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हाईटेक नकल : घड़ी में मोबाइल, कान में ब्लू टुथ
तीन नकलची त्न हिसार के सरकारी स्कूल का पीटीआई मोबाइल नुमा घड़ी से कर रहा था नकल, दूसरे के जूते की एड़ी में मिला मोबाइल
तीसरा नकलची हाईटेक नहीं था। वह पुराने तौर-तरीकों से ही प्रश्न पत्र हल करने की कोशिश कर रहा था। वह अपने हाव-भाव और संदिग्ध परिस्थितियों के कारण पकड़ में आ गया। यह नकलची था हिसार का नीरज। वह अम्बाला पब्लिक स्कूल दुर्गा नगर सिटी में परीक्षा दे रहा था। वह अपने साथ पर्ची लाया था। यह पर्ची प्रश्न पुस्तिका के अंदर थी। वह बार-बार इधर-उधर देख रहा था। कभी उसकी निगाहें ड्यूटी देने वालों की तरफ टिक जाती थी। बस यहीं से उस पर नजर रखी गई। ड्यूटी देने वालों ने जब प्रश्न पत्र हिलाया तो उसमें से पर्ची निकल आई।
सिटी के तुलसी वुमन बीएड कॉलेज में ही दूसरा नकलची पकड़ाया। यह हिसार का अमन कुमार था। अमन सरकारी स्कूल में पीटीआई शिक्षक है। इसके हाथ में शानदार बड़ी घड़ी थी। दरअसल, वह घड़ी नहीं, डबल सिम वाला मोबाइल था। अमन का हाथ बार-बार घड़ी पर जा रहा था। सुपरिंटेंडेंट ने देखा कि अमन का ध्यान प्रश्न पत्र हल करने से ज्यादा घड़ी पर था। उन्होंने उसके निकट जाकर पूछा तब वह भी मुकर गया। घड़ी खुलवा कर देखी तो परीक्षा केंद्र में बैठे सभी विद्यार्थियों की आंखें भी फटी रह गईं। अमन इसी मोबाइल के जरिए एसएमएस से प्रश्नों के उत्तर मंगवा रहा था।
15 मिनट में कैसे होती तलाशी परीक्षार्थियों की
दूसरे के रोल नंबर पर बैठ गया परीक्षार्थी
सिटी के तुलसी वुमन बीएड कॉलेज में रोहतक का अनिल कुमार परीक्षा देने आया था। वह जूते में मोबाइल छिपा कर लाया था। यह मोबाइल एड़ी में फंसा हुआ था। इसके लिए उसने विशेष तौर पर जूता बनवाया था। कान में ब्लू टुथ लगा रखा था। इसी के जरिए वह अपने सूत्र से प्रश्नों के जवाब मंगवा रहा था। बार-बार वह कान पर हाथ लगा रहा था। सुपरिंटेंडेंट प्रीतम सैनी को शक हुआ। वह कुछ भी नहीं बोले। नजरें उसी पर गड़ा दीं। पूछा, तुम ब्लू टुथ का उपयोग कर रहे हो। अनिल मुकर गया। सैनी ने ब्लू टुथ अपने मोबाइल पर लगाया, मोबाइल घनघना उठा। अनिल की पोल खुल गई।
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अम्बाला सिटी त्न एचटेट पीजीटी की परीक्षा ने नकल के मामले में ऐसे किरदार उजागर किए, जो नकल पकडऩे के मामले में जाने जाते हैं। ये हाईटेक नकलची अपने आपको बेहद समझदार समझ रहे थे लेकिन पकडऩे वाले उनसे भी ज्यादा तेज-तर्रार थे। नतीजा यह निकला कि परीक्षा में तीन नकलची पकड़ लिए गए। पकडऩे वाले खुद हैरान थे।
एक नकलची बार-बार घड़ी की तरफ देख रहा था। दूसरे का पैर कुछ ज्यादा ही सलबला रहा था। बस, यहीं से सुपरिंटेंडेंट को शंका हो गई। यह शंका बाद में हकीकत में तब्दील हो गई। नकलचियों के चेहरे उतरे हुए थे। उनके पास जवाब नहीं था। सुपरिंटेंडेंट ने उन्हें नसीहत भी दी। कहा गया कि आप लोग खुद नकल रहे हैं तो आने वाली पीढ़ी आपसे क्या उम्मीद रखेगी। बहरहाल, इन तीन नकलचियों को छोड़कर कैंट और सिटी के 29 परीक्षा केंद्रों पर एचटेट की परीक्षा शांतिपूर्वक संपन्न हो गई।
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