बायोमीटिक मशीनें बनीं डिब्बा


www.teacherharyana.blogspot.com (Recruitment , vacancy , job , news)

बायोमीटिक मशीनें बनीं डिब्बा

यशपाल शर्मा, चंडीगढ़ 1प्रदेश के हाई और सीनियर सेकेंडरी स्कूलों में 60 करोड़ की लागत से लगाई गई बायोमीटिक मशीनें डिब्बा बनकर रह गई हैं। शिक्षकों की हाजिरी समय पर दर्ज कराने के उद्देश्य से इन्हें लगाया गया था। 1इनकी गुणवत्ता पर शिक्षकों ने सवाल उठाए थे, मगर शिक्षा विभाग के आगे एक न चली। यही कारण है कि रखरखाव के अभाव में 80 फीसद मशीनें धूल फांक रही हैं। मशीनें लगाने वाली कंपनियां अब इन्हें ठीक करने को भी तैयार नहीं हैं। शिक्षा विभाग मशीनों को जिस रेट पर ठीक कराना चाहता है, उस पर कोई राजी नहीं। 1खर्च 60 करोड़ रुपये में पड़ी मशीनों के लंबे समय से खराब होने के कारण शिक्षकों ने विभाग के निर्णय पर उंगलियां उठाना शुरू कर दी हैं। शिक्षक संगठन मशीन खरीद को वित्तीय अनियमितताओं से जोड़ रहे हैं। मुख्याध्यापकों व प्राचार्यो का कहना है कि खरीद के समय ही मरम्मत की जिम्मेदारी भी कंपनियों की फिक्स होनी चाहिए थी। विभाग नींद से उठकर जल्द इन्हें ठीक कराने के लिए उचित कदम उठाए। 1 हाई व सीनियर सेकेंडरी के बाद मिडिल स्कूल तक बायोमीटिक अटेंडेंस सिस्टम शुरू किया जाना था, लेकिन मशीनें खराब होने से शुरुआती चरण की योजना पर ही प्रश्नचिह्न लग गया। स्कूलों में फिर से रजिस्टर में हाजिरी दर्ज करने की व्यवस्था लागू कर दी गई है।1यशपाल शर्मा, चंडीगढ़ 1प्रदेश के हाई और सीनियर सेकेंडरी स्कूलों में 60 करोड़ की लागत से लगाई गई बायोमीटिक मशीनें डिब्बा बनकर रह गई हैं। शिक्षकों की हाजिरी समय पर दर्ज कराने के उद्देश्य से इन्हें लगाया गया था। 1इनकी गुणवत्ता पर शिक्षकों ने सवाल उठाए थे, मगर शिक्षा विभाग के आगे एक न चली। यही कारण है कि रखरखाव के अभाव में 80 फीसद मशीनें धूल फांक रही हैं। मशीनें लगाने वाली कंपनियां अब इन्हें ठीक करने को भी तैयार नहीं हैं। शिक्षा विभाग मशीनों को जिस रेट पर ठीक कराना चाहता है, उस पर कोई राजी नहीं। 1खर्च 60 करोड़ रुपये में पड़ी मशीनों के लंबे समय से खराब होने के कारण शिक्षकों ने विभाग के निर्णय पर उंगलियां उठाना शुरू कर दी हैं। शिक्षक संगठन मशीन खरीद को वित्तीय अनियमितताओं से जोड़ रहे हैं। मुख्याध्यापकों व प्राचार्यो का कहना है कि खरीद के समय ही मरम्मत की जिम्मेदारी भी कंपनियों की फिक्स होनी चाहिए थी। विभाग नींद से उठकर जल्द इन्हें ठीक कराने के लिए उचित कदम उठाए। 1 हाई व सीनियर सेकेंडरी के बाद मिडिल स्कूल तक बायोमीटिक अटेंडेंस सिस्टम शुरू किया जाना था, लेकिन मशीनें खराब होने से शुरुआती चरण की योजना पर ही प्रश्नचिह्न लग गया। स्कूलों में फिर से रजिस्टर में हाजिरी दर्ज करने की व्यवस्था लागू कर दी गई है।


No comments:

Post a Comment

thanks for your valuable comment

See Also

Calculate your age

Age Calculator Choose date of birth: OR enter birth details: / / Calculate Age