ईसीएचएस पॉलिक्लीनिक में इसी तर्ज पर ही इलाज हो रहा है। जिस सेक्टर में एक्स सर्विसमैन रहते हैं, उसी सेक्टर की ईसीएचएस में उन्हें इलाज की सुविधा दी जाती है। दूसरे ईएसीएच में उनका इलाज नहीं होता है। किसी ईसीएचएस में खूब दवाइयां हैं तो किसी में नाम मात्र की। इससे एक्स सर्विसमैन को काफी परेशानी आ रही है।
कोट
खरड़ और डेराबस्सी में रहने वाले एक्स सर्विसमैन के लिए चंडीगढ़ काफी पास पड़ता है। अब उन्हें मोहाली की कैंटीन से सामान लेना होगा। इससे उन्हें काफी परेशान होना होगा। इसके खिलाफ जल्द ही मोर्चा खोला जाएगा। रक्षा मंत्रालय को जल्द ही लेटर लिखेंगे।
-कर्नल मलकीत सिंह,
प्रेजीडेंट, एक्स सर्विस लीग, चंडीगढ़
कोट
जब फौजियों की खरीदारी तय है तो वह उससे ज्यादा सामान कैसे ले सकता है? यह एक्स सर्विसमैन के साथ धोखा है। इससे चंडीगढ़ के बाहर के फौजियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ेगा।
-कर्नल सीजेएस खैरा,
जनरल सेक्रेटरी एक्स सर्विसमैन ज्वाइंट एक्शन फ्रंटwww.teacherharyana.blogspot.com (Recruitment , vacancy , job , news)

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