Dalip Bishnoi
वर्ष 2011 में अपने गृह जिले की बजाय अन्य जिलो में नियुक्त जेबीटी साथियो के होम डिस्टिक वाले केस की आज अहम सुनवाई हुई। सरकार/विभाग ने अपने 14-15 पेज के एफिडेविट में गोल-मोल बाते की हुई थी जबकि कोर्ट ने अपने पिछले आदेश में निदेशक, मौलिक शिक्षा विभाग से एफिडेविट दाखिल कर साफ-साफ ये बताने को कहा था कि होम डिस्टिक में ट्रान्सफर कितनी समय-सीमा में कर दिया जायेगा। कोर्ट ने आज दाखिल एफिडेविट पर गहरा असंतोष जताया और अब वर्ष 2010 में नियुक्ति के लिए हुई काउंसलिंग का पूरा रिकार्ड तलब कर लिया है, और भी डाटा पेश करने को कहा है जैसे कितनी पोस्ट उस टाइम खाली थी, अब वर्तमान में कितनी पोस्ट खाली है आदि-आदि। अब अगले हफ्ते मामले की फिर सुनवाई होगी। पिछली तारीख और आज सरकारी पक्ष के वकील और हमारे वकीलों के बीच पूरी गर्मागर्म बहस हुई और कोर्ट में हाजिर हर व्यक्ति इस मामले पर बहुत उत्सुक नजर आया कि मामले में आखिर क्या फैसला होगा। इस बात में कोई दो राय नहीं कि हम अभी तक तो सरकारी पक्ष के वकील पर भारी पड़ रहे है। अब लगता है कि साथियो को इस बार दिवाली से पहले ही दिवाली मनाने का अवसर मिलने वाला है। साथियो से निवेदन है कि इससे ज्यादा अभी कोई बात और ना पूछे क्योकि उसका कोई कारण है जो अगले हफ्ते निर्णय आने के बाद आप भी समझ जायेंगे और मैं भी बता दूंगा। उम्मीद है आप मुझ पर सदैव की भांति अपना भरोसा कायम रखेंगे। धन्यवाद साथियो।
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