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प्राध्यापकों के प्रमाण पत्रों की जांच होगी
कैथल। जिला शिक्षा विभाग ने हाईकोर्ट के स्टे हटाने के बाद चयनित 160 के करीब लेक्चररों में से पचास लेक्चररों के कागजात संदिग्ध होने के कारण उनके डाक्यूमेंटों की जांच करवाने का फैसला किया है। विभाग के इस कदम से कैथल में ज्वाइन करने वाले 50 प्राध्यापक पशोपेश में फंस गए हैं।
दरअसल, विभाग ने बिना अध्यापक पात्रता परीक्षा पास न करके अनुभव प्रमाण पत्र के आधार परनौकरी हासिल करने वाले लगभग 40 प्राध्यापकों और संदिग्ध विश्वविद्यालयों डिग्री धारकों के कागजातों की जांच शुरू कर दी है और अभी इन चालीस प्राध्यापकों की ज्वाइनिंग नहीं करवाई गई है।
अनुभव प्रमाण पत्रों की हो चुकी है जांच
शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के अनुसार शिक्षा विभाग में विभिन्न विषयों के प्राध्यापकों की भर्तियों के लिए चयनित प्राध्यापकों की लिस्टें जारी की थीं। इस लिस्ट में शामिल हरियाणा अध्यापक पात्रता परीक्षा पास करने वाले प्राध्यापकों की ज्वाइनिंग तो करवाई दी गई है लेकिन ऐसे प्राध्यापकों को ज्वाइन नहीं करवाई जा रही है जिन्होंने हरियाणा अध्यापक पात्रता परीक्षा पास नहीं की है और इसके बदले अध्यापन का चार साल का अनुभव प्रमाण पत्र दिया है। अब विभाग इन प्राध्यापकों के अनुभव प्रमाण पत्रों की जांच कर रहा है।
कैथल में चयनित होने वाले ऐसे लगभग 40 प्राध्यापक हैं।
दस की डिग्रियां भी संदेह के घेरे में
विभागीय जानकारी के अनुसार जिले के लिए चयनित हुए करीब 10 प्राध्यापक ऐसे हैं, जिनकी डिग्रियां संदेह के घेरे में हैं। इनकी निदेशालय स्तर पर जांच की जा रही है। यदि डिग्रियां फर्जी पाई गईं तो इन प्राध्यपकों की नौकरी भी खतरे में पड़ जाएगी। उप-जिला शिक्षा अधिकारी शमशेर सिंह सिरोही ने बताया कि करीब 40 प्राध्यापक ऐसे हैं, जिनके अनुभव प्रमाण पत्रों की जांच निदेशालय स्तर पर हो रही है। कई प्राध्यापकों की डिग्रियों की भी जांच विभागीय स्तर पर चल रही है। बिना एचटेट पास प्राध्यापकों को ज्वाइन न करवाने बारे विभागीय आदेश प्राप्त हुए थे। जिस कारण केवल उन प्राध्यापकों को ज्वाइन करवाया है, जिन्होंने पात्रता परीक्षा पास की है।
हाईकोर्ट के स्टे हटाने के बाद किए गए थे चयनित
जांच होने तक इनकी नहीं होगी ज्वाइनिंग
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